True Hindi Ghost Story

True Hindi Ghost Story: बच्चा ना मिला तो आत्मा बन गई मालिनी

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True Hindi Ghost Story जो ईसा के साथ घटी, ईशा महाराष्ट्र की रहने वाली है ईशा के पापा की साइड के परिवार मे जितने भी लोग है जैसे दादी बुआ चाचा पूरा परिवार काफी टाइम से एक चीज से जूझ रहे थे जो था बच्चे ना होना मतलब ईशा की दादी और दादा जी के दो बच्चे थे एक ईशा की बुआ जो कि बड़ी बेटी थी और दूसरे ईशा के पिता जो कि छोटे थे ईशा के पिता के जन्म के बाद ईशा के फादर की पूरी फैमिली में किसी भी नए बच्चे का जन्म ही नहीं हुआ अगर कोई प्रेग्नेंट हो जाता था तो प्रेगनेंट होने के एक दो तीन महीने के अंदर ही बच्चे की डेथ हो जाती थी और किसी को कुछ समझ नहीं आता था कि ऐसा क्यों हो रहा है कितने भी टेस्ट करा लो कितना भी हर चीज ट्राई कर ली सबने लेकिन कोई भी फायदा नही हुवा किसी को भी बच्चा नहीं हो पाया |

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1967 के बाद ईशा के दादा जी के भाई को एक बेटा हुवा और उस बेटे की 1998 में शादी हो जाती है  उनके बेटे की जो वाइफ थी उसका नाम मालिनी था वह बहुत अच्छी थी और सबकी बहुत रिस्पेक्ट करती थी मालिनी का सपना था कि मदर बनना है मतलब वो चाहती थी कि उनका एक बच्चा हो  उनकी एक छोटी सी फैमिली हो और जब शादी के बाद उन्हें यह सब पता चलता है तो मालिनी बहुत डॉक्टर को दिखाती है जा जा के टेस्ट कराती है लेकिन डॉक्टर बाद मे बोल देता है की आप माँ नही बन सकती यह सुनकर मालिनी बहुत दुखी होती है और साथ पूरा परिवार ही बहुत दुखी होता है क्योंकि 1967 के बाद इस परिवार में किसी का भी बच्चा नहीं हुआ था यह परिवार तो भूल ही गया था बच्चे की रोने की आवाज कैसी होती है वह जब खेलता है तो कैसा लगता है वह जब यहां से वहां भागता है सबको परेशान करता है तो कैसा लगता है |

वेल यह पूरा परिवार बहुत ज्यादा दुखी सा रहने लग गया था जबकि सबको पता था की कुछ गलत है  लेकिन किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है अब मालिनी धीरे-धीरे बहुत ज्यादा डिप्रेस्ड रहने लग गई थी बच्चे ना होना और यह सब झेला नहीं जा रहा था वहीं जो ईशा की दादी जी होती है वह जाके मालिनी को सजेस्ट करती है कि अगर बेटा तुम्हें चाहिए ही बच्चा तो तुम अडॉप्ट कर लो हम उसे अपनी तरह ही पाल लेंगे अपने बच्चे की तरह रखेंगे और तुम भी खुश रहोगी लेकिन मालिनी मना कर देती है वो कहती है कि मुझे ब्लड रिलेटेड बच्चा ही चाहिए मैं अडॉप्ट नहीं करूंगी और बस समझ नहीं आ रहा है कि कैसे अब कैसे यह सब चीजें ठीक करी जाए 2 साल ऐसे ही बीत जाते हैं |

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अब 2000  आ जाता है और फिर ईशा के पिता का भी मैरिज होता है पूरे खानदान को यही लगता है कि हर बार की तरह इस बार भी ऐसा ही होगा जो ईशा के पिता और उनकी मॉम है उनको भी कोई बच्चा नहीं होगा यह सब ऐसे ही चलता रहेगा लेकिन शादी से तकरीबन सात आठ महीने हुए होंगे कि सबको एक खुशखबरी मिलती है सबको यह खबर मिलती है कि जो ईशा की मॉम है वह प्रेग्नेंट है और सब बहुत ज्यादा खुश होने लग जाते हैं कि सबने जब पहले ही सोच लिया था कि भाई यहां तो कुछ हो ही नहीं सकता अब तो हमारा पूरा खानदान ऐसा ही है तब उन्हें पता चलता है कि हमारे खानदान में कोई प्रेग्नेंट है किसी को बच्चा हो रहा है तो सब घर आ जाते है बहुत खुशी का माहौल होता है |

