Aarey Colony

The haunted Aarey Colony: मुम्बई की भूतिया Real horror story

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

दोस्तों आज हम आपको इंडिया की एक मोस्ट हंटेड प्लेस की सच्ची घटना को बताएंगे जो मुंबई की है एंड इस जगह का नाम है आरे कॉलोनी Aarey Colony दोस्तों मैं बचपन से मुंबई में रहता हूं और शायद मैं बचपन से ही यह सुन रहा हूं कि आरे कॉलोनी में कभी नहीं जाना जिन लोगों को नहीं पता है मैं आपको बता देता हूं कि आरे कॉलोनी गोरेगांव यानी मुंबई के गोरेगांव के अपोजिट साइड में आता है और यह सिर्फ एक घना जंगल है |

Santacruz Horror love Story: प्यार, धोखा और भूत का बदला Real Horror Story Mumbai

Aarey Colony

जो कि संजय गांधी नेशनल पार्क से कनेक्टेड है वह जो हमारे मुंबई का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है दरअसल यह जो आरे कॉलोनी Aarey Colony है यह कनेक्ट करता है मुंबई को पवई से, गोरेगांव से पवई तक लोग जाते रहते हैं और हर रोज सुबह दोपहर शाम यहां पे हजारों लोग आते जाते रहते हैं लेकिन रात होते ही यहा पर लोगों का आना जाना बहुत कम हो जाता है लेकिन ऐसा क्यों इसके पीछे की क्या कहानी है वह आज मैं आपको बताऊंगा |

दोस्तों आरए कॉलोनी Aarey Colony मुंबई की सबसे खूबसूरत जगहों में एक है क्योंकि यहां पे बहुत सारे अच्छे—अच्छे झील है यहां पे अच्छे पार्क्स है इसलिये यहां पे कपल्स आते थे एंजॉय करने के लिए और यहां पर बहुत सारी फैमिलीज भी आया करती थी यहां के कुछ पार्क्स में लेकिन आया करती थी एक समय में लेकिन अब नहीं आते |

यह जिस जगह पर है यहा पर लोग आते जाते रहते हैं यह आरे कालोनी फॉरेस्ट के 10% है बाकी के  90% घने जंगल और सुनसान रास्तों से घिरा हुआ है, ना जाने इन घने जंगलों में इन सुनसान रास्तों में ऐसे कौन से राज दफन हैं मेरी भी बहुत इच्छा होती थी तो मैं इस बार स्पेशली आरे कॉलोनी में जाकर यह सारी कहानियों को खोज के लाया हूं और आज हम आपको आँखों देखा हाल बताऊँगा चलिये अब यह कहानी शुरू करते है |

 तो दोस्तों हम 20  जनवरी 2023 को आरे कॉलोनी में गए मैं और मेरे कुछ दोस्त हम लोग बचपन से सुनते आ रहे थे, आरे कालोनी Aarey Colony की बहुत सारी अफवाये बहुत सारी कहानियां कि आरे कॉलोनी में बहुत सारे मडर्स होते हैं और जो सबसे ज्यादा सुना था वह तो यह था कि आरे कॉलोनी में हर रात को बहुत सी आत्माएं भटकती है तो हमें भी बहुत इच्छा हुई |

 और फिर हम वहां पर गए और वहां पर क्योंकि बहुत सारे लोग रहते हैं तो हमने सोचा हम इनसे ही पूछते है, वैसे तो आरे कॉलोनी Aarey Colony बहुत बड़ा है वहां पर एक्चुअल में लोग रहते हैं उनमे अलग-अलग कुछ लोग झोपड़ पट्टी में रहते हैं जो की छोटे-छोटे घर होते हैं तो कुछ लोग बिल्डिंग्स में भी रहते हैं लेकिन हर किसी ने कभी ना कभी यह सारी चीजें फेस करी है |

 तो दोस्तों पता करते करते हमें वहां पर दो लोग मिले और उनसे जुड़ी दो भयानक कहानियां भी जो सबसे पहले हमें मिले थे उस औरत का नाम था शफीना जो कि आरे कॉलोनी में पिछले 25 साल से रह रही है इतने समय से उनके मां-बाप भी आरे कॉलोनी Aarey Colony में ही थे मतलब उनकी जो पूरी फैमिली है वो आरे कॉलोनी में ही रहती है तो यह जो पहली कहानी होने वाली है वह शफीना के बारे में ही होने वाली है |

 शफीना एक बहुत गरीब घर से आती थी तो वह एक नौकरी किया करती थी वह एक डेरी फार्म में नौकरी किया करती थी दूध वगैरह निकालने का साफ सफाई करने का दूध बेचने का वगैरह वगैरह, ये साल 2013 की बात थी जब शफीना वहां पर काम कर रही थी एंड बहुत तेज बारिश हो रही थी उस समय मुंबई में और आरे कॉलोनी में भी बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी उस समय शाम का समय हो रहा था और साथ ही शफीना के निकलने का भी समय हो रहा था |

