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नेपाल: 1 भूतिया मन्दिर जहा रहते है भूत | Horror Temple story

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यह कहानी है नेपाल के काठमांडू की जहां पर एक मंदिर है जो कि बहुत समय पहले से बना हुआ था और वहां के लोगों की माने तो इस Horror Temple में अब कोई भी नहीं जाता वह मंदिर जहा कभी लोग दूर-दूर से आते थे पर अब वहा पर आसपास के लोग भी नहीं जाते क्योंकि आसपास के लोगों ने कुछ ऐसा अनुभव किया है जो वहा के लोगो के सोच से परे था |

यह कहानी चार ऐसे दोस्तों की थी जिन्होंने गांव वालों के वार्निंग को नजर अंदाज़ कर दिया था वे लोग इस बात को पूरे तरीके से इग्नोर कर दिये थे और उन्हें लगता था की हमारे गांव वाले तो पागल है ऐसे ही फालतू में बोलते रहते हैं हम तो जाएंगे और वे लोग गए भी, और फिर उनके साथ जो कुछ भी हुआ वही के लोगों के लिए एक डरावने सपने जैसा था, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं नेपाल के एक शापित मंदिर के बारे में तो चलिये कहानी स्टार्ट करते है |

नेपाल की ट्रिप

अनुराग एक कॉलेज स्टूडेंट है जो कि सेकंड ईयर में अनुराग का थर्ड सेमेस्टर खत्म होता है तो उसने और उसके दोस्तों ने सोचा कि वह लोग नेपाल चलते हैं और काठमांडू घूमेंगे उसके बाद 22 दिसंबर 2023 की शाम को अनुराग, सावन,मनोज और अभिनव काठमांडू के लिए निकल जाते हैं और अभिनव का घर काठमांडू में ही था लेकिन कॉलेज से दूर होने के कारण वो हॉस्टल में रहा करता था, 2 घंटे के सफर के बाद चारों अभिनव के घर में पहुंच जाते हैं और वह अभिनव के घर में रुकते है अभी के घर में अपना अपना समान रखकर रेस्ट करते है |

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इसके बाद दो दिन तक यह लोग आसपास की हर जगह घूमते हैं इन्हें काफी मजा आता है इन लोगो का वह दो दिन कब निकल जाता हैं इन्हें पता भी नहीं चलता | पहले दो दिन निकल जाने के बाद भी इन लोगों के पास एक-दो दिन और बचे हुए थे तो फिर से ये लोग आसपास कही ऐसे ही घूमने निकल जाते है और घूमते घूमते कही थोड़ा आगे निकल जाते हैं तब उन्हें वहां पर एक मंदिर दिखता है जो की काफी पुराना दिख रहा था, उस मंदिर की सबसे यूनिक बात यह थी की वह मंदिर दूर से ही बहुत सुंदर दिख रहा था वह थोड़ा अलग ही था |वहा के लोग इस मंदिर के बारे में बताते हैं कि कैसे यह शापित मंदिर है और कैसे लोग यहां नहीं जाना पसंद करते हैं और रात के बाद तो बिल्कुल भी नहीं जैसे ही यह चीज इन सबको पता चलती है तो ये जो तीन दोस्त थे अनुराग, सावन और मनोज ये तीनों डिसाइड करते हैं की हम रात को ही जाएंगे और एक्सप्लोर करेंगे क्योंकि एडवेंचर भी तो चाहिए ना हम लोगों को ये तो बड़े लोग बोल रहे हैं तो हमें क्या है? हम तो अपनी ही करेंगे जो करना है, तो यही एटीट्यूड लेकर यह प्लान बनाते है और बोलते है की अभीनव को भी नहीं बताएंगे क्योंकि अभीनव इन सब चीजों से डरता है और अगर अभीनव को अपना प्लान बताया तो अभीनव पहले ही माना कर देगा |

