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भानगढ़ किला: 1 श्राप ने कैसे तबाह कर दिया किला 6 बजते सन्नाटा

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भारत एक ऐसा देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है इसी धरती का एक राज्य है राजस्थान जिसके अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला अपने रहस्यमयी वातावरण और भूतिया कहानियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह किला सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं है, बल्कि इस किले की दीवारें गवाह हैं उन कहानियों और घटनाओं की, जो इसे रहस्यमय और आकर्षक बनाती हैं इस किले के चारों ओर परंपरागत कहानियां और लोककथाएं घूमती हैं जो इसे भारत के सबसे डरावने स्थलों में से एक बनाती हैं आइए इस किले के इतिहास, कथाओं और वर्तमान स्थितियो को जानते हैं।

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भानगढ़ किला

भानगढ़ किला का इतिहास

भानगढ़ किला सिर्फ रहस्यों और कहानियों का केंद्र नहीं है, इसका ऐतिहासिक महत्व भी गहराई से जुड़ा हुआ है यह किला 17वीं शताब्दी में बना था और अपने समय में एक समृद्ध शहर था भानगढ़ का इतिहास जितना गौरवशाली है, उतना ही डरावना यहां से जुड़ा रहस्य है। यह किला अपने अन्दर बहुत से ऐसे ऐसे कहानियो को समेटे हुवा है जिस पर आपको यकीन नही होगा |

भानगढ़ किला का निर्माण

भानगढ़ किला का निर्माण सन् 1573 में राजा भगवंत दास ने करवाया था। वह आमेर के राजा थे और अकबर के दरबार में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। इस किले को उनके छोटे पुत्र माधो सिंह प्रथम के लिए बनवाया गया था। यह स्थान कभी एक समृद्ध और संपन्न नगर हुआ करता था। किले के अंदर कई महल,भव्य दरवाजे, मंदिर, विशाल उद्यान और एक तलाब जैसे कई चीजो का निर्माण हुआ था इसका निर्माण वास्तुकला के राजपूताना शैली में किया गया था इसकी खास बात यह है कि यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है जो इसे प्राकृतिक सुंदरता देती हैं किले में प्रवेश के लिए चार द्वार हैं लाहौरी गेट,अजमेरी गेट, फुलबारी गेट और दिल्ली गेट।

किले के पतन का इतिहास

भानगढ़ किले का पतन कई कारणों से हुआ। स्थानीय लोककथाओं में इसका मुख्य कारण एक तांत्रिक के श्राप को माना जाता है। यह किला 18वीं शताब्दी तक आबाद था, लेकिन उसके बाद यह वीरान हो गया। इसके अतिरिक्त, इतिहासकार यह मानते हैं कि मुगल आक्रमण और प्राकृतिक आपदाओं ने भी इस नगर को बर्बाद करने में अहम भूमिका निभाई।

भानगढ़ किला का भूतिया रहस्य

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भानगढ़ किला को यूं ही भूतिया और रहस्यमयी नहीं कहा जाता। इसकी दीवारें और खंडहर अनगिनत कहानियों को समेटे हुए हैं। इनमें से कुछ कहानियां और घटनाएं इतनी रोचक हैं कि हर किसी को रोमांच से भर देती हैं।

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राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक की कहानी

भानगढ़ किला की सबसे प्रसिद्ध कहानी राजकुमारी रत्नावती और एक तांत्रिक की है। कहा जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती अपनी अद्वितीय सुंदरता के लिए जानी जाती थीं। उनके सौंदर्य के चर्चे पूरे राज्य में थे। लेकिन उनकी कहानी एक दुखद मोड़ लेती है। कहानी के अनुसार एक तांत्रिक जिसका नाम सिंधु सेवड़ा था उसने राजकुमारी को पाने के लिए काले जादू का सहारा लिया। तांत्रिक ने राजकुमारी के लिए बने इत्र पर जादू किया |

लेकिन राजकुमारी को यह बात पता चल गई। और उस तांत्रिक की मंशा को समझ गईं तो उन्होंने उस इत्र को फेंक दिया और उस जादू को उस तांत्रिक के खिलाफ पलटा दिया। जिससे तांत्रिक की मौत हो गई। लेकिन मरते समय तांत्रिक ने पूरे भानगढ़ किले को श्राप दिया कि यह स्थान कभी भी आबाद नहीं रह पाएगा यह कभी भी फल-फूल नहीं सकेगा, राजकुमारी के इस घटना के बाद से भानगढ़ किला आज तक वीरान हो गया।

भानगढ़ किले की डरावनी कहानियां

भानगढ़ किला सिर्फ अपने इतिहास के लिए नहीं बल्कि यहां की भूतिया कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है। राजकुमारी की कहानी के अलावा, इस किले से जुड़ी और भी कई कहानियां हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां कई लोग असामान्य घटनाओं का अनुभव कर चुके हैं और यहां रात के समय अजीबोगरीब आवाजें भी सुनाई देती हैं जिसको सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

तांत्रिक का श्राप

तांत्रिक के श्राप की वजह से यह माना जाता है कि यह भानगढ़ किला कभी अपनी पूरी क्षमता से विकास नहीं कर सका। कहा जाता है कि उस श्राप के चलते पूरा शहर बर्बाद हो गया और यहां रहने वाले लोग रहस्यमय ढंग से गायब हो गए। इस श्राप की वजह से यह किला वीरान हो गया और यहां रहने वाला कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा।

