हैलो दोस्तों नमस्कार कैसे हो आप सब आज मै आपको Delivery Boy की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हु क्या आप भूत प्रेत पर यकीन करते है अगर नहीं तो आज से आपको भूतों पर यकीन हो जाएगा तो चलिये कहानी मे आगे बढ़ते है और आपको भूत की एक सच्ची घटना बताते है |
मेरा एक दोस्त है सत्येन्द्र उससे मेरा बहुत अच्छा बनता था उसके साथ ही मेरा ग्रेजुएशन हुआ, वो हॉस्टल के रूम नंबर 138 मे रहता था और वो मेरठ का रहने वाला था लेकिन अब वो दिल्ली मे रहता है और वही के एक रेस्टोरेंट मे फूड Delivery Boy का काम करता है |
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Delivery Boy ने अपने दोस्त को बताई पूरी घटना
एक दिन उसके साथ एक घटना होती है और उस घटना को वह मेरे साथ शेयर किया लेकिन उसने मुझे बोला था कि यह बात किसी के साथ शेयर मत करना क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि जब – जब ऐसी बातें ज्यादा फैलती है तो नेगेटिविटी फैलती है और फिर लोगों के दिमाग में उल्टी सीधी चीजे आती है क्या लगता है आपको दो साल पहले उसने मुझे ऐसी कौन सी बात बताई जिससे मेरा दिमाग हिल गया था चलिए बताते है आपको |
दिल्ली के एक सिनेमा हाल मे लोग पिक्चर देख रहे थे अचानक शॉर्ट सर्किट की वजह से वहा आग लग जाती है जिससे सब जिंदा जल जाते है और सारे लोग मारे जाते है आग इतनी तेज थी की लोग भाग भी नहीं पाए वहा से और सब जल के राख हो गए कहा जाता है वहा से आज भी दर्दनाक तरीके से रोने और चिल्लाने की आवाजे आती है जब भी वहा आस पास से कोई गुजरता है तो उन्हे अजीब सा महसूस होता है और उनके साथ कुछ अजीब घटनाए भी होती अब वो जगह पूरी तरह से खंडहर हो चुका है उस सिनेमा हॉल में बड़े-बड़े पेड़ जंगल टाइप पूरी जगह पर हो गई है लेकिन उसके अंदर का तापमान हमेशा ठंडा रहता है ऐसा मानते है जो जिंदा लोग जले थे उनकी आत्माएं अभी भी वहां महसूस होती है |
Delivery Boy ( सत्येन्द्र ) की घटना
मेरा दोस्त सत्येन्द्र जो दिल्ली के एक रेस्टोरेंट मे काम करता था, घर के हालत सही नही होने की वजह से उसे ये जॉब करना पड़ा उसका काम था Delivery Boy का उसके साथ ही रेस्टोरेंट में कस्टमर को खाना देना या कोई अगर ऑर्डर आए तो उस ऑर्डर को एड्रेस तक पहुंचाना, ये बताते हुए मुझे थोड़ा अजीब लग रहा हैं लेकीन अब यह घटना एक दो साल पुरानी बात हो गई है की एक दिन मेरे दोस्त सत्येन्द्र के पास एक फोन आता है और उसको एक बड़ा आर्डर मिलता है उस ऑर्डर में तीन चार शाही पनीर, दाल मखनी, बटर नान, रसगुल्ले, बिरयानी, थी
अभी नई नई उसकी Delivery Boy की जॉब लगी थी नया नया ही वह रेस्टोरेंट भी खुला था जहां पर वह नौकरी कर रहा था वह बड़ा आर्डर पाकर बहुत खुश हो जाता हैं रेस्टोरेंट वाले भी बोलते है वाह भाई इतना बड़ा ऑर्डर आया बढ़िया पैसे मिलेगा बढ़िया कमाई होगी रेस्टोरेंट के सभी लोग मेरे दोस्त को कहते हैं अब वह पूरा का पूरा ऑर्डर पैक होता है और मेरे दोस्त को बोला जाता है जाओ बाइक स्टार्ट करो |