एक तो वह खुद जाएगा नहीं और हमे भी नहीं जाने देगा, तो इन लोगो का अभीनव को बिना बताये  प्लान बन जाता है अब रात होती है सब खाना खाते हैं और खाना खाने के बाद सोने चले गए लेकिन अनुराग सावन और मनोज अभी भी जागे हुए हैं सबके सोने के बाद वो लोग चुपचाप से घर के बाहर निकलते हैं और अब मंदिर की तरफ बढ़ने लगते है। पंद्रह बीस मिनट के सफर के बाद तीनों मंदिर के पास आ गए थे लेकिन मंदिर का दरवाजा बंद था और उन्होंने मंदिर के दीवार को कूद कर ही अंदर जाना सही समझा अब जब ये कूद रहे होते हैं तो सावन फिर से वार्न करता है की गाइस तुम लोग सही नहीं कर रहे हो हमें वापस चलना चाहिए हमे गांव वालों ने देखो मना किया था लेकिन जो दोनों दोस्त थे वह बोलते है अरे कुछ नहीं होता है ऐसा, चल के देखना मजा आएगा एडवेंचर होगा और यह बोलकर दोनों कूद जाते हैं अब ये दोनों कूद गए मनोज अकेला ही बाहर है तो उसके पास कोई और ऑप्शन था नहीं तो वह भी कुद जाता है |

मन्दिर में प्रवेश (Horror Temple)

अब तीनों मंदिर के अंदर चले गए मंदिर के अंदर पूरा अंधेरा था तीनों ने अपने धीरे-धीरे कदम अंदर की तरफ बढ़ाएं तीनों हंसी मजाक करते हुए आगे बढ़े जा रहे थे कि तभी सावन ने कुछ अजीब सा देखा और बोला अनुराग वो क्या है तो सभी मुड़कर देखते हैं जब अनुराग भी ध्यान से देखता हैं तो वह बोलता है की हा वहां पर कोई खड़ा है मतलब ऐसा लग रहा था जैसे कोई दरवाजे के पीछे से छुपकर देख रहा हैं पर जो चाँद की रोशनी थी उसकी वजह से उसकी परछाई क्लियर बन रही थी जमीन पर, और वो लोग जब परछाई को ध्यान से देखा तो ऐसा लग रहा था  की कोई इंसान है जो की दरवाजे के पीछे से छुप के देख रहा है |

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तब अनुराग पूछता है की कौन है, कौन है वहां पर लेकिन कोई जवाब नहीं आता जिस पर सावन बोलता है छोड़ ना हमारी तरह कोई आया होगा एक्सप्लोर करने अकेला है तो डर गया होगा छोड़ और ये बोल के अब ये दोनों चल पड़ते है अंदर की साइड जब जा रहे थे तो इन दोनों के पीछे पीछे मनोज चल रहा था तभी एकदम से मनोज जोर से चिल्ला देता है जैसे मानो भयानक सा कुछ देख लिया हो मनोज को चिल्लाता सुन अनुराग और सावन तुरंत मुड़ते है और मनोज के पास आकर उसका मुंह पकड़ लेते हैं और जोर से बोलते है तु पागल है क्या? मरवाएगा क्या, हम सबको अब चुप रहना है एकदम और फिर जब मनोज थोड़ा चुप हो जाता है तो अपना हाथ वे लोग हटाते है और उससे पूछते है क्या हुआ तेरे को जैसे ही वो हाथ हटाते है मनोज बड़ी जोर से हाफ रहा होता है बहुत ऐसे जैसे डर गया हो |

