Morena district थाना सराय छौला

मुरैना जिले (Morena district) में एक इलाका है चंबल इसी इलाके के थाना सराय छौला के एक क्षेत्र में एक गाँव आता है जौरा, इसी गाँव में चरण सिंह कुषवाहा का परिवार रहता है चरण सिंह की शादी जौरा इलाके में रहने वाली सीमा के साथ हुई थी और उनके तीन बच्चे भी हो गए थे सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन वक्त कब बदल जाये कहां नहीं जा सकता है हुआ यह की चरण सिंह ने जौरा कस्बे में बयाना देकर एक प्लाट का सौधा कर लिया लेकिन कुछ रुपए कम पड़ रहे थे बाकी डेढ़ लाख की रकम महीने भर देकर रजिस्ट्री करवाना था इस पर उसकी पत्नी सीमा ने अपने पुराने परिचित संजय को फोन कर कहा कि मेरे पति ने एक प्लाट का सौधा कर लिया है और उसे डेढ़ लाख रुपए की जरूरत है यदि तुम कुछ समय के लिए डेढ़ लाख रुपए उधार दे दोगे तो हमारी मदद हो जाएगी | संजय सीमा का पुराना प्रेमी रह चुका था शादी के बाद भी वह मन ही मन सीमा को पसंद करता था इसलिए अगले दिन संजय ने लिखा पढ़ी करके चरन सिंह को डेढ़ लाख रुपए दे दिये लेकिन साथ ही हिदायत दी कि वो उसका पैसा एक महीने में वापस कर दे, चरन सिंह को रुपए उधार देने के कारण संजय का चरन सिंह के यहां आना जाना शुरू हो गया |
पहले जहां सीमा और संजय के बीच संबंध थे अब वह पुराने दिन याद आने लगे थे लेकिन शादी होने के बाद सीमा ने समझदारी दिखाते हुए संजय से दूरी बना ली थी संजय भी सीमा को भूलने की कोशिश करने लगा था लेकिन एक बार फिर सीमा से संपर्क होने के बाद वह पुराने अच्छे दिनों को फिर से जीने की चाहत रखने लगा था एक दिन सीमा को बाजार जाना था और संजय वहाँ आ गया संजय ने सोचा अच्छा मौका है तो वह उसके साथ हो लिया और उस दिन जितनी भी खरीदारी हुई संजय ने ही सारे पैसे दिये जब संजय सीमा को घर छोड़ने जा रहा था तो सीमा ने उसे खाना खाने के लिए रोक लिया संजय को लगा कि सीमा के दिल में उसके लिये अभी भी कुछ न कुछ है तभी तो वह उसका इतना ख्याल रख रही है। अब संजय को यह जानने की उत्सुक्ता थी कि सीमा के दिल में क्या चल रहा है। अगले दिन वह बिना समय गवाए चरण सिंह के घर गया। वहाँ सीमा अकेली थी। संजय ने झुमके का डिब्बा खरीद कर उसे सीमा के हाथ में दे दिया सीमा ने खुशी-खुशी झुमके पहन लिये । संजय ने उसकी तारीफ की और कहा, चरण सिंह देखेगा तो वह भी तुम्हारी तारीफ करेगा सीमा ने जवाब देते हुए कहा, मेरे पति के पास तो इतना समय नहीं है कि वह मुझे जुमके पहने हुए देखे और तारीफ करें |
पति-पत्नी के बीच दरार