तभी एक फोन और आता है जो उसे घर का एड्रेस बताता है वो पता सिनेमा हाल के आस पास का था जहा उसे डिलीवर करना था उसकी नई-नई नौकरी थी और बड़ा ऑर्डर आया था तो मालिक भी खुश था वह बाइक स्टार्ट करता है और उस पते पर जाता है आपने दिल्ली कैंट का नाम सुना होगा ये वो जगह है जहां पर बहुत ज्यादा जंगल वगैरह है, वहां से गुजरता हुआ वह जाता है रात का टाइम था करीब 11 या 11:30 बजे थे
आर्डर लेकर एड्रेस पर पंहुचा Delivery Boy
उस टाइम उसे आधे घंटे के करीब लग जाता है रेस्टोरेंट से उस एड्रैस तक जाने मे जैसे ही वह उस घर पर पहुंचता है घर के ठीक सामने तीन मंजिला building था वहा लाइटें बंद थी बस एक थोड़ी सी लाइट उसे वहां एक कमरे के खिड़की से दिख रही थी, वहां बिल्कुल सन्नाटा था और कुत्ते भी भौक रहे थे इतनी रात हो चुकी थी की उसे अंदर ही अंदर बहोत अजीब महसूस हो रहा था वहा आसपास एक अजीब सा सन्नाटा था मानो सालों से वहा कोई रह ही नहीं रहा हो और उसे ऐसा लगने लगा था कि यार मै कहां आ गया |
वह रात को ऑर्डर ले लिया था क्योकि वह ऑर्डर बहुत बड़ा था इसलिए उसे कैन्सल करना भी अजीब लग रहा था फिर उसने सोचा की अब यहा तक आया हु तो ये देकर हि जाता हु थोड़े ज्यादा पैसे भी कमा लूँगा वो यही सोचकर वहा उस फ्लैट मे जाने को सोचता है उसने देखा आसपास वह जगह बिल्कुल ही खाली था ऐसा लग रहा था कि जैसे यहा कई सालों से कोई रहता ही नहीं हो फिर उसे लगा कि एड्रेस उसे दोबारा चेक करना चाहिए
जब Delivery Boy दरवाजे तक गया
तो वह तुरन्त एड्रेस चेक किया लेकिन फोन में एड्रेस उसी जगह का था फिर उसने अपने आसपास चारों तरफ नजर दौड़ाकर देखा तो नंबर भी उसी घर का था उसे थोड़ा अजीब सा लगा और उसे थोड़ी सी घबराहट भी हुई फिर सोचा जाके डोर बेल बजाता हूं उसने घंटी बजाई लेकिन घंटी बजा ही नहीं क्योंकि बिजली नहीं थी, और उसे अंदर से आवाज भी नहीं आई घंटी बजने की तो उसने दरवाजे पर खटखट करी, लेकिन कोई नहीं आया उसके बार बार गेट पर खटखट करते रहने पर भी दरवाजा कोई नहीं खोला |
गेट अंदर से बिल्कुल ऐसे बंद था जैसे मानो लग रहा था कि कोई इस घर में रहता ही नहीं हो बस ऐसे ही किसी ने प्रैंक कॉल कर दी हो या किसी ने ऐसे ही एड्रेस दे दिया हो और ऐसे ही मजे के लिए किये हो अब उसे ये भी टेंशन था की इतना ज्यादा खाने पैक करवा लिया है अब कितना ज्यादा नुकसान होगा अभी तक सब खुश हो रहे थे कि इतना पैसा आएगा उसने 5 से 6 बार खटखट और करी लेकिन कोई नहीं आया अंदर से,