पर्यटकों के अनुभव: डरावनी घटनाएं

कई पर्यटकों ने दावा किया है कि उन्होंने यहां अलौकिक घटनाओं का अनुभव किया है और साथ हि किले के अंदर अजीब अजीब आवाजें सुनी हैं। कुछ लोगों ने खुद को असामान्य परिस्थितियों में फंसा पाया, जैसे अचानक शरीर का भारीपन लगना, चीखना सुनाई देना, और यहां तक कि अंधेरी और काली परछाइयों को देखना। कहा जाता है कि सूरज डूबने के बाद यहां आत्माओं का वास हो जाता है, यही कारण है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस किले में रात में प्रवेश पर रोक लगा दी है।

 Bhangadh Fort
Bhangadh Fort

वर्तमान में भानगढ़ किले का महत्व

आज भले ही भानगढ़ किले का पुराना वैभव खत्म हो चुका है, लेकिन आज भी भानगढ़ किला अपने ऐतिहासिकता, रहस्यमयी और डरावने आकर्षण के कारण लाखों पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है, और लाखो लोग यहाँ घुमने आते है तथा इस किले की रहस्य को समझने की कोशिश करते है |

पर्यटन के लिए आकर्षण

भानगढ़ किला अपने स्थापत्य और रहस्य के लिए जाना जाता है। यहां आने वाले पर्यटक किले की सुंदरता के साथ-साथ इसकी दिलचस्प कहानियों का भी आनंद लेते हैं। किले के भीतर के मंदिर, बावड़ी, और महल पर्यटकों के मुख्य आकर्षण हैं। यहां मौजूद सोमेश्वर मंदिर, गोपालभवन, और रानी महल को देखना न भूलें।

किले के अंदर कई मंदिर हैं, जिनमें हनुमान मंदिर और गोपीनाथ मंदिर प्रमुख हैं। इसके अलावा किले की पुरानी दीवारें, महल और राजसी वास्तुकला पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। भानगढ़ किले का स्थान सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास होने के कारण भी पर्यटकों के लिए यह यात्रा और रोमांचकारी हो जाती है।

सुरक्षा मानदंड और समय सीमा

भानगढ़ किला में सूरज ढलने के बाद प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। माना जाता है कि इस दौरान यहां आत्माओं का वास होता है। यहां सुरक्षा के नियम सख्ती से लागू किए जाते हैं। और पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे किले में अकेले न जाएं और रात के दौरान यहां रुकने की कोशिश न करें।

भानगढ़ किले के खुलने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक का है।

सरकार के द्वारा उठाए गए कदम

भानगढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के तहत संरक्षित है। इसके संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां उचित दिशा-निर्देश और नियम बनाए गए हैं। और इस किले के रहस्यों को देखने और समझने के लिए भी कई शोधकार्य जारी हैं।

भानगढ़ किले से जुड़े मिथ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

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एक ओर जहां इस किले से जुड़ी कहानियां इसे अद्भुत बनाती हैं, वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण इन सबको अलग नजरिए से देखता है।

लोककथाओं की प्रामाणिकता

इस किले की रहस्यमयी कहानिया भले ही दिलचस्प हों, लेकिन इनमें कितनी सच्चाई है, यह कहना मुश्किल है। राजकुमारी रत्नावती की कहानी और तांत्रिक के श्राप को आज तक प्रमाणित नहीं किया जा सका है। यह संभव है कि ये कहानियां स्थानीय लोगों द्वारा गढ़ी गई हों ताकि किले की अनोखी छवि बनाई जा सके।

वैज्ञानिक नज़रिए से किले का अध्ययन

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो भानगढ़ किले में अलौकिक घटनाएं किसी प्राचीन रचना के खंडहरों और पर्यावरणीय प्रभावों का परिणाम हो सकती हैं। कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि यहां की “अजीब” घटनाएं भौगोलिक कारणों, जैसे भूगर्भीय विकिरण और संरचना की वास्तुकला, के चलते हो सकती हैं।

निष्कर्ष

भानगढ़ किला अपने इतिहास और रहस्य के कारण आज एक अद्वितीय धरोहर के रूप में जाना जाता है यहां की कहानियां, चाहे वे सच हों या लोककथाएं, इसे एक अद्वितीय और भयानक स्थान बनाती हैं। तांत्रिक का श्राप, राजकुमारी रत्नावती की कहानी, और किले में रात में होने वाली घटनाएं इसे भारत के सबसे डरावने स्थानों में से एक बनाती हैं। इसके साथ जुड़ी लोककथाएं और रहस्यमय घटनाएं किले की लोकप्रियता को और बढ़ा देती हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि भानगढ़ किला केवल एक किला नहीं, बल्कि इतिहास और रहस्यों का जीता-जागता उदाहरण है।

अगर आप रोमांच पसंद करते हैं और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो भानगढ़ किले की यात्रा आपके लिए एक यादगार अनुभव हो सकती है। लेकिन ध्यान रहे, यहां की हवा केवल रहस्य और डर से भरी है – क्या आप इसे महसूस करने की हिम्मत रखते हैं?

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