और वह डरते हुए बोला जैसे किसी ने मेरे कान मे कुछ बोला और वह बहुत डरावना था जिससे मुझे समझ आया की यहां पर तो कोई और है भी नहीं तो कैसे कोई बोल सकता है जिस पर सावन बोलता है कि अरे तू पागल है क्या यहां पर जो हवाएं चल रही है तेज तेज तुझे ऐसा लगा होगा की वो हवाएं कुछ बोल रही है या तुझे कुछ क्लियर सुनाई दिया था मनोज बोला नहीं जैसे सिर्फ फूूंक के कोई बोलता हैं धीरे-धीरे से एकदम हल्की आवाज में बोला था इस पर सावन बोलता है की शायद वो हवा की वजह से हो रहे थे दिमाग में वैसे भी चीज ये सब चल रही है तू डरा हुआ है तो तुझे ऐसा लग रहा है, अब चिल्ला मत नहीं तो लेने के देने पड जाएंगे अगर गांव वालों ने सुन लिया तो |

मन्दिर में किसी के होने का एहसास

अब चुपचाप अंदर की साइड चलते है और तू थोड़ा कम डर ठीक है अब जैसे ये बोलते हैं और ये थोड़ा सा आगे की तरफ चलने लगते है की तुरंत ये फिर से एक बार पीछे मुड़कर देखते हैं क्योंकि वहां से कुछ अजीब सी आवाज़ आती है कुछ गिरने की जब ये पीछे मुड़कर देखते हैं तो ये नोटिस करते हैं की जो कुछ समय पहले गेट के पीछे छुपी हुई थी वह वहां है ही नहीं अगर वहां नहीं है तो जो आदमी पीछे छुपा था कहीं तो गया होगा और कही गया होता तो हमें दिखता तो हमें कहीं दिखाई भी नहीं है तो ये अजीब बात तो है जिस पर मनोज फिर से बोलता है की देखा वो भी यहां पर नहीं है कहीं उसी ने तो मेरे कान पे कुछ बोला तो नहीं था मुझे डर लग रहा है दोस्तों मुझे लगता है की हमें घर चलना चाहिए पर अनुराग बोलता है की अरे यार वो परछाई किसी पिलर की या किसी और चीज का भी तो बन सकती है और ये लोग सारी बातों को नजरअंदाज़ करके वो लोग अभी भी आगे बढ़ाना ही सही समझ रहे थे और वही उनकी सबसे बड़ी भूल थी |

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अब तीनों और अंदर जाते हैं और वो एकदम बीच में पहुंच जाते हैं मंदिर में एक आंगन सा होता है वहां पहुंच जाते हैं और जब वहां पहुंचते हैं तो वो देखते हैं की आंगन के बिल्कुल बीचों-बीच एक कुत्ता बैठा हुआ है काले रंग का ये लोग देख के बड़े हैरान हो जाते है क्योंकि मंदिर तो रात को बंद हो जाता है और दीवारें इतनी ऊंची है कि यहा कुत्ते का कूदना मतलब बहुत मुश्किल है ऐसे बीच में बैठा हुआ है और उस वजह से ये तीनों काफी हैरान है कि भाई ये आया तो आया कहाँ से वेल तीनों इतना सोच ही रहे थे की तभी ना जाने कहां से तेज हवाएं चलने लगी और आंधी उठने लगी तीनों की आंखों में जैसे की धूल जाने लगी थी उन सबने अपनी आंखें बंद कर ली, बस थोड़ी सी आंखें खुली थी जिससे दिख रहा था बाहर का हल्का- हल्का और तब ये देखते हैं की जो कुत्ता है वो वहां से भाग के ऐसे चला जाता है जैसे एकदम से भूत है और जहां से ये लोग आए होते हैं वहां से बाहर की तरफ चला जाता है