उसे तो काम से लौट कर बस दारू पीने का ही वक्त मिलता है। सीमा की बात सुनकर संजय को समझ में आ गया कि पति-पत्नी के बीच दरार है इसके बाद संजय सीमा के और करीब आने की कोशिश करने लगा सीमा को भी संजय का आना जाना और उससे बात करना अच्छा लगने लगा था लेकिन संजय को अपनी मंजिल अभी तक नहीं मिली थी फिर एक दिन संजय ने धीरे-धीरे चरणसिंह से अपने डेड़-लाख रुपये वापस मांगने की बात की लेकिन चरणसिंह ने इसे नजर अंदाज कर दिया वास्तव में तो चरण सिंह संजय से उधार लिया रुपया, लौटाना नहीं चाहता था इसी बीच सीमा ने संजय की मनशा को समझते हुए कहा, संजय तुम क्यों मेरे पीछे पढ़े हो, शादी क्यों नहीं कर लेते सीमा की बात सुनकर संजय ने मौके पर चौका मारते हुए कहा, पैसा नहीं है मेरे पास तुम्हारे पति से कई बार अपना पैसा वापस मांग चुका हूँ, मगर वह ध्यान ही नहीं देता मैंने तुम्हारे कहने पर पैसा दिया था तुम पैसा वापस दिलवा दो तो मैं शादी कर लूं, अगर ये बात है तो तुम चिंता मत करो पैसा तो तुम्हारा दिलवा दूँगी, लेकिन जब तक पैसा तुम्हें वापस नहीं मिलता तब तक मैं तुम्हें शादी की कमी महसूस नहीं होने दूँगी |
सीमा की बात सुनकर संजय भी खुश हुआ दूसरे दिन बच्चों के स्कूल जाने के बाद जैसे ही चरन सिंह काम पर जाने को निकला, पीछे से संजय सीमा के पास पहुंच गया सीमा भी उसका इंतिजार कर रही थी इसलिए वह संजय को सीधे बेड्रूम में ले गई और खुद को उसके हवाले कर दिया | जिसके बाद सीमा की दीवानगी में पागल संजय ने तभी सांस ली जब उसने सीमा को लेकर उसके मन में सालों से पल रही इच्छा पूरी हो गई इस घटना के बाद सीमा और संजय का प्यार एक बार फिर परवान चड़ने लगा चरन सिंह मजदूरी करने गाव से बाहर निकल जाता था उसी बीच सीमा संजय को अपने घर पर बुलाकर रंगरलिया मना लिया करती थी, लेकिन संजय का आना जाना बढ़ जाने से सीमा के पडोसियों को इन दोनों के रिस्तो पर शक हो गया, जिससे बात चरन सिंह के कानों तक भी पहुंच गई जिसके चलते चरन सिंह ने सीमा को साफ हिदायत दे दी कि मेरी गैर मौजूदगी में संजय आये, तो उसे मना कर देना, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि बिना मतलब के हमारी बदनामी हो | दूसरे दिन, जब चरन सिंह काम पर चला गया, तो सीमा ने फटाफट फोन करके संजय को आगाह कर दिया उसने कहा कुछ दिनों तक यहां मत आना क्योंकि चरन सिंह और आस पढोस वालों को शक हो गया है |
पति का पत्नी को रंगों हाथ पकड़ना

सीमा की बात सुनकर संजय ने भी समझदारी दिखाई और कुछ दिन तक चरन सिंह के घर की तरफ झाकने तक नहीं आया जब सीमा ने देखा कि इस मामले में चरन सिंह लापरवा हो गया है, तो सीमा ने एक दिन संजय को फोन करके घर पर बुला लिया क्योंकि उस दिन चरन सिंह सच में मथूरा जाने के लिए घर से निकला था लेकिन जैसे ही वह मुरैना स्टेशन पर मथूरा जाने वाली ट्रेन में चड़ने को था, तभी उसके एक पढोसी ने फोन कर बताया की संजय तुम्हारे घर आया हुआ है । यह सुनकर चरन सिंह का गुस्सा सात्वे आस्मान पर पहुंच गया उसने तुरंत मथूरा जाने का इराधा छोड़ दिया और घर वापस लौट आया, घर के अन्दर जाने के लिए उसने पढोस की छत का सहारा लिया ताकि सीमा को रंगे हाथो पकड़ सके और जैसे ही वह अंदर पहुंचा, उसने सीमा को संजय की बाहो में देखा, चरन सिंह को आया देखकर संजय तो मौके से भाग गया लेकिन सीमा कहा जाती फिर चरन सिंह ने सीमा की जमकर पिटाई कर दी सीमा समझ गई कि इस समय तो पति से माफी मांगने में ही भलाई है इसलिए उसने अपने पति के पैरों में सिर रखकर माफी मांगते हुए कहा कि उससे गलती हो गई अब आगे से ऐसी गलती कभी नहीं होगी, चरन सिंह के पास पत्नी को क्षमा करने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं था इसलिए उसने पत्नी को माफ कर दिया |
कुछ दिनों बाद संजय और सीमा ने मिलने के लिये एक नया ठिकाना ढूंढ लिया अब सीमा किसी बहाने से अपने माईके जाती, और पीछे से संजय उससे मिलने के लिए वहाँ पहुच जाता, लेकिन कुछ महीनों बाद सीमा के बार-बार माईके जाने से चरनसिंह को शक होने लगा । एक दिन वह सीमा के पीछे-पीछे अपने ससुराल पहुंच गया हालांकि वह सीमा को रंगे हाथ पकड नहीं पाया लेकिन उसने संजय को गाव में आते हुए देख लिया इसके बाद गुस्से से भरा चरनसिंह रोज शराब पीकर सीमा से मार-पीट करने लगा लेकिन सीमा और संजय अब एक दूसरे से अलग नहीं होना चाहते थे इसलिए सीमा पति के काम पर जाते ही संजय को फोन लगा लेती जिसके बाद दोनों प्रेमी फोन पर ही इश्क लडा कर अपने मन को धीरज दिलाने लगे लेकिन जिन प्रेमीयों ने लंबा समय बिस्तर पर एक साथ बिताया हो, उनका मन सिर्फ फोन पर बातें करने से कैसे भर सकता था इसलिए सीमा, पति और बच्चों के सो जाने के बाद संजय को चुपचाप घर बुलाकर घर के पीछे आंगन के एक कोने में प्रेमी के संग रास रचाने लगी लेकिन एक रोज जब सीमा रात में संजय को बुलाने के लिए फोन लगा रही थी, तभी पति की नीद टूट गई ।
पति के हत्या का शाजिश