फिर वह पीछे मुड़ा और अपनी बाइक की तरफ जाने लगा की तभी एकदम हल्के सी गेट की सिटकनी खुलने की आवाज आती है दरवाजा अनलॉक होने की आवाज आई तो वो पीछे मुड़ा उसे गेट अनलॉक की तो आवाज आई पर वह गेट नहीं खुला था उसने सोचा की जरूर अंदर कोई होगा जिसने दरवाजा खोला होगा वो जैसे गेट के पास गया उसने गेट को धीरे से टच किया जब तो व गेट खुल गया मतलब गेट अनलॉक हुआ था अंदर से उसने हल्का सा हाथ मारा तो धक्का मारते दरवाजा पूरा पीछे तक चला गया उसे यह बात थोड़ी सी अजीब लगी कि कोई आके गेट खुद पूरा भी तो खोल सकता था यह गेट अपने आप से तो अनलॉक नहीं हुआ होगा |
गेट खुलते ही डरा delivery boy सत्येन्द्र
वो घर के अंदर नहीं जाता पहले बाहर से ही गेट खोलने के बाद वो आवाज मारता है हैलो हैलो कोई है आपने खाना मंगाया था लेकिन कोई भी नहीं सुनता बस सामने एक बिल्ली थी उसने सोचा पालतू बिल्ली है वह बिल्ली ऐसे ही घूमती घूमती एक कमरे के अंदर जाती है बिल्ली जैसे ही उस कमरे के अंदर घुसती है तो वहां से छोटे बच्चों के रोने की आवाज आती है ऐसे मे उसे डर लगा क्योंकि उस टाइम रात के 12 या 12:30 बज गए थे इन सब चीजो में क्योंकि कोई गेट ही नहीं खोल रहा था
लेकिन जब गेट खुला तो बिल्ली दिखी और अब अंदर रोते हुए बच्चों की आवाज उसके बाद वह Delivery Boy मतलब सत्येन्द्र अंदर जाता है अंदर जब वह जाता है तो अंदर अलग ही रोशनी थी कुछ अलग ही एहसास था उसने आज तक ऐसा पहले कभी देखा नहीं था ऐसे पुराने जमाने के सोफे, पुराने जमाने की सीनरी, और वहा बड़ा सा टीवी भी रखा हुआ था धीरे-धीरे वो डर डर के उस कमरे तक जाता है |
कमरे तक जाने के बाद वह देखता है 3 और 4 साल की दो लड़कियां सोफे पर बैठी होती है उसके सामने पीछे मुंह करके और जब सत्येन्द्र अन्दर जाता है तब वे दोनों लड़किया पीछे पलट के देखती है उसकी तरफ, फिर सत्येन्द्र कहता है एक तो मुझे इतनी देर हो गई है वहां पर आधा एक घंटा दरवाजा खटखट करते हुए इतनी देर से मै ऑर्डर लेकर आया हूँ तुम्हारी मम्मी कहां है, घर में बड़ा कौन है मैं फ़ूड Delivery Boy हूँ और मै आपका ऑर्डर लेकर आया था इतना सारा तुमने ऑर्डर किया था शाही पनीर, बटर नान, यह ठंडा भी हो गया एक काम करो मुझे मेरे पैसे दे दो, अपने घर में से किसी बड़े को बुलाओ वह Delivery Boy मतलब सत्येन्द्र थोड़ा गुस्से में आके बोलता है |
चुड़ैल ने की delivery boy को मारने की कोशिश
उस टाइम वहा जो बच्चियां थी वो कुछ नहीं बोलती बस चुपचाप उसे देख रही थी वो कहता रहा बोलो कुछ बताओ तुम्हारे घर वाले कहां है वो लड़किया कुछ नहीं बोलती फिर वो और गुस्से में आता है मेरा पैसा निकालो जल्दी मुझे जाना भी है बुलाओ अपनी मम्मी को उसके बाद उन लड़कियों की जो आंखों की पुतली होती है वो लाल हो जाती है और दोनों लड़कियां एक साथ बोलती है मम्मी आपके पीछे हैं
ले लो उनसे पैसे उनकी आंखें देख के वह एकदम डर जाता है और जब उन्होंने बोला कि पीछे है मम्मी पैसे ले लो तो वह पीछे पलटता है और जब पीछे पलट के वह देखता है तो उसके सामने एक औरत होती है उस औरत की शक्ल नहीं थी उस औरत का चेहरा दिख ही नहीं रहा था वह औरत सफेद कलर के कपड़ों में ऐसी थी कि जैसा आपने इमेज देखी हो और ब्लर इमेज हो, पता ही नहीं लग रहा था उसकी शक्ल देख के कि वह है क्या उस टाइम वह Delivery Boy सत्येन्द्र इतना डर गया इतना डर गया कि खाने की पन्नी जमीन पर हाथ से छूट गई और उस घर से बहुत तेज भागा