मतलब आप अंदाजा लगा सकते हो कि अगर किसी नॉर्मल इंसान को भी जब ऐसा खबर आता है तो पूरा परिवार कितना खुश होता है तो यह वाला परिवार जिनका 1967 से कोई कोई बच्चा ही नहीं हो रहा था इन्हें जब यह खबर मिली होगी तो कितने ज्यादा खुश होंगे सब बहुत ज्यादा खुश थे सब एक दूसरे को बधाइयां दे रहे थे सब सेलिब्रेट कर रहे थे लेकिन वहां पर एक ऐसी औरत थी जो खुश कम और  जेलस ज्यादा थी जिसका नाम था मालीनी वही जिसको बच्चा नहीं हो रहा था और जिसको किसी भी हालत में बच्चा चाहिए था वेल एक तो बच्चे होने की खबर और ऊपर से जो ट्रीटमेंट ईशा की मम्मी को मिल रही थी उस टाइम पर सब आ रहे थे सब उसका ध्यान रख रहे थे तुम यह मत करो मालिनी तुम आओ ना तुम यह करो तुम वहां क्यों खड़ी हो तुम ये मत करो कुछ भी चीज होती थी ईशा की मम्मी को कोई करने ही नहीं देता था उसे एकदम रानी की तरह रखे हुवे थे कि तुम कुछ नहीं करोगी तुम बैठो  तुम्हारी हम सेवा करेंगे और यह सारी ट्रीटमेंट देख के मालिनी और ज्यादा जेलस हो रही थी |

मालिनी को भी यह सब फील करना था लेकिन अनफॉर्चूनेटली वो ऐसा नहीं कर सकती थी और इसी दौर के बीच मालिनी और भी ज्यादा डिप्रेस्ड हो गई थी और वह हर रात अकेले मे रोया करती थी किसी के सामने तो रो नहीं सकती थी इतनी खुशी का माहौल है तो बस वो अकेले ये पूरा दुख सह रही थी ईशा के मॉ का नाम प्रिया था तो जो दादी जी होती है ईशा की वह देखती है कि मालिनी ऐसे रो रही है अकेले में तो जाके बोलती है कि बेटा तुम चिंता मत करो देखो प्रिया का एक बच्चा होने वाला है तो इसका मतलब है कि हमारे घर में अब बच्चे आएंगे भगवान की अगर इच्छा होगी तो तुम भी जरूर एक बच्चा करोगी और अगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो मैं तुमसे वादा करती हूं कि मैं प्रिया से जाकर बात करूंगी और जो उसका दूसरा बच्चा होगा वह मैं तुम्हें दे दूंगी और यह जैसे ही मालिनी सुनती है वह बहुत ज्यादा खुश हो जाती है कि हां यह हो सकता है प्रिया का जो भी सेकंड चाइल्ड होगा अगर वह मुझे दे दे तो कितना सही होगा ना मेरे पास भी बच्चा होगा और ब्लड रिलेटेड भी रहेगा यह सब सोचकर मालिनी फाइनली खुश हो जाती है |

और व जाके प्रिया की फिर से देखभाल करने लगती है और मालिनी के अब दिमाग में यही चल रहा है कि प्रिया का जो भी सेकंड चाइल्ड होगा वो मुझे दे देगी क्योंकि दादी जी ने बोला है अब प्रिया का फर्स्ट चाइल्ड हो जाता है सब बहुत खुश है सब फाइनली चाइल्ड को ऐसे रखते है ऐसा समझो जैसे कि उन लोगों को कोई खजाना मिल गया हो आज कोई रख रहा है कल बोल रहा है कि नहीं आज ये हमारे साथ रहेगा आज कोई हमें डिस्टर्ब मत करना परसों कोई और बोल रहा है कि नहीं आज ये हमारे साथ रहेगा आज कोई इसे नहीं लेके जाएगा मतलब बहुत प्यार से उसे पाला जा रहा है और कुछ महीने बीतते हैं तो दादी जी जाती है और प्रिया को बोलती है कि प्रिया एक चाइल्ड तो हो गया तुम्हारा दूसरा का क्या प्लान है प्रिया उसी टाइम मना कर देते हैं कि नहीं मतलब अभी तो एक हुआ है दूसरा इतनी जल्दी नहीं है अभी तो नहीं करूंगी तो दादी जी वहां कुछ नहीं बोलती वो बोलती अच्छा ठीक है जैसे तुम्हारी मर्जी दादी की मालिनी से जो भी कन्वर्सेशन हुई होती है वो प्रिया को नहीं बताती है ठीक है यह कन्वर्सेशन यही खत्म हो जाती है और चार साल ऐसे ही बीत जाते हैं अब 2004 आता है 2004 में प्रिया वापस प्रेग्नेंट होती है और जैसे ये खबर सबको पता चलती है सबसे ज्यादा जो खुश होती है वो होती है मालिनी |

मालीनी बहुत ज्यादा खुश है कि फाइनली अब उसको बच्चा मिलेगा फाइनली वो मां बन सकेगी उसके घर में भी अब एक छोटा सा बच्चा आएगा यह सब सोच के मालिनी बहुत ज्यादा खुश थी और 1 सितंबर को जन्म होता है ईशा का ईशा का जब जन्म होता है तो ईशा बहुत ज्यादा अंडरवेट होती है तो डॉक्टर बोलते है की ये प्रीमेच्योर बेबी है तो एक महीने तक उसको हॉस्पिटलाइज ही कराना पड़ेगा तो ईशा को हॉस्पिटल में ही रक्खा जाता है और ईशा की पूरी केयर करी जा रही थी और पूरा घर एक महीना बहुत ज्यादा डर में रहता था क्योंकि उन्होंने ये चीजें पहले भी बहुत देखी थी लेकिन लकिली एक महीने के बाद ईशा एकदम ठीक हो जाती है और अब उसको घर में लाया जाता है अब जैसे ही प्रिया ईशा को   लेकर एंटर करती है घर में तभी मालिनी आ जाती है और वो एकदम से छीन लेती है ईशा को और ऐसे खेलने लग जाती है उसके साथ और ईशा को बोल रही होती है कि मेरी बेटी अब मेरे साथ घर चलेगी मम्मी के साथ घर चलेगी ना मम्मी मम्मी के साथ बहुत खेलेगी मम्मी तुम्हारी बहुत केयर करेगी मतलब एकदम से मालिनी ऐसी बातें करने लग जाती है ईशा को लेकर और यह सब देख के प्रिया बहुत ज्यादा शॉक है कि ये क्या बातें कर रही है |

