Ghost Hospital | जहा डॉक्टर भूत करते इलाज |Real Horror story

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Ghost Hospital जहा पर डॉक्टर के भूत करते है मरीजो का इलाज यह घटना भारत देश के एक छोटे से शहर की है जहां पर एक हॉस्पिटल पिछले 10 सालों से बन्द पड़ा हुआ था इस हॉस्पिटल के बन्द होने का लोग कारण बताते हैं की 10 साल पहले इस हॉस्पिटल में डॉक्टर कुमार रहा करते थे जो इस हॉस्पिटल के एक सीनीयर डॉक्टर थे पर एक दिन डॉक्टर कुमार हॉस्पिटल के छत पर टहल रहे थे तभी कुछ लोगों ने डॉक्टर कुमार को मार कर वही छत पर पानी के टंकी में डाल दिया था और उनके मौत के कुछ दिनों बाद ही हॉस्पिटल में कुछ भुतहा घटनाएं होने लगी थी और उसके बाद से ही हॉस्पिटल में कई लोगों की छत पर लाशें मिली कभी-कभी कुछ लोग खुद डॉक्टर कुमार को हॉस्पिटल में घूमते हुवे देखा था जिसके बाद से इस हॉस्पिटल को बन्द करना पड़ा और आज भी कोई इस हॉस्पिटल में नहीं जाता है |

 

यह घटना सूरज और शुभम के साथ घटी जब वह एक हॉस्टल में रहने आए हॉस्टल के जस्ट बगल में ही वह हॉस्पिटल था पूरा दिन घूमने के बाद जब सूरज और शुभम हॉस्टल वापस आ रहे थे तो सूरज की निगाह उस हास्पिटल पर पड़ी सूरज हॉस्पिटल देखते हुए शुभम से कहा अरे भाई यह हॉस्पिटल बन्द क्यों पड़ा है ऐसा लगता है जैसे कई सालों से बन्द पड़ा है सूरज की बात सुनकर शुभम बोला मुझे क्या पता भाई मैं भी तो तेरे साथ यहां पहली बार ही आया हूं यही सब बातें करते हुए दोनों अपने हॉस्टल में पहुंच जाते हैं और फिर वहां पहुंचते ही सूरज हास्टल के एक आदमी से पूछता है |

 

अरे भैया वो हॉस्टल के बगल वाला हॉस्पिटल बन्द क्यों पड़ा है सूरज की बात सुनकर वो आदमी बोलता है क्योंकि भैया वो एक भूतिया हॉस्पिटल है इस वजह से बन्द है उस आदमी की बात सुनकर फिर सूरज बोलता है अरे भाई मजाक मत करो और कुछ सही से पता हो तो बताओ सूरज की ऐसी बातें सुनकर वह आदमी इस बार थोड़ा दांत पीसते हुए बोलता है अगर मेरी बातो पर विश्वास नहीं है तो खुद ही जाकर देख लो की क्यों बन्द पड़ा है इतना बोल कर वह आदमी वहां से चला जाता है उसके जाते ही शुभम सूरज से बोलता है अरे तू भी कहां इस पागल की बातो में आ रहा है पर सूरज तो जैसे अब उस हॉस्पिटल में जाने का मन बना बैठा था |

Ghost Hospital
Ghost Hospital

इसलिए वह शुभम से बोलता है यार एक बार देख के आने में क्या जाता है चल आज देख कर ही आते हैं वो आदमी सच बोल रहा है या झूठ शुभम सूरज की ऐसी पागलों भारी बातें सुनकर सूरज को समझाते हुए बोलता है तू पागल तो नहीं हो गया है और वैसे भी हमें क्या मिलेगा उस आदमी को झूठा साबित करके फिर सूरज एक बार और कोशिश करते हुए शुभम से बोलता है भाई तुझे अपनी दोस्ती की कसम तु मेरे साथ आज रात को उस हॉस्पिटल में चल रहा है शुभम जानता था की सूरज बहुत जिद्दी है और वह अब वहां जाकर ही मानेगा इसलिए शुभम सूरज की बात मान जाता है और दोनों रात के 12:00 बजे उस हॉस्पिटल में जाने का प्लान बनाते हैं और फिर वो रात के 12:00 बजने का इंतजार करने लगते हैं और जैसे ही घड़ी में रात के 12:00 बजते हैं दोनों उस हॉस्पिटल में जाने लगते हैं वहां पहुंचकर हॉस्पिटल के गेट का ताला तोडकर दोनों अंदर चले जाते हैं |

