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ट्रक वाले के साथ हुआ दर्दनाक भूतिया काण्ड | horror story

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दोस्तों ये horror story है अमित नाम के लड़के की जो गुजरात के एक छोटे से गांव में अपने परिवार के साथ रह रहा था इसका परिवार जो की एक फैमिली बिजनेस में हमेशा से इंवॉल्व था इन लोगों का शरू से ट्रांसपोर्टेशन का काम चल रहा था इसके पहले दादा के टाइम से लोग बैलगाड़ी में ट्रांसपोर्ट किया करते थे समय के साथ ये लोग ट्रक में आ गए धीरे-धीरे करके इनका परिवार भी बड़ा हुआ लेकिन बिजनेस उनका वही रहा जब अमित बड़ा होने लगा तो उसको ऐसा लगा की यार मुझे जीवन में कुछ अलग करना है यूपीएससी क्रैक करके एक बड़ा ऑफिसर बनना है लेकिन नहीं उसे घर वाले हमेशा से उसको प्रेशर देते थे की अगर तू अपने खानदानी बिजनेस को छोड़ के कुछ और चीजों में इंवॉल्व होगा तो ये महापाप होगा सबसे बड़ा धर्म वही होता है की जीस चीज के साथ आपका जन्म हो वही चीज को अपनाओ किसी और चीज में जाओगे तो आपको महापाप लगेगा उसके घरवालों को ऐसा लगता था और उन्होंने अपने बच्चे के दिमाग में भी वही डाला वो पछताते हुए अपने फैमिली बिजनेस में इंवॉल्व हो गया |

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22 साल की उम्र में उसने अपने ग्रेजुएशन कंप्लीट तो कर लिया लेकिन अब वो ट्रक चलाना भी पुरी तरह से सिख चुका था उसने एक फैसला लिया की मैं ट्रक ही नही चलाऊंगा ट्रांसपोर्टेशन के बिजनेस में केवल गाड़ी चलाना ही काम नहीं होता है और बहुत सारे काम होते हैं लेकिन इसने यह इसलिए बोल दिया क्योंकि इसको ऐसा लगता था की मैं ट्रक लेकर बाहर निकलुगा तो किताबें खरीद कर पढ़ भी सकता हूं बिना बताए किसी को यूपीएससी का एग्जाम दे दूंगा निकल गया तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा अमित इसी सोच के साथ उसने ट्रक चलाना शुरू कर दिया और अब ट्रक चलाते हुए उसे तीन से 6 महीने हो गए और वो इस काम को बहुत बेहतरीन तरीके से समझ चुका था गुजरात में रहने वाला अमित आज पहली बार एक ऐसा प्रोजेक्ट अपने हाथ में पाया ट्रांसपोर्टेशन का इसी फैमिली बिजनेस का की उसे ट्रैवल करके लगभग 36 घंटे की दूरी पर मौजूद एक गांव में जाना था ये सामान कुछ कॉटन से जुड़ा हुआ था वो पूरे सामान को अपने ट्रक में लादा और निकल पड़ा अपने घर से शाम के तकरीबन 5:00 बजे के आसपास |

बिल्ली का रास्ता काटना हुवा खतरनाक horror story

जर्नी अभी तकरीबन 10 किलोमीटर की हुई ही थी की एक जंगल वाले रास्ते में उसकी ट्रक के सामने एक बड़ी सी काली बिल्ली आ गई और टकराकर ऑन डी स्पॉट अपना दम तोड़ दी जिसको देखकर इसके मन में एक एक गलत गलत फीलिंग आई है की ये मैंने क्या कर दिया ये मुझसे क्या हो गया इसे बहुत अजीब लगा भगवान का नाम लिया और वापस से ट्रक चालू करके आगे बाढ़ चला जर्नी अब तकरीबन 20 घंटे की हो चुकी थी अभी भी 16 घंटे ट्रैवल करना बाकी था अमित एक ऐसे गांव की तरफ जा पहुंचा जीस गांव की तरह वो पहले कभी नहीं आया था अमित को थोड़ी भूख लग चुकी थी समय अभी शाम के 4:00 बजे के आसपास का हो रहा था अगला दिन आ चुका था बीच में कही रुका था खाना खाया था और सोया भी था लेकिन अब जर्नी करते हुए 20 घंटे का ट्रैवल हो चुका था और वह शाम के 4:00 बजे या 3:30 बजे के आसपास एक गांव में प्रवेश कर गया उसने बोला बहुत थकान हो गई है सोचता हु थोड़ा एक नींद ले लेता हूं और वह सो जाता है लेकिन जब वापस से जगा तो पाया अरे बाप रे यह तो पुरी एक नींद हो गई शाम के 7 बज चुके हैं |