मतलब मम्मी के साथ चलोगी मम्मी के साथ फाइनली अब घर चलोगी प्रिया को कुछ समझ नहीं आ रहा उसी टाइम दादी जी आती है और वो प्रिया को सब कुछ बताती है और प्रिया को बोलती है कि बेटा तुम्हारे पास एक बच्चा है तो तुम यह बच्चा दे सकती हो क्या मालिनी को प्लीज क्योंकि तुम देख सकती हो वो कैसी हालत में है प्रिया बहुत रिस्पेक्ट करती थी दादी जी और मालिनी की लेकिन प्रिया अपना बच्चा ऐसे तो किसी को भी नहीं दे सकती ना तो प्रिया सीधा मना कर देती है और बोलती है कि यह मेरी बच्ची है इसे मैं पालूंगी मैं रखूंगी इसको मैं ऐसे कैसे किसी को दे सकती हूं नहीं और जैसे ही वह नहीं बोलती है मालिनी वहां पर मानो पागल सी हो जाती है मालिनी से यह सब सहन नहीं होता है यह सुन नहीं पा रही थी की मतलब उसने इस समय के लिए 4 साल वेट किया था और अब वह यह सुन रही है कि प्रिया उसको अपना बच्चा नहीं दे रही तो वह यह चीज एक्सेप्ट ही नहीं कर पाती और मालिनी वहां से एकदम रूठ कर चली जाती है और मालिनी को इतना डिप्रेशन हो जाता है कि सब बोलते हैं उसे मेंटल प्रॉब्लम हो गई है वो पागल हो चुकी है |

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और कुछ टाइम बाद पता चलता है कि मालिनी बहुत ज्यादा वीक होने लग गई है क्योंकि की उसको कैंसर होता है तो सब उससे मिलने जाते थे लेकिन प्रिया ईशा को मालिनी के सामने कभी लेके नहीं जाती थी क्योंकि जो भी पूरा केस हुआ था वो सबको पता था तो ईशा को मलीनी से अलग ही रखा जाता था ऐसे तो सब जाते थे मालिनी से मिलते थे और मालिनी की कीमोथेरेपी सब कुछ चल रही थी लेकीन कुछ ही महीनों में मालिनी की डेथ हो जाती है वेल इस दौरान प्रिया और उसके हस्बैंड और उनके जो दो बच्चे होते हैं एक ईशा और ईशा की बहन यह चारों शहर में शिफ्ट हो गए थे और जब इन्हें पता चलता है कि मालिनी की डेथ हो गयी तो यह अपना पूरा अपार्टमेंट बंद करके वापस गाँव जाते हैं  विलेज में जाके वो मालिनी को देखते हैं मालिनी की वहां पर बॉडी पड़ी होती है उसे वहां पर जलाया जाता है और जितने भी रिचुअल्स होते हैं वो सब किए जाते हैं इधर जो प्रिया का अपार्टमेंट होता है वो एक महीने तक बंद ही रहता है क्योंकि एक महीने तक यह सब गाँव में ही रहते है |

फिर प्रिया और उसका परिवार जब पूरा रिचुअल्स खत्म करने के बाद ये लोग एक महीने बाद जब अपने अपार्टमेंट में जाते हैं तो प्रिया को बहुत अजीब सा फील होता है सबसे पहली बात तो होती है कि वो अपार्टमेंट जब खोलती है तो सब देख के शॉक हो जाती हैं क्योंकि जो अपार्टमेंट था वो एक महीने से बंद था लेकिन वो इतना साफ था जैसे मानो कि कल ही पूरी साफ सफाई हुई हो और यह बिल्कुल पॉसिबल नहीं था क्योंकि वो घर ऐसा था कि अगर दो दिन भी तुम साफ सफाई ना करो तो हर जगह धूल हर जगह मकड़ी के जाले लगने लग जाता थे और इस बार तो वह घर एक महीने से ऐसे ही पड़ा हुआ था लेकिन वो एकदम सही था एकदम साफ था प्रिया अपने बच्चों के साथ जैसे ही रूम में एंटर करती है उसको बहुत नेगेटिव वाइब्स आती है उसको एकदम से रूम मे आते ही जो एनवायरमेंट है वो एकदम ही चेंज हो गया होता है घर के बाहर का अलग ही और अंदर अलग ही अंदर ऐसा लग रहा है जैसे अलग ही उसे बहुत ठंडी लग रही है इतनी ठंडी कि उसको स्वेटर की जरूरत पड़ रही थी जबकि बाहर ऐसा बिल्कुल भी नहीं था |