तभी उन्हे एक परछाई दिखती है और वह वापस ऐसे ही चुपके से देख रही है और अब इन लोगों को  डर लग रहा है की परछाई मतलब पहले तो ऐसे सोच रहे थे की किसी पेड़ की परछाई ऐसे बन गई होगी या कुछ बन गई होगी और फिर ये देख रहे हैं की यह परछाई यहां पर भी है जो फिर से उसी मंदिर के  कोने से एकदम छुपके देख रहा है तो वे लोग कोने के पास थोड़ा सा साइड होकर देखते है जिससे  थोड़ा क्लियर दिखे जब यह देखते हैं तो इन्हें दिखता है की वहां पर कोई भी नहीं है मतलब की मंदिर में अपनी आंखों से कुछ नहीं दिख रहा था लेकिन जब यह नीचे परछाई में देख रहे हैं तो वहां पर एक प्रॉपर ह्यूमन फिगर दिख रहा है इन लोगों को अब थोड़ा सा अजीब लगने लग गया था और अजीब से ज्यादा बोलूं तो थोड़ा डर लगने लग गया था और अब यह तीनों काफी डर गए थे |

हाँथ में था किसी का कटा हाथ

की तभी वे देखते हैं की वह जो आवाज़ पहले आई थी ठक करके आवाज़ फिर से आ रही है लेकिन इस बार कंटीन्यूस आ रही है ठक ठक जैसे की कोई गेट बंद कर रहा हो और खोल रहा हो और अब वह जो परछाई है वो धीरे-धीरे इनके पास भी आ रही है वैसे तो इन्हें ऐसे कुछ नहीं दिख रहा था बस धीरे-धीरे इनके पास आ रही परछाई वो बड़ी होती जा रही थी ये तीनों बहुत ज्यादा डर जाते हैं और यह बस अब मंदिर से बाहर निकलना चाहते हैं तीनों भागे अनुराग ने मनोज का हाथ पकड़ा हुआ था और सावन इनके आगे आगे भाग रहा था की तभी अनुराग को रिलाइज होता है कि उसने जो हाथ पकड़ा है वह मनोज का नहीं है क्योंकि मनोज तो जस्ट उसके पीछे भाग रहा था वो मनोज को देख रहा था और अभी भी उसका हाथ किसी ने पकड़ा हुआ है अनुराग एकदम से खड़ा हो जाता है और एकदम से डरते हुए अपने हाथ की तरफ देखता है और वह देखता है की उसके हाथ में हाथ तो है किसी का |

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लेकिन वह किसी इंसान का कटा हुआ हाथ है बिल्कुल कटा हुआ हाथ यह देखकर वह बहुत ज्यादा डर जाता है और बहुत जोर से चिल्लाता है और उस हाथ को फेंक देता है तब सब उसे देखते है और बोलते है  क्या हुआ तेरे को तू चिल्ला क्यों रहा है तो अनुराग बोलता है की अरे तुमने देखा नहीं मेरे हाथ में किसी का हाथ था और वो कटा हुआ था पूरा, जिस पर वो लोग बोलते है तू पागल हो गया क्या हम तेरे आगे पीछे ही है और हमने कुछ नहीं देखा तेरे हाथ में अभी तूने कुछ ऐसा फेंका वो तुझे लग रहा है लेकिन तूने हाथ फेका लेकिन तेरे हाथ मे तो कुछ भी नहीं था भाई तू ठीक है ना तेरे को ऐसा क्यों लग रहा है अनुराग को कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर ये लोग आपस मे बात करते है की अब यहा क्या कर सकते है और फिर उसी टाइम पर यह डिसाइड करते की हम लोग उस दीवार से कूद कर बाहर जाएंगे और वे लोग भागने लगते है अब भागते भागते फाइनली वो दीवार आ जाती है जिसे कूद के वो लोग अंदर आए थे |