बहुत तेज अपनी बाइक की तरफ जय श्री राम जय जय हनुमान जी बजरंग बली और जो जो कह सकता था जिस भी भगवान का नाम ले सकता था सब लिया उसने और वहां से बहुत तेज रफ्तार से भाग कर सीधा अपने बाइक के पास गया और बाइक स्टार्ट करी बाइक स्टार्ट करने के बाद वह उसी जंगल वाले रास्ते से होते हुवे वापस जा रहा था जहा से वो डिलीवरी देने के लिए उस घर तक गया था उसकी दिल की धड़कन बहुत तेज बढ़ी हुई थी |
पुलिस ने बचाई Delivery Boy सत्येन्द्र की जान
रास्ते में जाते-जाते वह पुलिस को 100 नंबर पर फोन करके सारी बात बताता है कि मेरे साथ ऐसा ऐसा हो गया मैंने यह चीज देखी है उसके बाद उसकी बाइक उसी जगह पर बंद हो जाती है जंगल में, जब उसकी बाइक बंद होती है और वह शीशे में देखता है जो बाइक के अगल बगल में जो शीशे होते हैं उसने अगल बगल के दोनों शीशे में देखता है की वही दो बच्चे और वही मां उस शीशे में दिखाई देती है
वह तुरंत बाइक को छोड़कर एकदम जंगल की तरफ भागता है वह इतना डर जाता है इतना घबरा जाता की उसे लगता है आज उसका आखिरी दिन है और यह क्या हो रहा है समझ नहीं आ रहा क्योंकि वो इससे पहले भूतो पर बिस्वास नहीं करता था तभी उसी समय पुलिस आ जाती है पुलिस की जिप्सी देखकर वह बहुत खुश होता है और वह पुलिस को सारी स्टोरी बताता है की ऐसा ऐसा मेरे साथ हुआ मैं एक Delivery Boy हूँ और मै यहां पर खाना लेकर गया था
उसके बाद पुलिस उसको घर जाने को बोलती है वह इतना डर गया था कि वह अपनी बाइक ही नहीं चला पाता तब पुलिस वाले उसे समझाते है की कुछ नहीं हुआ ठीक है सब ठीक है उसके बाद वह घर तक जाता है लेकिन पूरी रात उसे नींद नहीं आती अगले दिन जब वह दोबारा अपनी Delivery Boy की जॉब के लिए उस रेस्टोरेंट पर वापस जाता है और पूरी स्टोरी बताता है |
सत्येन्द्र को पता चला चुड़ैल की कहानी
तो वहां पर 2 से 3 लोग उसे बताते है कि वहा जिस घर में तू खाना देने गया था न आज से 2 से 3 साल पहले उस घर में 2 बच्चे और उनकी मां को मार दिया गया था और तब से कुछ लोग बोलते हैं कि उनकी आत्मा वही पर है जब मेरे दोस्त ने मुझे यह बात बताई तो मुझे भी यकीन नहीं हुआ मैं खुद घबरा गया और सोचा अगर अच्छी चीज होती है तो बुरी भी होती है आप इन सब बातों पर यकीन करते हो क्या, आपके साथ कभी ऐसा कुछ हुआ है क्या या किसी के साथ घटित होते सुना है तो हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और ऐसी ही रियल हॉरर स्टोरी पढ़ने के लिए हमे फॉलो जरूर करे | चलिये मिलते है एक नई सच्ची हॉरर कहानी के साथ |
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