चरण सिंह ने सीमा को मोबाईल फोन पर संजय से बातें करते हुए देखा, तो उसके हाथ से मोबाईल फोन छीन कर तोड़ दिया। चरण सिंह के गुस्से में मोबाईल तोड़ देने से सीमा तिलमिला उठी उसने उसी वक्त ठान लिया कि अब वो अपने पति को जिंदा नहीं छोड़ेगी अगले दिन उसने अपनी सहेली का मोबाईल लिया और संजय को फोन किया और सीमा ने सीधे पूछा, अब तुम्हारा क्या इरादा है साफ साफ बताओ, मेरे साथ रहना चाहते हो या नहीं संजय ने बिना घुमाये फिराये जवाब दिया। देखो, मेरे पास इस समय पैसे की काफी तंगी है इस पर सीमा बोली तुम इसकी चिंता मत करो हमारे पास अपने खर्चे के लिये काफी पैसा है और घर भी, बस तुम चरण सिंह को रास्ते से हटा दो फिर हम दोनों आराम से इस घर में रह सकते है सीमा की यह बात सुनकर संजय खुश हो गया क्योंकि जिंदगी की समस्या तो दूर हो ही जाती साथ ही सीमा भी हमेशा के लिए उसकी होने वाली थी इसलिए उसने चरण सिंह को रास्ते से हटाने की ठान ली, इसके बाद संजय और सीमा ने मिलकर चरण सिंह की हत्या का दिन और जगह तै कर ली ।
20 दिसम्बर 2024 को चरण सिंह के एक लौते बेटे का जन्म दिन था चरण सिंह 19 दिसम्बर की सुबह अपने गाव जौरा से मुरैना आया था जन्म दिन के लिए जरूरी सामान खरीदने, सीमा और संजय ने योजना बना ली थी कि उसे मुरैना में ही खत्म करना है जैसे ही चरण सिंह बस स्टैंड पर पहुंचा, वहां संजय पहले से ही खड़ा था जैसे किसी का इंतिजार कर रहा हो उसने बड़ी चालाकी से चरण सिंह को अपने साथ ले लिया और उसे शराब पिलाने के बहाने पगारा डैम पर ले गया और वहां दोनों बैठ कर शराब पीने लगे शराब के नशे में संजय ने अचानक चरण सिंह से अपने ऊपर उधार किये डेड़ लाख रुपए लौटाने की बात छेड़ दी यह सुनते ही दोनों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्दी ही मारपीट में बदल गई मारपीट के दोरान चरण सिंह को समझ में आ गया कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसकी जान खतरे में है और उसने वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन शराब का नशा उस पर हावी था जिससे वह सही से भाग नहीं सका इसी का फायदा उठाकर संजय ने उसे उठाया और सीधे पगारा डेम में फेंग दिया। इसके बाद संजय वहाँ से निश्चिन्त होकर अपने घर लौट आया जैसे मानो कुछ हुआ ही न हो।
पुलिक की तपिस

इधर चार दिन गुजर जाने के बाबजूद भी जब चरण सिंह मुरैना से घर लौट कर घर नहीं आया तो चरण सिंह के भाई राम चंदर ने ठाना सराय छौला में चरण सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी इसके दो दिन बाद ही 26 दिसम्बर को पगारा डेम में चरण सिंह की लाश मिल गई जिस पर उदय भान सिंह यादव थाना प्रभारी जौरा, तुरंत मौके पर पहुंच गए । जिसके बाद जैसे की पगारा डेम में लाश मिलने की ख़बर सराय छौला थाना प्रभारी केके सिंह को मिली तो उन्होंने चरण सिंह के भाई को लाश दिखलाई जिससे उसने शव की पहचान अपने भाई के रूप में कर दी साथ ही उसने अपनी भाभी सीमा और उसके प्रेमी संजय पर अपना शक जताया, पुलिस ने संजय को उठा कर उसके साथ सख्ती से पूछताछ करने पर संजय ने स्वविकार कर लिया कि उसने ही अपनी प्रेमीका सीमा के कहने पर उसके पती चरण सिंह की हत्या कर लाश पगारा डेम में फेक दी थी संजय से मिली जानकारी के पश्चात पुलिस ने मृतक चरण सिंह की पत्नी सीमा को गिरफ़तार कर लिया, पुलिस ने दोनों दोसियो को चरण सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ़तार कर कोर्ट में पेश किया, और फिर उन्हें जिला कारागार भेज़ दिया गया।
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