ना ही घर में कोई एसी चल रहा था और ना कूलर लेकिन जो वहां की हवा थी बहुत अजीब बहुत ठंडी सी थी और बहुत नेगेटिव सी वाइब आ रही थी अब सब थके हुए आए थे तो सब कहते हैं कि थोड़ा सा रेस्ट कर लेते हैं तो रेस्ट करते हैं फिर रात को डिनर बनता है और यह सब रात का डिनर करके सो  जाते है तो जब सब सो जाते हैं तो प्रिया को एक सपना आता है और सपने में मालिनी आती है और मालिनी आके यह बोलती है कि कहां पे थी तू मैं एक महीने से तेरा इंतजार कर रही थी और अब इस घर में तो मेरा राज है मैं एक महीने से यहीं पर हूं वेल अच्छा हुआ तू आ गई अब तू आई है तो मैं तुझे यह बताना चाहती हूं कि मैं ईशा को अपने साथ ले जाऊंगी वह मेरी बेटी है मैं उसे तेरे साथ नहीं छोडूंगी वो जहां पर भी रहेगी मेरे साथ रहेगी और यह बोलकर वो हसने लग जाती है और एकदम से प्रिया उठ जाती है प्रिया बहुत ज्यादा डर चुकी है उसकी सांसे बहुत तेज चल रही है प्रिया पानी वानी पीती है और फिर देखती है कि सब ठीक है यह एक सपना था |

लेकिन प्रिया को फिर भी पूरे घर से बहुत गंदी सी वाइब आ रही थी प्रिया कैसे करके फिर से सोती है और अब सुबह हो जाती है जैसे सुबह होती है प्रिया बस यही सोच रही होती है कि उसे यह सपना क्यों आया और एकदम से घर में एंटर करते ही पहले दिन ही ऐसा सपना यह सब क्या हो रहा है कि तभी प्रिया देखती है कि ईशा तो है ही नहीं 4 साल की लड़की कहां चली गई वह हर जगह ढूंढती है लेकिन ईशा कहीं नहीं मिलती प्रिया इतना ज्यादा डर जाती है कि डर में उसने यह भी नहीं नोटिस किया कि ईशा के साथ-साथ प्रिया के हस्बैंड भी वहां पर नहीं है वेल प्रिया ढूंढते ढूंढते हॉल में जाती है हॉल में जैसे प्रिया जाती है और देखती है तो वहां पर ईशा और प्रिया के हस्बैंड बैठे होते हैं और जो प्रिया के हस्बैंड है वो ईशा के साथ नॉर्मली खेल रहे होते हैं तो प्रिया जाकर ईशा को एकदम से पकड़ लेती है और गले लगा लेती है और अपने हस्बैंड को डांटने लग जाती है कि पागल हो तुम क्या कर रहे हो बच्चे को ऐसे ले जाते हो यह बस डर में जो भी हो सकता है वो बोल रही है |

प्रिया के पति को भी कुछ समझ नहीं आ रहा वो भी बोलते हैं कि अरे क्या हो गया वो बच्ची रो रही थी तो मैं उसे बाहर ले आया ताकि तुम्हें डिस्टर्ब ना हो और यहां पर आके वो अच्छा फील कर रही थी प्रिया बोलती है कि नहीं मैं नहीं जानती मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा है बच्ची को ऐसे मत ले जाया करो मुझे   बिना बताए ऐसे वैसे बोल के प्रिया ईशा को अपने कमरे में ले आके फिर सुलाने लग जाती है अभी सुबह के 5:00 या 6 ही बजे होते हैं तो अर्ली मॉर्निंग होती है तो प्रिया फिर ले जाती है ईशा को अच्छे से रखती है और अपने हस्बैंड को यह बोलती है कि कभी भी इसे ले जाओगे तो प्लीज मुझे बता देना मुझे बहुत ज्यादा टेंशन हो रही है कुछ महीने ऐसे ही बीत जाते हैं और अब मानसून का सीजन चालू हो गया था तो प्रिया और उसके जो पूरी फैमिली थी वो बेडरूम में सोती थी लेकिन जब मानसून का सीजन चालू होता है तो सीलिंग से पानी गिरने लग जाता है तो ये लोग सीलिंग ठीक होने तक थोड़े दिनों के लिए हॉल में ऐसे गद्दे बद्दे लगा के सोने लगते हैं वहा से थोड़ी दूर में किचन दिख रहा होता था |

एक रात सब सो रहे थे की करीबन 12:30 बजे कि ईशा को ऐसा लगता है कि कोई तो किचन से उसको बुला रहा है उसको अपना नाम क्लियर सुनाई दे रहा था ईशा इस टाइम 4 साल की थी उसको  पैरानॉर्मल थिंग्स यह सब कुछ नहीं पता तो ईशा जैसे ही उठती है वो देखती है कि काकी मतलब मालिनी वो किचन में बैठी हुई है और वो ईशा को बुला रही है ईशा को जैसे यह सब दिखता है रात को तो ईशा एकदम से डर जाती है और ईशा रोने लगती है जैसे ही ईशा रोती है सब उठ जाते हैं और प्रिया पूछती है कि क्या हुआ बेटा तुम इतनी रात को क्यों रो रही हो क्या हुआ है तो इस टाइम तक ईशा थोड़ा बहुत बोलने लग गई थी और ईशा बोलती है कि मैंने काकी को देखा है जो कि अजीब सी स्माइल करके मुझे अपनी तरफ बुला रही थी प्रिया बोलती है कहां पर यह सब कहां देखा तुमने तो ईशा बताती है कि मैंने किचन की साइड में देखा वो वहां अभी भी वो जमीन पर बैठी हुई है और मुझे वो अभी भी दिख रही है और हंस रही है और मुझे बुला रही है देखो वो बुला रही है मुझे बुला रही है और प्रिया बोलती है नहीं मुझे तो कुछ नहीं दिखाई दे रहा है यहां तो कुछ भी नहीं है बेटा |

