यह Taxi Driver Horror Story एक टैक्सी ड्राइवर रोशन की है, जो हर रात 11:47 पर मिलने वाली एक रहस्यमयी बुकिंग से जुड़ी है। एक सुनसान फैक्ट्री, एक चुपचाप बैठने वाली बुढ़िया, और एक दोस्त की मौत इन सबके पीछे छुपा है एक ऐसा राज जो रूह तक को हिला दे इस हिंदी हॉरर स्टोरी में जानिए क्या होता है जब एक आम ड्राइवर की ज़िंदगी एक भूतिया सवारी से टकरा जाती है।

रोशन नाम का एक लड़का था जो चंडीगढ़ में रहता था और वह गरीब परिवार से बिलॉन्ग करता था उसके पापा बचपन मे ही गुजर गए थे घर पर माँ और एक छोटी बहन थी रोशन की अब वो बहन ही उसकी जान थी रोशन कोई बड़ा ऑफिसर तो नहीं था लेकिन मेहनती था वह टैक्सी चलाता था एक बड़ी सी प्राइवेट कम्पनी के लिए कैसे भी करके रोशन ने एक गाड़ी खरीदी थी थोड़ा कर्ज लेकर और उसी गाड़ी को ले जाकर कम्पनी में लगा दिया था |
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जिससे उसे ऑर्डर मिलते थे और वह जितनी ज्यादा ट्रिप मारता था उतना ही ज्यादा उसका पैसा बनता था सुबह 8 बजे गाड़ी स्टार्ट कर घर से निकल जाता और फिर पूरा दिन सड़को पर ही बीतता था क्योंकि रोशन का एक सपना था की वह अपनी बहन की शादी एक अच्छे घर में करना चाहता था क्योकि जबसे उसकी बहन पैदा हुई थी बस गरीबी ही देखी थी इसलिये रोशन बस इतना चाहता था कि उसका ससुराल थोड़ा अमीर हो लड़का कम से कम किसी बड़ी कम्पनी में काम करता हो और उसके घर में एक मेड हो जो खाना बनाए, काम करे, ताकि मेरी बहन को लगे कि हाँ उसकी किस्मत बदल गई है |
लेकिन दिक्कत ये थी कि बहन ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी और न ही कोई नौकरी कर रही थी तो ऐसा लड़का जो सपनों वाला हो बिना दहेज के तो नहीं मिलने वाला था रोशन भी ये बात जानता था पर उसने हार नहीं मानी बस पैसे जोड़ता रहा रोजाना गाड़ी चलाता रहा और फिर शुरू हुआ रात 11:47pm के समय का खेल क्योकि अब कुछ दिनों से रोशन ने नोटिस किया की हर रात 11:47pm को एक बुकिंग आती है एक ही पिकअप पॉइंट और एक ही ड्रॉप पॉइंट पर जो एक सुनसान और पुरानी फैक्ट्री की थी |
जहाँ एक घर के ठीक सामने से एक बुढ़ी औरत बैठती थी साफ सुथरे कपड़े, टिप-टॉप जैसे किसी ऑफिस से आ रही हो बिना कुछ कहे सीधे गाड़ी में बैठती थी और फैक्ट्री के सामने उतर जाती थी पुरे रास्ते कोई बात नही करती थी बस उस फैक्ट्री पहुचने के बाद पैसे थमाती और चुपचाप अन्दर चली जाती, रोशन को पहले लगा चलो कोई रेगुलर कस्टमर है लेकिन जब ये चीज लगातार और रोज होने लगी की एक ही वक्त पर एक ही जगह से एक बूढी औरत गाड़ी में चड़ना और उतरना जबकि उस औरत के कपडे रोज बदला होता |
रात 11:47 पर रहस्यमयी आर्डर