अब इसको मालूम था की अगर मैंने यहां से गाड़ी आगे बड़ा दी और बीच रास्ते में कोई ढाबा कोई रेस्टोरेंट कोई होटल नहीं मिला तो खाने का जुगाड़ नहीं हो पाएगा इससे बेहतर है की इस गांव के अंदरुनी इलाके में जाता हूं कोई ना कोई छोटा मोटा होटल तो मिल ही जाएगा वहां पे जाके खाना खाऊंगा और फिर अपनी जर्नी को ऐसी कंटिन्यू करूंगा और कल सीधे दोपहर मे डायरेक्टली पहुंच कर ही सोऊंगा या तो पहुंचने से एक आड घंटे पहले कही सो गया तो सो गया उसने इसी एक सोच के साथ अपना ट्रक आगे बढ़ाया और गांव के मिड वाले एरिया में प्रवेश कर गया उसने पाया की इस गांव में बहुत ही छोटे-छोटे से घर है और जितने भी घर है उन सभी घरों के सामने एक ऐसा एरिया बना हुआ है जीस एरिया में ज्यादातर बांस की चीज रखी गई है इस गांव के सारे लोग ऐसे लग रहे थे की बांस से जुड़ा हुआ कारोबार कर रहे हैं देखने से ऐसा लग रहा था की ये लोग पर्टिकुलर एक ही समुदाय के लोग हैं वो होटल ढूंढते हुए अपना ट्रक आगे बढ़ाया और उसको ऐसा लगा की गांव खत्म होने वाला है |

होटल में प्रवेस

तो ट्रक से उतर कर उसने सोचा की अब थोड़ा होटल वगैरा के बारे में पता करु तो ट्रक रोका और सामने  हीं मौजूद एक व्यक्ति से पूछता है की खाने का जुगाड़ कहानी पर हो सकता है क्या वृद्धि व्यक्ति ने बताया की यहां से सीधा सीधा जो वो गली घूमने के बाद तुम्हे एक छोटी सी होटल मिल जाएगी सस्ते में खाना मिल जाएगा मेरा नाम बोल देना तो तुम्हें थोड़ा सा डिस्काउंट भी मिल जाएगा यह मुस्कुराते हुए गली की तरफ आगे बढ़ गया लगभग 1 मिनट चलने के बाद इसे वो छोटा सा होटल दिखाई दिया उस होटल के बाजू में भी बैठकर एक महिला वो बांस की टोकरी वगैरा बना रही थी ये ध्यान से देखने लगा और यहां पर होटल वाले को भी खाने का ऑर्डर कर दिया खाना खाने लगा इन लोगों को देखकर उसके मन में क्यूरोसिटी हुई और उसने ऑर्डर वाले से पूछा की मैं जब से इस गांव में प्रवेश किया मैंने ये नोटिस किया की सभी लोग ये बांस से जुड़ा हुआ बिजनेस अपने घर में कर रहे हैं घर के हालात ये घर के बाहर के एरिया को देख के मुझे समझ में आ गया है |

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लेकिन आपने जो होटल का बिजनेस शुरू किया है तो आपको कुछ अलग नहीं लगता है आपका इस गांव में सर्वाइवल कैसे हो रहा है इसके मन में यूपीएससी को क्रैक करना था और जिसके भी मन में इस तरह की चीज होती है उनके मन में ना तरह-तरह की चीजों को लेकर सवाल उठते हैं तो इसके मन में भी ऐसा ही सवाल उठा था इसने सवाल पूछा होटल वाले से होटल वाले ने बोला बस जिंदगी चल रही है सभी लोग इसमें इंवॉल्व है तो हमने सोचा कुछ अलग करते हैं और ठीक तक चल रही है वो खाना खाने लगा बात में एक और बात निकली होटल वाले ने अमित से पूछा की भाई आप किस तरफ बढ़ रहे हो अमित ने बताया की मैं यहां पे जा रहा हूं मेरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन का कारोबार है तो कॉटन से जुड़े हुए समान मेरे ट्रक में रखें हुए हैं यहां से तकरीबन और 16 घंटे का मेरा ट्रैवल है वहां पर जाने के बाद ही मैं अपनी जर्नी पुरी तरीके से कंप्लीट करूंगा और सोऊंगा आराम करूंगा एक्चुअल में अभी बस खाना खा  के निकल जाता हूं ये बात सुनकर बाजू में बैठा हुआ वृद्ध आदमी बोलता है ये गलती कभी जीवन में कर भी मत देना वह बोलता है अरे कौन सी गलती जीवन में कर मत देना |