पिता भी बोलते है तुम क्या बात कर रही हो वहा कुछ नहीं है यहां तो हमें कुछ नहीं दिखाई दे रहा और इतने टाइम में ईशा मानो हिप्नोटाइज हो चुकी हो उसे भी समझ नहीं आ रहा था और अब ईशा किचन की तरफ जाने लगी प्रिया बोल रही थी कहां जा रही हो पिता बोल रहे थे क्या कर रही हो सो जाओ  और ईशा किचन की तरफ जाने लगी ईशा आधे रास्ते पर पहुंची थी कि एकदम से प्रिया उसे अपनी तरफ हाथ पकड़कर खींच लेती है और पकड़कर बोलती हैं कि कुछ नहीं है कुछ नहीं है बेटा सो जाओ सो जाओ ये वहम है कोई नहीं है वहां पर देखो हम बता रहे हैं ना कोई नहीं है और ऐसे करके वो बस ईशा को सुलाने लग जाती है ईशा को किचन की साइड देखने नहीं देती वो ईशा को टाइट पकड़ लेती है और कैसे-कैसे करके ईशा को वो सुला देती है अब ये पूरी रात प्रिया सो नहीं पा रही थी उसने ईशा को अपने हाथ में पकड़ के रखा था और बस प्रे कर रही थी कि आज रात को कुछ ना हो और वहीं वो अपने हस्बैंड को बोल रही थी कि हमें ये घर दिखाना पड़ेगा यहां पे बहुत ज्यादा नेगेटिव एनर्जी है बहुत गंदी वाइब्स आती है और हस्बैंड भी एग्री करता है कि हां तुम सही कह रही हो अब दिखाना तो पड़ेगा ही |

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ईशा के पिता का एक दोस्त था जो की प्रीस्ट था तो प्रिया और उसके husband  डिसाइड करते हैं कि हम प्रीस्ट को बुलाएंगे वो एक बार देखेंगे और वो सब ठीक कर देंगे ऐसा ही होता है नेक्स्ट मॉर्निंग ईशा के पिता जाते है और वो प्रीस्ट को अपने साथ लेकर आते हैं प्रीस्ट जैसे ही आते हैं वह जैसे ही घर में कदम रखते हैं वह समझ जाते हैं कि यहां पर कुछ तो बहुत गड़बड़ है वो थोड़ा सा घर का जायजा लेते हैं  और वह बोलते हैं कि आपका जो यह घर है इसमे कोई तो है कोई बहुत ज्यादा पावरफुल है और मैं उसको यहां से नहीं भगा पाऊंगा वह एक महीना इस पूरे घर में रहकर बहुत ज्यादा मतलब ऐसा होता है ना एक जगह पर अगर एक ही कोई स्पिरिट हो वो एक ही जगह पर रहे तो उसकी पावर वहां पर बढ़ने लग जाती है और वो प्रीस्ट बताते है कि मैं तो आपकी हेल्प नहीं कर पाऊंगा लेकिन प्लीज आप जल्दी किसी और की हेल्प ले जो पावरफुल हो और आपकी हेल्प कर सके क्योंकि अगर आप हेल्प नहीं लोगे तो ईशा की जान को भी खतरा हो सकता है और यह बोलकर प्रीस्ट वहां से चले जाते हैं |

जैसे यह सब पता चलता है प्रिया बहुत ज्यादा रोने लग जाती है वह बहुत ज्यादा डर चुकी थी उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करा जाए कि तभी ईशा के जो पिता थे वह और जगह जाते हैं तांत्रिक के पास जाते हैं यहां वो बहुतों से बात करते हैं लेकिन बहुतों का यही कहना था कि वह बहुत पावरफुल है उसके लिए आप किसी और के पास जाए किसी और के पास जाए ऐसे करते करते फाइनली उन्हें एक तांत्रिक मिलते हैं जो कि एक्चुअली में बहुत ज्यादा पावरफुल होते हैं लेकिन उनसे मिलना भी इतना आसान नहीं होता वे लोग किसी के कांटेक्ट के थ्रू गए वो तांत्रिक के पास जाते हैं तो तांत्रिक को मतलब घर में भी आने की जरूरत नहीं पड़ती वो ईशा को अपने पास बुलाते हैं और वो समझ जाते हैं कि जो भी सीन हुआ है वो ईशा के हाथ में काला धागा बांध देते हैं और बोलते है यह कभी मत उतारना और जब तक य है कोई तुम्हारा कुछ नहीं कर पाएगा |