सावन सबसे आगे था जब ये लोग उस दीवार के पास जा ही रहे होते हैं की फिर से वही आंधी इनके पास आ जाती है और फिर से आंखों में लगने की डर से ये लोग फिर से अपनी आंखें ऐसे बंद कर लेते हैं और जोर से चिल्ला भी रहे थे मतलब चिल्लाने का एक दूसरे का नाम लेकर पूछ रहे है की तु ठीक है ना तू ठीक है ना की इन्हें मनोज की आवाज़ नहीं आ रही थी वो बोलते हैं की अरे मनोज कहां पर है और थोड़ी देर बाद वो आधी के जाने के बाद ये लोग अपना हाथ आंखों पर से हटाते हैं और आंखों को साफ करते हैं तो देखते हैं की मनोज पास मे नहीं है वो आसपास देखते है लेकिन कहीं नहीं दिखता तो इन्हें लगता है की शायद उसने दीवार पार कर ली और वह चला गया होगा तो ये दोनों भी जल्दी से  उस दीवार को पार करते है और बाहर निकल जाते हैं बाहर निकलकर देखते हैं की मनोज बाहर भी नहीं है अब इन लोगों को समझ मे नहीं आ रहा था की मनोज कहां पर है ये लोग थोड़ा चिल्लाकर मनोज से पुछ रहे थे की मनोज मनोज कहां है तू कहां छुपा हुआ है लेकिन मनोज का कोई रिस्पांस नहीं आया  

मन्दिर में गायब हुवा मनोज

फिर अनुराग बोलता है हम लोग वापस से अंदर चलते है पर सावन बोलता है भाई तू पागल है क्या बहुत डेंजर है अन्दर नहीं जा सकते और फिर सावन और अनुराग ये डिसाइड करते हैं कि हम अभी के लिए घर चलेंगे और फिर सुबह देखते हैं जो भी होता है वैसे मनोज आगे पीछे कहीं नहीं है तो ऐसा   ना हो की वो घर चला गया हो और हम यही घूम रहे हैं, हमे डर भी बहुत ज्यादा लग रहा है इस समय क्योंकि कुछ भी हो सकता था एक तो वो अजीब सी आधी, वो अजीब सा फिगर दिखना, वो कुत्ता और वो साउंड. इनके दिमाग में बार-बार बहुत कुछ चल रहा था और डर भी गए थे तो सावन बोलता है सीधा अभीनव के घर चलते हैं और चुपचाप बिना किसी को बताएं अपने जगह पर सो जाते हैं |

horror temple

अगला दिन होता है अगले दिन ये फिर उस टेंपल के आसपास जाते हैं और हर जगह ढूंढते है मनोज  को ये लोग अभीनव को भी बता दिये थे की अपने साथ ऐसा ऐसा हुआ था तो अभीनव भी इनके साथ गया था अब ये तीनों ढूंढ रहे थे की मनोज कहां है हर जगह खोज रहे थे लेकिन इन्होंने गांव वालों को नहीं बताया क्योंकि इन्हें लग रहा था की गांव वाले आके हमें पीटे ना क्योंकि तुम नए हो, एक लोकल जगह में जाओ तुम्हें क्लीयरली मना किया गया है की वहा मत जाओ और तुम वहां पर फिर भी गए हो तो एक डर तो रहता ही है की हो सकता है सामने वाला तुम्हें कुछ भी बोल सकता है पीटेगा मारेगा डाटेगा,  वो तो गारंटी है की गालियां तो सुनने की मिलेगा ही |

ये लोग मंदिर के आसपास देखने के बाद अंदर भी जाते हैं क्योंकि सुबह होता है तो मंदिर के अंदर जा सकते थे ये लोग अंदर जाकर हर जगह ढूंढते हैं लेकिन कही नहीं मिलता तो ये अब बहुत ज्यादा डर गए क्योंकि इनका दोस्त इन्हे नहीं मिल रहा था मनोज का कोई ता पता नहीं था तभी अभीनव बोलता है एक काम करो जल्दी से चलो पुलिस में कम्पलेन्ट करते हैं मनोज का कोई आता पता नहीं चल रहा है अब इन दोस्तों की तो हालत खराब हुई की क्या ही बोलेंगे हम उसके घर पर क्या बोलेंगे हमारे भरोसे उसके मम्मी पापा ने मनोज को भेजा था और हम क्या बोलेंगे की मनोज नही मिल रहा है ढूंढा जा रहा है, पुलिस मे ये लोग कॉम्पलेन्ट कर देते है और 2  दिन बाद पुलिस स्टेशन से अनुराग को फोन आता है  फोन आता है की आपका जो दोस्त है मनोज वह हमें मिल चुका है जैसे यह पता चलता है यह तीनों दोस्त भागे भागे जाते हैं पुलिस स्टेशन में |