गाँव में फसा अमित

आप क्या कहना चाहते हैं थोड़ा क्लियर बताएंगे वृद्धि व्यक्ति बोलता है की जो इस गांव में अपनी मर्जी से प्रवेश कर लेते है वो कभी भी अपनी मर्जी से बाहर नहीं निकल सकते वो निकलेगा तो हमारे बोलने की वजह से ये बात सुनकर अमित को थोड़ा रूट साउंड किया अब अमित इतने मे बोल रहा है ये कैसी  बात कर रहे हैं आप हम तो अभी निकल जाएंगे हमने आपका कुछ बिगाड़े नहीं है वृद्ध व्यक्ति की बात को काटते हुए वो होटल वाला आदमी कहता है की शायद इसको वहम हो गया होगा इसलिए मैं समझता हूं होटल वाला आदमी वृद्ध आदमी की बात पुरी करते हुए अमित से कहता है की दरअसल आज है अमावस की रात और अमावस की रात में इस गांव से कोई भी बाहर नहीं जा सकता है और अगर निकलता है तो उसे जानलेवा श्राप का सामना करना पड़ता है ये बात सुनकर अमित पुरी तरह से कंफ्यूज हो गया कम उमर का तो था ही अमित तो उसको और भी ज्यादा एक्साइटमेंट हुई की आखिर होटल वाला और ये वृद्ध बात में बताना क्या चाह रहे हैं अमित ने फिर से पूछा क्या पुरी बात बताएंगे कौन से श्राप की बात कर रहे हैं आप होटल वाला व्यक्ति अब बताता है |

लगभग 150 साल पहले की घटना को बताता है की 150 साल पहले यह गांव भरा पूरा हुआ करता था समृद्ध लोग रहा करते थे यहां के लोगों को किसी भी तरह की कोई कमी नहीं थी इस गांव में एक बहुत ही धनी और साथ ही साथ करूर राजा भी हुआ करता था उस राजा ने अपने राज्य को बड़ा करने के लिए एक अजीबोगरीब तरह की चीज अपना रखी थी उसके अंदर एक तांत्रिक था वह यह बता कर रखा था की हर अमावस की रात को अगर वो एक बली देगा चाहे वो नरबलि हो या पशु बली तो उसकी जो ये सभा है उसकी जो प्रजा है उसका जो शासन है वो फैलता जाएगा और समृद्धि उसे कदम चूमेगी राजा अपने उस तांत्रिक की बात मैं आ गया था और जब से उसने अपने होस संभाला था अपनी सत्ता संभालता था तब से हर अमावस्या को या तो वो पशु या तो किसी मनुष्य की बली देते आ रहा था काफी समय बीत गया था राजा ने किसी भी मनुष्य की बली नहीं दिया था इस बार काफी समय से उसका मन कर रहा था कोई मनुष्य मिल जाए तो कृपा बरसेगी |

बूढी औरत और उसका बेटा

आज बारिश हो रही थी जोरो की बिजली चमक रही थी इस गांव में राजा के ही राज्य में एक बूढ़ी औरत रहा करती थी उस बूढ़ी औरत का कोई और नहीं था केवल एक बेटा था जिसकी उम्र यही कोई 20 से 22 साल के आसपास होगी ऑर्डर वाले ने बताया अमित को की ये तुम्हारी उम्र का ही उस बूढ़ी औरत का बेटा रहा होगा बूढ़ी औरत तबीयत खराब होने की वजह से उस बारिश की रात में जोर जोर से तड़पने लगी बेटा अपनी मां की ऐसी हालत को देख नहीं पाया और उसने बोला की मैं पैदल भाग कर जाऊंगा और अपने ही घर से तीन मिल दूरी पर स्थित वैद्य के घर पर जाकर वैद्य को यहां पर लेकर आऊंगा ताकि मां ठीक हो सके जोरो की बारिश हो रही थी बेटे ने भारी बारिश में निकाल गया और जंगल से गुजरते हुए वो जैसे ही वैद्य के घर में पहुंचने वाला था की राजा के क्रूर सैनिकों की नजर उसके ऊपर पड गई और उसको पकड़ लिए बंदी बनाकर जंगल के बीचों-बीच मौजूद एक बड़ी सी गुफा में लेकर गए जहां पर राजा उस तांत्रिक के साथ बैठा हुआ था और उस तांत्रिक को अपना अनुष्ठान पूरा करना था ज्यादा बात नहीं किया तुरंत ही उस बच्चे का धड़ उसके सर से अलग कर दिए |