वेल ईशा और उसकी फैमिली वापस घर पर आती है सबको लगता है कि सब ठीक है अब काला धागा है तो ईशा को कुछ नहीं होगा साथ ही अब किसी को कुछ नहीं होगा क्योंकि सबको यह पता था कि इस घर में मालिनी की आत्मा है लेकिन वह हमें कुछ नहीं कर पाएगी तो अब थोड़ी सी सबको हिम्मत आई लेकिन अभी हिम्मत थोड़ी सी आई ही थी कि तभी ईशा का जो धागा था जो बाजू में बंधा हुआ था वो गिर जाता है वह खुद ही टूट जाता है और जैसे ही वह टूटता है सबको एक चीज समझ आ जाती है कि जो आत्मा है वो इतनी ज्यादा पावरफुल है कि धागा भी उसे नहीं रोक पाया जैसे ही यह होता है सब बहुत ज्यादा वापस से डर जाते हैं और ईशा बहुत ज्यादा रोने लगती है वो चुप ही नहीं हो रही थी करीबन एक दो घंटे तक वो लगातार रोये ही जा रही थी अब ईशा चुपी नहीं हो रही थी तो सबको समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए वो लोग वापस से ईशा को उस तांत्रिक के पास ले कर जाते हैं और पूरी चीजें बताते हैं कि हमने घर मे एंटर किया तो थोड़ी देर में वह धागा टूट गया अब तांत्रिक भी हैरान होते हैं कि इतनी ज्यादा पावरफुल ऐसा कैसे हो सकता है |

तांत्रिक जी इस बार तीन धागे लेते हैं और ईशा के एक फिर से बाजू में बांधते हैं एक गले में और एक पैर में बांधते हैं फिर तांत्रिक बोलते है कि अब आपकी बेटी को कुछ नहीं होगा आप चिंता ना करें और अब आप अपने घर वापस जा सकते हैं फिर जैसे ये सब वापस घर में जाते हैं तीन चार दिन तक कुछ नहीं होता सबको लगता है कि हां अब फरक आ रहा है अब कुछ नहीं हो रहा ईशा भी अब चुप है रो नहीं रही और किचन में भी अब कुछ दिख नहीं रहा था महसूस भी कुछ नहीं हो रहा था इन सबको ऐसे नेगेटिव जो एनर्जी फील होती थी वह भी नहीं हो रही थी तो सबको लगता है कि हां फाइनली अब जो मालिनी है वह यहां से चली गई है लेकिन ऐसा नहीं होता तीन दिन बाद ईशा के जो बाजू मे धागा बधा  था वो फिर से टूट जाता है लेकिन जो धागा गले और पैर का था वो नहीं टूटा था बाजू का धागा जैसे ही टूटता है ईशा के बाजू पर कुछ काले रंग की मार्क्स आ जाता हैं कुछ ऐसा जैसे किसी ने जोर से पकड़ा हो तो चार उंगलियां पड़ गयी हो प्रिया जैसे यह देखती है वह बहुत ज्यादा डर जाती है और उसको समझ आ जाता है कि जो मालिनी की आत्मा है वह अभी भी यहीं पर है और वह गई नहीं है अब जो ईशा के  पिता थे वो तांत्रिक से फिर से बात करते हैं और तांत्रिक बोलता है कि हमें घर में एक बहुत बड़ी पूजा रखनी पड़ेगी और अगले ही दिन पूरा पूजा का सामान आ जाता है |

और जब पूजा शुरु होता है तो वह पूजा सक्सेसफुल हो ही नहीं पा रही थी कभी आग नहीं लग रही थी तो कभी कुछ हो जा रहा था और वह पूजा आज तक कितनी बार कितनी बार करने की कोशिश किया गया लेकिन सक्सेसफुल नहीं हुई है ईशा ने बहुत बार अपनी मॉ से पूछा भी कि आप बताओ उस दिन क्या हुआ था ऐसा क्या हो रहा था लेकिन जब भी वह यह जिक्र भी करती है तो यह चीजें सुनकर मॉ अभी तक एकदम शॉक में चली जाती है और वो बोलती है कि यह चीजें ना ही जानो तो ही बेहतर है तुम इन सब चीजों में मत पड़ो, आज तक तो वह पूजा तो नहीं हो पाई अब वह जो आत्मा था वह और भी हान्टेड करने लग गया था रोज किचन से आवाजें आना रोज अपने बेडरूम में आप सोए हो और आपको ऐसा फील हो रहा है की बाहर कोई तो चल रहा है कोई हॉल में घूम रहा है कोई हॉल में आ रहा है फिर जा रहा है ऐसे मे आप बाहर भी नहीं जा सकते देखने के लिए कि कौन है क्या है क्योंकि आपको एगजैक्टली पता है कि बाहर कौन है |