लेकिन उस औरत का अंदाज वही पुराना होता है तब रोशन को लगा कुछ तो गड़बड़ है फिर एक दिन रोशन ने ठान लिया की आज मै देखूंगा की ये बुढ़िया आखिर जाती कहाँ है फिर रात हुवा और रात 11:47pm का समय होते ही वही 11:47 की बुकिंग आई वही पिक और ड्राप पॉइंट की उसी औरत की, रोशन उस लोकेशन पर पंहुचा वह औरत गाड़ी में बैठी और फैक्ट्री के सामने उतर गई लेकिन इस बार रोशन ने गाड़ी को थोड़ा आगे बढ़ाया फिर रोक दिया गाड़ी पार्क की और चुपचाप बुढ़िया के पीछे चल पड़ाफैक्ट्री में अंधेरा था, सन्नाटा था |
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लेकिन एक अजीब सा मौजूदगी का एहसास थाजैसे कोई है, कोई उसे देख रहा है लेकिन दिखाई नहीं दे रहा बुढ़िया बहुत धीरे चलती थी और रोशन तो उसके पीछे-पीछे भागता हुआ गया था लेकिन अन्दर जाकर रोशन देखता है की फैक्ट्री खाली है कोई भी नहीं है अन्दर फिर रोशन सोचता है की यह एक छोटी सी जगह है यहाँ कही छुपने का भी जगह नही है तों बुढिया गायब कहाँ हो गयी अब रोशन के थोडा डर गया और अपने आप से बोलता है |
भाई इतनी बुजुर्ग औरत दौड़ के थोड़ी न आई होगी और अगर आई भी तो कहाँ गायब हो गईउसे कुछ समझ नहीं आया वह बस सीधा गाड़ी में बैठा और बोला कल सुबह इसके बारे में अपने दोस्तों से बात करता हूँ यह बोलकर रोहन अपनी गाड़ी में बैठकर अपने घर चला गया अगली सुबह रोशन रोज की तरह 8 बजने के बजाय 6 बजे ही अपने अड्डे पर पहुंच गया दोस्त इकट्ठा हुए चाय, हंसी-मजाक हुवा तभी आया चंदू चायवाला जिसकी चाय की टपरी थी जो बहुत अकड़ू था |
वह हर किसी से कहता रहता की मैं भूत-प्रेत पर बिलकुल भी विश्वास नही करता और अगर होते भी होंगे तो मुझसे डरते होंगे, रोशन ने सबको सारी बात डीटेल में बताई कुछ दोस्तों ने हँसी में उड़ा दिया लेकिन चंदू चायवाला जिद करने लगा की आज तो मै भी चलूंगा भाई तेरे साथ देखता हूँ वो बुढ़िया है क्या चीज, रात का वक्त आया चंदू चायवालाने अपनी चाय की टपरी बंद की और दोनों बैठ गए टैक्सी मे और दोनों ने मिलकर प्लान बना लिया था की जैसे ही बुढ़िया गाड़ी मे बैठेगी भगवान के भजन बजेंगे ताकि अगर कुछ है तो सामने आ जाए |
रात 11:47 का समय हुवा फिर वही लोकेशन पर आर्डर आया उसी बूढी औरत की तो ये दोनों गाडी में भजन लगाकर उस लोकेशन पर पहुचते है वह बुढिया उसी लोकेशन पर खड़ी थी वही खामोश चेहरा लिये रोशन ने गाड़ी रोकी और बुढ़िया अन्दर आकर चुपचाप बैठ गई लेकिन जैसे ही वो बैठी गाड़ी मे चल रहा भजन अचानक बंद हो गया रोशन और चंदू चायवाला का चेहरा सफेद पड़ गया चंदू ने रियर-व्यू मिरर से देखा और उसकी सांसे रुक गई वो बुढ़िया लगातार रोशन को घूर रही थी और जैसे ही उसकी नजर मिरर के जरिए चंदू से मिली चंदू चायवाला का शरीर काँप गया |
चंदू चायवाला की मौत : Taxi Driver Horror Story

AC की ठंडी हवा में चंदू चायवाला पसीना-पसीना हो गया वो खिड़की खोलना चाहता था पर शीशा जाम हो चुका था अब वक्त था प्लान B का रोशन ने बिना कुछ कहे गाड़ी मोड़ी रोशन ने जैसे ही गाड़ी फैक्ट्री वाले रास्ते से घुमाकर दुसरे रास्ते पर की थी की तभी पीछे की सीट पर बैठी बुढ़िया की आवाज आई तू रास्ता क्यों बदल दिया पहली बार उसने कुछ कहा था उसकी आवाज में एक अजीब सी डर थी जैसे रूह तक को जमा दे रोशन ने कुछ जवाब नहीं दिया |
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बस गाड़ी की रफ्तार और तेज कर दी पर अब गाड़ी उसके कंट्रोल में नही थी स्टेयरिंग जैसे अपने आप घूम रहा था गाड़ी लहराने लगी चंदू समझ गया की कुछ बहुत गड़बड़ है वो घबराया नही उसने तुरन्त हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया बुढ़िया बस पीछे की सीट पर चुपचाप बैठी थी लेकिन उसकी आँखें जैसे गाड़ी की रियर व्यू मिरर से दोनों को चीर रही थी रोशन ने काँपती आवाज में कहा चंदू अब तो गए भाई और तभी एक जोरदार छींक की आवाज हुई वह आवाज इतनी तेज थी कि जैसे आसमान तक काँप गया हो |चायवाला
और फिर सब अंधेरा हो गया फिर जब रोशन की आंख खुली तो खुद को एक अस्पताल के बेड पर पाया हाथ में फैक्चर था सिर पर पट्टी बंधी थी पर पास में ना उसकी गाड़ी थी ना उसका दोस्त चंदू चायवाला और ना ही उस रात का कोई सुराग उसे कुछ याद नही आ रहा था तभी थोड़ी ही देर में उसके कमरे का दरवाजा खुला उसकी बहन अन्दर आई और कहा भैया तुम्हारी जेब मे ये नोट मिला था रोशन ने कांपते हाथो से वो कागज खोला |
उसमे एक अजीब सा निशान बना था जैसे कोई शैतानी चिन्ह हो और बगल मे बच्चे जैसी हैंडराइटिंग में एक बुढ़िया की तस्वीर बनी थी और नीचे लिखा था हर सफर की कीमत पैसे से नही चुकाई जाती इस नोट ने रोशन को झकझोर दिया कुछ दिन बाद जब उसे हॉस्पिटल से छुट्टी मिली तो घर आकर सबसे पहले रोशन ने अपनी बहन से पूछा की उस रात मेरे साथ मेरा दोस्त चंदू भी था न वो कहां है तब बहन ने रोते हुए कहा चंदू उस हादसे मे नही बच पाया |
रोशन के पैरो तले जमीन खिसक गई उसके हाथ-पाँव सुन्न हो गए इसके बाद रोशन ने उसी पल एक फैसला लिया की अब मै कभी गाड़ी नही चलाऊँगा और उसने ऐसा ही किया टैक्सी छोड़ दी ड्राइविंग छोड़ दी और एक कॉल सेंटर मे नौकरी शुरू की और एक नई जिन्दगी जीने लगा आज इस घटना को पूरे 6-7 साल बीत चुके है पर रोशन आज भी उस रात को भूल नहीं पाया
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