जब पुलिस को मनोज मिला

और बोलते है आप प्लीज बताइए कहां पर है वो सही है सब कुछ ठीक है न वे पुलिस वाले अभीनव से बताते है की तुम्हारा दोस्त मनोज वो मंदिर से 13 किलमीटर दूर मिला था और उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी ऐसा लग रहा था की उसने कई हफ्तों से कुछ नहीं खाया है, मनोज की हालत इतनी ज्यादा बुरी हो चुकी थी की उसे हॉस्पिटल में भरती किया गया था और जब से मनोज मिला था वो तब से कुछ अजीब से शब्द बोले जा रहा था जो की किसी को कुछ खास समझ नहीं आ रहा था और मनोज ने पहचानने से भी मना कर रहा था मतलब एक होता है न की तुम्हें देखा है लेकिन तुम कौन हो मुझे समझ नहीं आ रहा कुछ इस टाइप से वो बिहेव कर रहा था डॉक्टर्स बताते हैं की मनोज को ट्रॉमा है और वो इतना बुरा ट्रॉमा लगा है की वो सोच ही नहीं पा रहा या उसका दिमाग काम ही नहीं कर रहा है |

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हो सकता है की उसे दिमागी प्रॉब्लम हो गई जिससे वह प्रतक्रिया ही नहीं कर पा रहा हो चीजों का,और इसी शाक की वजह से वो अपने सोचने की क्षमता काफी हद तक खो चुका है इस बात को तीन महीने हो चुके हैं और मनोज आज भी वैसा ही है, उसकी हालत आज भी वैसी ही है वह अभी भी एक हॉस्पिटल में एडमिट है और आज भी वह पहचान नहीं पा रहा किसी को भी और आज भी वह कुछ शब्द दोहराये जा रहा है जो की होते हैं | हाथ जंगल कोहरा दरवाजा शीश यही चीजें मनोज बस दोहराए जा रहा है आई होप की मनोज जल्दी सही हो जाए और सावन को उन्हें अपने एक्सपीरियंस से यह पता चल गया कि कभी भी ऐसी चीज ना करो जिसको करने के लिए मना किया गया हो तो दोस्तों यह थी चार दोस्त सावन,अनुराग,मनोज और अभीनव की हॉरर रियल स्टोरी और यह Real Horror Story नेपाल के एक ऐसे मंदिर की है जो की बहुत प्राचीन और बहुत रहस्यमई है |

दोस्तों आपको यह स्टोरी जरूर अच्छी लगी होगी तो लाइक शेयर करना ना भूलें फिर मिलते है  किसी और सच्ची हॉरर कहानी के साथ तब तक के लिए अलविदा |

Thank You

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नमस्ते दोस्तों मेरा नाम सुधीर कुमार है और मैं एक passionate ब्लॉगर हूँ, जो आपको ऐसी कहानियाँ, अनुभव और जानकारी देने में यकीन रखता हूँ जो किसी के ज़िंदगी में सच में घटा हो। इस ब्लॉग के ज़रिए मैं कोशिश करता हूँ कि आपके दिल और दिमाग दोनों को छू सकूं कभी Horror कहानियों से, तों कभी सच्ची कहानियों से, तों जुड़िए मेरे साथ मेरे ब्लॉग scaryhifear से और पढ़ते रहिये Real Horror story, crime story, और mysterious knowledge एकदम फ्री में |

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