अब किस्मत से कहो या बदकिस्मती से ये सब कुछ होते हुए गांव के एक लकड़हारा ने देख लिया वो भागा भागा बुढ़िया के पास पहुंचा और सारी बात बता दिया बुखार से तरबतर बुढ़िया अपने घर से उठी और भारी बारिश में उस गुफा में जा पहुंची अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर वो पुरी तरह से टूट गई और रोते हुए मां ने उस राजा को श्राप दे डाली की आज से कुछ ही दोनों के अंदर तेरा पूरा खानदान इसी तरह से तड़प तड़प के खत्म हो जाएगा और आज के बाद से इस गांव की सीमा से तू और तेरा वंश तो क्या कोई भी व्यक्ति बाहर निकलेगा तो उसे मौत का सामना करना पड़ेगा ये खतरनाक श्राप दे कर बुढ़िया ने भी अपना देह त्याग दिया उसके कुछ ही सालों के अंदर राजा के पूरे खानदान पूरे वंश की मौत हो गई लेकिन सभी लोगों ने नोटिस किया की राजा की मौत के बाद अमावस्या की रात को जो भी  गांव की सीमा से बाहर निकलता उसकी मौत हो जाति मौत का कारण कभी समझ में नहीं आता था तब से लेकर आज तक 150 साल बीत चुके हैं अमावस्या की रात को हमारे गांव की सीमा में अगर कोई प्रवेश कर लेता है तो बाहर नहीं निकलता है |

अमावस्या की रात

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अगर निकलता है तो अपने घर नहीं डायरेक्टली ऊपर वाले के घर पर पहुंचता है तुम्हें भी अपना जीवन बचाना है तो आज रात बिता कर कल सुबह सूरज की पहली किरण के साथ तुम यहां से प्रस्थान कर जाना हम में से कोई नहीं रोकेगा ये तुम्हारी ही भलाई के लिए बोला जा रहा है यह सारी चीज सुनकर अमित अंदर ही अंदर काफी ज्यादा एक्साइड महसूस करने लगा उसने सोचा की अब कुछ भी हो जाए मुझे ये चीज एक्सपीरियंस तो करना ही है ट्रक उसका इस होटल से थोड़ा दूर खड़ा हुआ था बाहर की तरफ उसने बोला ठीक है मैं रुक जाता हूं ट्रक को अच्छी तरह से लॉक करके आता हूं फिर आप बताएंगे वहां सो जाऊंगा ये कह कर वो उठा और बाहर की तरफ अपने ट्रक की तरफ बढ़ गया उसने सोचा ये अच्छा मौका है ट्रक में बैठता हूं और निकल पड़ता हूं उस वक्त रात के तकरीबन 9 बजे थे बैठे-बैठे इतनी बात करते-करते इतना समय बीत गया पता ही नहीं चला था उसने अपना ट्रक स्टार्ट किया और तेजी से भगाना शुरू कर दिया गांव में जितने भी लोग अपने घर से बाहर थे कुछ काम कर रहे थे हैरानी से उस ट्रक की तरफ देख रहे थे |

सबको पता था की आज अमावस्या की रात है और ये कौन ट्रक चालक है जो की इस गांव की सीमा से बाहर निकलने की हिम्मत कर रहा है कुछ मिनट में ट्रक चालक अमित अपने ट्रक के साथ गांव की सीमा को क्रॉस कर देता है और कुछ ही मिनट बाद अमित ये सोचने लगा की अरे मैं तो इतनी आगे आ गया कुछ हुआ नहीं अब तब चलो मोबाइल में कुछ गाना लगा देता हूं और सुनते सुनते आगे बडूंगा उसका ध्यान मोबाइल में गया ही है की जोर से ट्रक से कुछ टकराने की आवाज आई है अमित घबरा जाता है और तुरंत ही ट्रक रोकता है उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी नीचे उतर कर देख ले क्योंकि अंदर बैठे बैठे ये क्लियर क्लियर समझ में आ रहा था की उसने एक बूढ़ी औरत को टक्कर मार दिया है बूढ़ी औरत उसके ट्रक से तकरीबन 20 फिट के दूरी पर पड़ी हुई थी खून की नदी बहने लगी थी अमित बहुत ज्यादा घबरा गया अमित को वह बिल्ली वाला दृश्य याद आने लगा की किस तरह से उसने कल जब वो ट्रक लेकर निकल रहा था तो बिल्ली को टक्कर मारी थी और अब इस बूढ़ी औरत को |

