मुम्बई जैसे शहर की हर गली में एक भूतिया कहानी छिपी है, लेकिन अगर आप बांद्रा से कुछ किलोमीटर दूर स्थित माहिम के D’Souza Chawl के बारे में जानेंगे तो आप भी इस chawl में जाने से पहले एक बार जरुर सोचेंगे, यह न केवल पुरानी धरोहर का प्रतीक है बल्कि इसमें बहुत से भूतिया किस्सों का जाल छिपा है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक चॉल की चार दीवारी में इतनी रहस्यमयी कहानियां कैसे पनप सकती हैं जो हमे इस chawl का नाम सुनकर भी डर लग जाये |
D’Souza Chawl का इतिहास
D’Souza Chawl का इतिहास 1900 के शुरुआती दौर से जुड़ा है, जब मुम्बई में टेक्सटाइल मिलों का विकास हुआ और इन मिलों में काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवार के लोगो को रहने के लिए घरो की आवश्यकता थी और इसी ज़रूरत के चलते मुम्बई में chawl कल्चर की शुरुवात हुवा।
माहिम के D’Souza Chawl का कल्चर
महिम, मुंबई का एक प्रमुख इलाका, यह चॉल कल्चर का दिल है। यहां के चॉलों में सिर्फ घर नहीं हैं, बल्कि यह एक तरह के समाज का निर्माण करते हैं। यहा के लोगों का आपस में मिल-जुलकर रहना, अपने रसोई घर को एक दुसरे के साथ साझा करना और सभी त्यौहारों को एक साथ मिलकर बड़े हि धूम धाम से मनाना, यह D’Souza Chawl आज भी उन पुरानी संस्कृति की विशेषताएं को बताता हैं।
D’Souza Chawl की बनावट
D’Souza Chawl की एक विशेष और अनोखा डिज़ाइन इसे खास बनाती है। इसकी लंबी गलियां, संकरी सीढ़ियां और चारो तरफ घरो से घिरा एक बडा आंगन का डिज़ाइन इस Chawl को एक अलग हि पहचान देता है। इस chawl के घर भले ही छोटे हो सकते हैं, लेकिन यहा पर रहने वालो का दिल बड़े हैं। चॉल के ठीक बीच में एक बहुत पुराना कुआं है, जो इस chawl की सभी कहानियों का मुख्य कारण है।
D’Souza Chawl के लोगो का जीवन
इस चॉल के लोग हर पल को social media के साथ साथ एक दुसरे में साझा करते रहते हैं। इस chawl में आपको खाने की खुशबू गलियों में फैलती लगभग हर समय मिल जाता है, इस Chawl में लोगो द्वारा त्यौहारों का शोर कोने कोने तक रहता है। पर रात होते ही, यह चहल-पहल सन्नाटे में बदल जाती है और तब शुरू होती हैं रहस्यमयी और डरावनी कहानियों की शोर ।
D’Souza चॉल की भूतहा कहानियां
D’Souza chawl केवल अपने संस्कृति के लिए ही नहीं प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी भूतिया कहानियों के लिए भी जानी जाती है। इनमें सबसे प्रसिद्ध कहानी एक कुएं की है,जो इस D’Souza Chawl के चारो तरफ घरो से घिरे आंगन में है, जिसे अब तो बंद कर दिया गया है लेकिन ये आज भी इस chawl के लिये भूतिया घटनाओ का केंद्र बना हुवा है |
कुएं की कहानी
लोगो का कहना है की बहुत समय पहले इस D’Souza Chawl में एक फैमिली रहने आई थी और उसी फैमली की एक औरत उस कुवे से पानी भरने आयी लेकिन वह औरत कुएं से पानी भरते समय उस कुए में गिरकर डूब गईऔर तब से लोग अक्सर रात में कुएं के पास उसकी आत्मा को देखा करने का दावा करते हैं। वहा रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि उस औरत की आत्मा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन कुँए के पास उस औरत की आत्मा की मौजूदगी लोगो के अन्दर एक ठंडी सिहरन पैदा करती है।
पहरेदार का भूत
दूसरी कहानी एक पुराने पहरेदार की है, जो लोगो द्वारा कहा जाता है की बहुत समय पहले एक गार्ड यानी पहरेदार इस chawl के गलियों की रखवाली करता था। और अकस्मात में उसकी मौत हो गयी थी उसके बाद कई लोगों ने उसकी आत्मा को इन गलियों में देखा है, जो चुपचाप इस chawl के गलियों में घूमती है। लोग कहते हैं की वह पहरेदार अब भी चॉल में रहने वाले लोगो की रक्षा करता है।
D’Souza Chawl की विचित्र घटनाएं
D’Souza चॉल में रहने वाले लोग अक्सर रात में अजीबो गरीब आवाजें सुनने का दावा करते है, इस chawl में रहने वाले बहुत से लोगो ने ये भी बताया है की रात में चीजे अपने आप हिलती है, और साथ हि साथ कुछ लोगो ने अचानक ठंड महसूस होने की घटनाओं को भी बताया हैं। ये सभी घटनाएं कभी-कभी इस Chawl में रहने वाले लोगो के अन्दर डर का माहोल पैदा कर देता हैं।
भूतहा स्थानों का स्थानीय लोककथा में महत्व
D’Souza chawl जैसे स्थान केवल भूतिया कहानियों के लिए नहीं, बल्कि मुम्बई की लोक कथाओं में अपनी जगह के लिए भी मशहूर हैं। ये कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आई हैं और किसी के लिये भी मुम्बई की यात्रा का हिस्सा बन चुकी हैं। मुम्बई शहर बाहर से देखने में जितना सुहाना लगता है अन्दर से यह इतना ही रहस्यमयी है जो अपने अन्दर न जाने ऐसे कितनी हि Horror Stories समेटे हुई है |
मुम्बई के अन्य रहस्यमयी जगह
माहिम के अलावा, मुम्बई में कई और स्थान हैं जिनको भूतिया माना जाता है। मुकेश मिल्स में परछाइयां दिखने और अजीब आवाजें सुनने की घटनाएं आम हैं। संजय गांधी नेशनल पार्क में भटकती आत्माओं की कहानियां भी खूब मशहूर हैं। ग्रांड पराडी टावर्स में हुई ट्रैजेडीज़ और उनसे जुड़े भूत प्रेत की कहानियां पर्यटकों को अपने तरफ आकर्षित करती हैं।
D’Souza Chawl
पर्यटको का इन भूतिया जगहों में रुचि
मुंबई की ये भूतिया कहानिया अब मुम्बई के लोगों तक हि सीमित नहीं है। भारत के लगभग हर कोने से लोग इन स्थानों का दौरा करके इनके रहस्यों को महसूस करना चाहते हैं। मुम्बई में D’Souza चॉल जैसे कई स्थान भूतिया टूरिज्म का एक बड़ा केंद्र बन चुके हैं।
निष्कर्ष
D’Souza चॉल की दीवारों के भीतर केवल ईंट और पत्थर नहीं, बल्कि कई कहानियां और बहुत सी यादें छिपी हैं। चाहे वह परंपरागत चॉल संस्कृति हो या भूतिया घटनाओं की रहस्यमयी दास्तान, यह स्थान मुंबई की सांस्कृतिक और काल्पनिक धरोहर का आइना है। आज भी यह चॉल लोगों के लिए एक पहेली बनी हुई है, जो इतिहास और रहस्य को एक साथ समेटे हुए है।
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