उस ghost hospital में जब दोनों दोस्त गये  

अंदर जाने के बाद दोनों एक-एक कर हॉस्पिटल में हर जगह देखने लगते हैं की कुछ तो भूतिया हो पर उन्हें वहा धुल के सिवाय कुछ नही दिखता और हर जगह अच्छे से देखने के बाद शुभम सूरज से बोलता है भाई मुझे तो इस हास्पिटल में कुछ भी भूतिया जैसा नही दिख रहा है चल यार अब हास्टल चलते है फालतू का टाइम वेस्ट कर रहे हैं हम यहां इस बार सूरज के पास उसकी बातो का कोई जवाब नहीं था इसलिए वह भी बोलता है चल यार मुझे भी लगता है यहां ऐसा कुछ नहीं है इतना बात बोलने के बाद दोनों बाहर जाने लगते हैं तभी उनको पीछे से किसी की आवाज आती है |

 

कौन हो तुम लोग आवाज सुनकर जैसे ही सूरज और शुभम अपने पीछे मुड़ते है तो उनके होश उड़ जाते है और उनके शरीर में बहता खून जैसे मानो रुक गया हों क्योंकि उन दोनों ने देखा की उनके सामने एक बड़ा ही भयानक आदमी खड़ा है क्योंकि उस आदमी का सर कटा हुआ था और उसने अपने सर को अपने हाथ में पकड़ रखा था उस आदमी को देखकर सुरज डरते – डरते उस आदमी से बोलता है कौन हो तुम सूरज के इतना बोलते ही वह आदमी जो सर अपने हाथ में पकड़ रखा था उसे अपनी गर्दन पर रखता है और अपनी भयानक आवाज में बोला |

 

मैं डॉक्टर कुमार हूं और तुम मेरे पेशेंट इतना बोलकर डॉक्टर कुमार सूरज और शुभम के हाथ को पकड़ कर घसीटते हुए अपने साथ ले जाने लगते हैं फिर उसके बाद डॉक्टर कुमार उन दोनों को अपने साथ ऑपरेशन थिएटर ले जाते हैं पहले तो वो शुभम को एक कुर्सी पर बाध देते हैं उसके बाद वह सूरज को ऑपरेशन थिएटर की बेड पर लेता देता है और कैच्ची से उसका पैर काटने लगते हैं और काटते – काटते सूरज के दोनों पैर को अलग करके रख देते है सूरज दर्द से तडप और चिल्लाये जा रहा था पर डाक्टर कुमार पर इसका कोई असर नही हो रहा था |

Ghost Doctor
Ghost Doctor

तभी शुभम के हाथो में बधी रश्शिया अपने आप खुल जाती है और शुभम जिस कुर्सी से बधा था उसको उठा कर डॉक्टर कुमार के सर पर मार देता है कुर्सी डॉक्टर कुमार के सिर पर लगते ही उसका सिर नीचे गिर जाता है शुभम थोड़ा ही खुश हो पता उससे पहले ही डॉक्टर कुमार का सर अपने आप ही उड़ता हुआ आकर गर्दन से जुड़ जाता है शुभम बस खड़ा खड़ा यह सब देख रहा था वो बेचारा कर भी क्या सकता था और सूरज को तो अपने दर्द के आगे कोई होश ही नहीं था क्योंकि बेचारे के दोनों पैर जो कट चुके थे तभी डॉक्टर कुमार शुभम की तरफ मुड़ते हैं और बोलते हैं अच्छा तुम्हारे दिमाग का ऑपरेशन करना है इतना बोलकर डॉक्टर कुमार ने शुभम को पकड़ लिया और घसीटते हुये शुभम को ले जाकर सूरज के बगल में लिटा दिया |

अगले दिन जब वहां के पास के लोगों ने हॉस्पिटल का गेट खुला देखा तो लोगों ने सोचा की हॉस्पिटल में चोरी हुई होगी इसलिए वहां के लोगों ने पुलिस को बुला लिया और पुलिस ने जब जाकर अंदर देखा तो उन्हें दो लोगों की कटी पीटी लाशे  मिली सूरज के लाश की तो दोनों पैर कटे हुवे थे और शुभम के लाश का सिर ऊपर से खुला हुवा था लोगों का मानना है की डॉक्टर कुमार तो मर गये हैं लेकिन वो आज भी लोगों का ऑपरेशन कर रहे हैं अगर यह हमारी हॉरर स्टोरी अच्छी लगी हो तो पेज को लाइक शेयर और हमारे पेज को फॉलो जरूर करे |


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