सबको आवाज आ रही है कि मेरी ईशा कहां पर है ईशा आओ ना देखो मम्मी बुला रही है ईशा मम्मी के साथ खेलो न इस टाइप की आवाजें आ रही है और वो सबको सुनाई भी देती है वो कितना ज्यादा स्केरी और कितना ज्यादा टेरीफाइंग होगा आप सोच सकते हो ऐसे ही डर में ईशा और उसके पूरे परिवार ने करीबन तीन चार महीने निकाले तीन चार महीने तक सेम यही चीजें होती रहती थी अब घर में एक रूल बन चुका था कि 10 बजे के बाद गेट नहीं खुलेंगे कोई बाहर नहीं जाएगा कोई लेट नहीं आएगा क्योंकि सबको पता था कि अगर ऐसा हुआ तो हॉल में क्या हो रहा है क्या सब चल रहा है और क्या बाद में हो सकता है आप सब सोच सकते हो कि यह चार महीने इन सबने कैसे गुजारे होंगे और चार पाच महीने बाद एक दिन ऐसे ही हो रहा था नॉर्मली हॉल से आवाजें आ रही थी तभी प्रिया एकदम से उठती है और वो चिल्लाने लग जाती है जोर से ऐसा मानो कि चार महीने से जो फ्रस्ट्रेशन प्रिया के अंदर भरी पड़ी थी जो डर था वो आज गुस्से मे निकल रहा था |

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प्रिया को इतना गुस्सा आता है की वह बाहर हॉल में चली जाती है और जाते ही वह चिल्लाने लग जाती है और बोलती है कि मालिनी मैं तुम्हें जानती थी तुम ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी तुम इतनी अच्छी लड़की थी बस मैंने तुम्हें अपनी बच्ची नहीं दी तो तुम ऐसा करोगी मुझे पता है कि तुम ईशा से बहुत प्यार करती हो और हमेशा करोगी पर क्या तुम उसे मारना चाहती हो तुम उसे अपने साथ ले जाना चाहती हो क्या तुमने सोचा है कि ईशा को कैसा लगेगा वह यहां पर मेरे साथ खुश है और अगर तुम उसे सच में सच्चा प्यार करती थी तो उसकी खुशी के लिए तुम उसे डराना बंद करो क्योंकि तुम जो कर रही हो वह ईशा को ट्रामा दे रहा है और व अभी बच्ची है और ऐसे ही वो मालिनी से बात करने लग जाती है प्रिया वो जोर-जोर से बोल रही है सबको सुनाई दे रहा है ईशा को सुनाई दे रहा है ईशा के पिता को सुनाई दे रहा है और प्रिया जैसे यह सब बोलती है वो रोने लग जाती है बहुत रोती है और बोलती है कि प्लीज मेरी बच्चे को छोड़ दो प्लीज उसके साथ ऐसा मत करो वह बहुत गिड़गिड़ाती है और जब यह सब हो रहा था तो उन्हें आवाज नहीं आ रही थी मालिनी की चलने की उसके चिल्लाने की मालिनी का ईशा को बुलाने की कि ईशा आ जाओ मम्मी बुला रही अब यह आवाज धीरे धीरे धीरे फेड होने लगती है और एक टाइम आता है जब उन्हें आवाज ही नहीं आती मालिनी की और प्रिया भी वहां पर बहुत रोती है |

प्रिया के हस्बैंड प्रिया के पास जाते हैं उसे चुप कराते हैं उसे वापस रूम में लेकर आते हैं और इस दिन के बाद करीबन दो-तीन महीने तक इन्हें एक भी आवाज मालिनी की नहीं सुनाई दी ऐसा मानो मालिनी वहां से चली गई लेकिन मालिनी की आवाज फिर से इन्हें नहीं सुनाई दी थी जो तीन महीने बाद प्रिया को फिर सपना आता है और सपने में फिर से मालिनी आती है मालिनी बोलती है कि मैं यहां से नहीं गई हूं मैं हमेशा साथ रहूंगी लेकिन मैं तुम्हें हाम नहीं करूंगी मैं भी ईशा से उतना ही प्यार करती थी जितना तुम करती हो और शायद तुमसे ज्यादा क्योंकि तुमने तो ईशा को तब से प्यार किया है जब से उसने जन्म लिया लेकिन मैं ईशा के जन्म से 4 साल पहले से उससे प्यार कर रही थी और चिंता मत करो मैं ईशा को कभी कुछ नहीं होने दूंगी लेकिन मैं तुम्हें वार्न कर रही हूं कि वो पूजा कभी मत कराना क्योंकि अगर तुम वो पूजा कराओगी या कुछ धागे वागे लगाओगी तो तुम मुझको ईशा से दूर रखने की कोशिश कर रही हो और मैं वो बिल्कुल सहन नहीं करूंगी यह सारी चीजें मालिनी प्रिया के सपने में आकर प्रिया को बोलती है |

अगले दिन प्रिया को यह समझ आ गया होता है कि मालिनी कभी नहीं जाने वाली कभी ईशा को नहीं छोड़ेगी लेकिन पॉजिटिव साइड यह है कि मालिनी ने यह भी कहा था कि मैं उसकी रक्षा करूंगी क्योंकि मैं भी उसे प्यार करती हूं तो प्रिया को कहीं ना कहीं शायद अंदर से यह फीलिंग आ गई होती है कि मालिनी उसे कभी हर्ट नहीं करेगी तो वो कोई पूजा करने की कोशिश नहीं करती और जो धागे थे वो भी हटा देती है और ईशा को भी यह बता देती है, ईशा को आज तक यह फील होती है कि मालिनी काकी उसके साथ है उसको प्रेजेंस फील होती है इनफैक्ट कभी-कभी उसे आवाज भी आ जाती है ईशा अब सिक्सथ क्लास में थी वह बड़ी हो चुकी थी वह अच्छे से पढ़ाई करती थी वह एक बहुत इंटेलिजेंट स्टूडेंट थी और साथ में बहुत सुंदर लड़की भी और जो ईशा की बुआ जी है उनके जो हस्बैंड थे वह ईशा के फूफा जी थे और यह वह टाइम था जब ईशा के फूफा जी ईशा के बहुत क्लोज होने लग गए थे वो इतने क्लोस हो जाते थे कि ईशा को बड़ा अनकंफर्टबल लगने लग गया था वो ईशा को टच करते थे वो जबरदस्ती ईशा को पकड़ते थे और उसे बार-बार इधर उधर टच करते थे लेकिन गुड टच और बैड टच में एक फर्क होता है जो कि समझ आ जाता है |