बूढी औरत का श्राप

उसने बस इतना सोचा की यहां से निकल जाता हूं वही बेहतर है इसलिए एक सोच के साथ उसने अपने ट्रक को स्टार्ट करने की कोशिश किया लेकिन ट्रक स्टार्ट ही नहीं हो रही थी मैं घबरा गया की ट्रक चालू क्यों नहीं हो रहा है एक बार उत्तर के देख लेता हूं और जल्दी जल्दी यहां से निकल जाऊंगा अब वह  ट्रक से उतरने की जैसी कोशिश करता है मानो दरवाजा लॉक था उसने जोर से दरवाजे को धक्का मारा दरवाजा खुल गया अब जैसे ही बाहर की तरफ आया की जोर से कुछ फूटने की आवाज आई अब मैं  पाया ट्रक का हेड लाइट फुट गया है वो घबरा गया और सोचा की जो भी हो ट्रक चालू करके यहां से भगाना चाहिए ट्रक स्टार्ट करने की कोशिश के साथ अमित की नजर बाहर पड़ी हुई उसे बूढ़ी औरत के ऊपर पड़ी उस औरत के शरीर में कुछ हलचल हुई और वो औरत खड़े होकर ट्रक की तरफ धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी अमित समझ गया की मेरी मौत का वक्त आ चुका है उसे वो होटल वाले की सारी बातें याद आने लगी |

उसने अपने मन ही मन बोला हो ना हो सामने वो बूढ़ी औरत कोई और नहीं वही बूढ़ी औरत है जिसने वो श्राप इस गांव को दिया था उसने सोचा की ट्रक से उतरता हूं पैदल दौड़ के भागूंगा ट्रक से उतरा पैदल भागने की कोशिश किया ही है की औरत जो उससे काफी दूर दिखाई दे रही थी 10 फिट की दूरी पर अचानक से उसके सामने आ गई है अब जोर की बिजली कड़की और बिजली की कड़क के साथ औरत का खौफनाक चेहरा जैसे ही अमित को दिखाई दिया अमित की सांस इतनी तेज बढ़ गई हड़बड़ी इतनी तेज हो गई की आँखों के सामने पूरा अंधेरा छा गया और वह तुरंत बेहोश हो गया अब कुछ देर बाद बारिश की बूँदे अमित के चेहरे पर पड़ी वो हरबड़ाता हुआ उठा उसे दिखाई दिया की जंगल मे ट्रक है पर वह बूढ़ी औरत नहीं है अमित को लगा मेरी मृत्यु नहीं हुई है मैं बैक आ गया हूं वो भागत हुआ ट्रक में चढा मोबाइल में टाइम देखा 4:38 हो रहा था उसने तुरंत ट्रक वापस से चालू करने की कोशिश किया इस बार ट्रक चालू हो गया |

भगवान का शुक्रिया

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अब इसने शुक्रिया अदा किया भगवान का और ऐसा गाड़ी भगाया ऐसा गाड़ी भगाया की एक घंटे के अंदर वो अगले शहर में मौजूद एक ढाबे में पहुंचा वहां पर पहुंचने के बाद ही उसने चैन की सांस लिया लेकिन अपने दिमाग में एक ऐसा सोच बना लिया की उसके समझ में ही नहीं आया की मेरे साथ क्या हो गया काफी दिनों तक उसने किसी से बात नहीं कर पाया हालांकि काम करता था लेकिन अपने आप में यूपीएससी का सपना भी पूरा टूट गया कुछ समझ में नहीं आ रहा था जीवन में क्या करें अभी कुछ ही समय पहले वो संभला है लगभग 4 महीने हो गए उसे अपने आप को संभालने में ठीक करने में वो चीज दिमाग से थोड़ी-थोड़ी निकालने में क्योंकि उस रात को उसने कुछ ऐसा एक्सपीरियंस कर लिया जो की अगर कोई कमजोर दिलवाले व्यक्ति कर ले तो उसकी ऑन डी एसपी मौत हो जाए |

दरअसल अमित को आज भी ऐसा लगता है की उसकी जान उस रात को केवल और केवल इसलिए बची की शायद उस बूढ़ी औरत की आत्मा को अमित के अंदर उसका बेटा दिखाई दिया होगा 150 साल पुरानी वाली कहानी से की उसका बेटा भी अमित की उम्र का ही था वो भी अपने जीवन में कुछ करना चाहता था उसकी भी मौत अकेले हुई थी जब उसको बचाने वाला उसका अपना कोई भी नहीं था तो ऐसा ही  हालात अमित के भी थे शायद बुढ़िया को उस रात अमित के अंदर अपने बेटे की झलक दीखी होगी

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