ईशा को बहुत अनकंफर्टबल लगता इतना अनकंफर्टबल कि वो रोने लग जाती थी और फिर फूफा जी उसे चुप कराते थे अरे बेटा रो मत रो मत कोई बात नहीं कोई बात नहीं अच्छा ठीक है ठीक है मैं जा रहा हूं ऐसे करके करते थे ईशा कभी भी अपने मॉ पिता को ये सब नहीं बता पाई क्योंकि उसे लगता था कि शायद एक रिलेशन खराब हो जाएगा और क्या यह सही है क्या वह सच मतलब जो व सोच रही है वो सही सोच रही है या बस ऐसे ही खुद से ही वो ज्यादा सोच रही है यह सब ईशा के दिमाग में चलता था कि अचानक एक दिन इन सबको न्यूज आती है कि जो फूफा जी है उनकी डेथ हो गई है एक मिस्टीरियस डेथ जिसका आज तक किसी को रीजन पता ही नहीं चला उनकी बॉडी मिली थी घर के बाहर और जो बॉडी थी वो उसमें मतलब खून मून लगा हुआ था और ऐसा बस समझ नहीं आ रहा था क्या किसी जानवर ने उन्हें मार दिया है या वो कहीं से गिर के मर गये मतलब कुछ भी समझ नहीं आ रहा था उनकी बॉडी में निशान भी बहुत थे लेकिन वो अजीब से कुछ निशान थे |

वेल जब यह सब हो जाता है तो ईशा को ऐसे सपना आता है अगले ही दिन जिसमें ईशा की काकी जो कि मालिनी होती है वो आती है और वह बोलती है कि तुम्हें कोई परेशान नहीं कर सकता तुम्हारी आंखों में कोई भी आंसू लाएगा तो उसको मैं छोडूंगी नहीं उसको मरना पड़ेगा और तुम डरा मत करो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं काकी हमेशा तुम्हारे साथ है ईशा के सपने में उसकी काकी आके उसको यह बोलती है ईशा सिक्सथ ग्रेड में और वह सब समझती है अब और जो भी ईशा ने बचपन में सब देखा है सहा है उसकी वजह से ईशा का जो नॉलेज है जो उसकी थिंकिंग है वो एक मैचोर पर्सन जितनी हो चुकी है उसे सब समझ आता है और ईशा को यह समझ आ गया है कि जो फूफा जी की डेथ हुई थी वह हो ना हो उसकी काकी ने ही की थी और ईशा को उसकी काकी ने ही ताकत दी थी यह सपने में आकर बता के कि तुम्हें किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है तुम्हारे साथ कोई भी अगर बुरा करेगा तो काकी है तुम्हारे साथ हमेशा तुम किसी चीज से नहीं डरना और ईशा बस हिम्मत करके सबको बता देती है कि फूफा जी ने क्या-क्या उसके साथ किया था |

जब यह सब बताती है तो बुआ जो होती है ईशा की वह भी वहीं पर होती है और बुआ जैसे यह सब सुनती है वह बहुत रोने लग जाती है उनकी वैसे हालत बहुत खराब होती है और जब यह सब सुनती है कि उसके हस्बैंड ने यह सब करा तो व बहुत शर्मिंदा हो जाती है वो जाती है और ईशा के पैर पकड़ लेती है और बोलती है कि मुझे माफ कर दो मुझे नहीं पता था यह सब ऐसा हो रहा है मुझे लगता है कि बुआ जी को भी कहीं ना कहीं आईडिया था कि उनका पति क्या है इसलिए उन्होंने कोई क्वेश्चंस नहीं किया कुछ नहीं कहा और सीधा जाके ईशा के पैर में गिर गई थी ईशा को बहुत बुरा लगता है बुआ की ऐसी हालत देखकर वो बुआ को बहुत बोलती है कि बुआ जी आपकी कोई गलती नहीं आप प्लीज माफी मत मांगो आप प्लीज ऐसा कुछ मत करो और वो बुआ जी कुछ नहीं सुनती वो मुड़ती है और सीधा जाके अपने भाई और भाभी उनके पैरों पे गिर जाती है और बोलती है कि मुझे नहीं पता था ऐसा कुछ था मुझे प्लीज माफ कर दो मुझे प्लीज माफ कर दो ऐसे बोलकर वो वहां से चली जाती है और आज तक बुआ जी का किसी को कुछ पता नहीं है वह अभी तक मिसिंग है |

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