Ashwatthama से मिलने की दिल दहला देने वाली | Real Story

कुछ शाम के 6:00 या 7:00 बज रहे थे और शफीना ने सोचा कि शायद से कुछ देर में बारिश कम हो जाएगी तो उस समय मै निकल जाऊंगी अभी निकलना थोड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि वो भीग सकती थी बुरी तरीके से और उसका घर भी बहुत दूर था उसने बहुत इंतजार किया लेकिन बारिश कम नहीं हो रही थी इंतजार करते करते रात के 9 बज गए बारिश कम ही नहीं हुई तो उसने सोचा चलो छोड़ो भीग जाऊंगी थोड़ा लेकिन घर तो टाइम से पहुंच जाऊगी फिर वह उसी बारिश में बाहर निकल गई |

 जब सफीना उस डेरी फार्म से बाहर निकल रही थी तो एक बार उसे भी यह थॉट तो आया था कि आरे कॉलोनी के बारे में उसने भी बचपन से बहुत सारी कहानिया सुनी है, अभी वह इसी रात के अंधेरे में इतनी तेज बरसात में बाहर निकल कर चली थी और जैसे ही वह उस रास्ते पर आई थी उसने देखा कि रास्ता बहुत सुनसान है जो उसे पिछले समय में एक दो गाड़िया दिखती थी हर रोज वह भी नहीं दिख रही थी रास्ता पूरा सुनसान था कोई भी इंसान नहीं दिख रहा था बस व तेज पैरो से चली जा रही थी |

Aarey Colony

वो एक सीधा रास्ता है और आसपास सिर्फ और सिर्फ घना जंगल है एंड कुछ देर बाद उसने एक चीज नोटिस करी कि रास्ता खत्म ही नहीं हो रहा है शायद से बारिश इतनी तेज हो रही थी जिसके वजह से उसका दिमाग भी नहीं चल रहा था रास्ते में बहुत ज्यादा धुंध आ गई थी इतनी ठंड हो गई थी वहां पर की अचानक से उसने देखा कि एकदम दूर एक आदमी खड़ा है जोकि बहुत हिल रहा था मतलब ऐसा लग रहा था कि वो कुछ ढूंढने की कोशिश कर रहा है और वह बहुत लंबा आदमी था |

फिर शफीना उसके थोड़े करीब गई उसे लगा कि यह आदमी कुछ तकलीफ में है वो उसके करीब गई और  उसने देखा कि उस आदमी का सर कटा हुआ है उसके गले से खून निकल रहा था यह किसी भी तरीके से एक इंसान नहीं नजर आ रहा था तब उस समय शफीना ने सब कुछ छोड़ छाड़ के अपने घर के तरफ भागी वो जब भाग रही थी तो उसने देखा कि उसके पीछे वही आदमी दौड़ रहा था वह भागते भागते कैसे कैसे करके अपने घर तक पहुंची |

उसके बाद उसने अपने घर का दरवाजा खटखटाया उसकी माँ ने दरवाजा खोला फिर हाफते हुए वह घर के अन्दर गई उसको इतनी तेज हफता देख उसकी माँ ने पूछा क्या हुवा तुम इतनी तेजी से हाफ क्यों रही हो फिर उसने सब बताना शुरू किया कि मेरे पीछे एक आदमी भाग रहा था जिसका सर कटा हुआ था पूरा खून में लतपत था वो इंसान और फिर जैसे यह सारी बातें शफीना ने अपने घर वालों को बताई तो शफीना के पिता थोड़े से गुस्से में आ गए कि यह आदमी कौन है और इतना गंदा मजाक कैसे कर सकता है वो भी इतने रात को |

 फिर शफीना के पिता ने अपने छोटे भाई को कहा कि चलो चल के देखते है कौंन है जो इतना गंदा मजाक कर रहा है वह दोनों आरे कॉलोनी के उस रास्ते पर चले गए जहां पर यह हादसा हुआ था वह 16 नंबर का रोड था वो लोग वहां पर पहुंच कर देखा तो वाकई में वह पूरा रास्ता सुनसान था कोई भी नहीं दिख रहा था और उन्हें ऐसा लगा कि शायद से सफीना को कोई गलतफहमी हुई होगी फिर वे लोग सोचे कि अब तो यहां पर कोई दिख नहीं रहा है अभी तो हम लोगों को घर जाना ही ज्यादा बेहतर होगा और वो लोग घर जाने के लिए जैसे ही पीछे मुड़े उनके ठीक सामने वही सर कटा हुआ आदमी खड़ा था |

इतना देखते ही वे दोनों भी वहां से डर के भाग निकले एंड क्योंकि यह लोग बहुत गरीब थे तो फिर यह लोग अपना घर भी चेंज नहीं कर सकते थे लेकिन इनके मन में सबसे पहला ख्याल यही आया था कि ऐसी जगह पर रहना खतरे से खाली नहीं है व लोग घर नहीं बदल पाए लेकिन उन्होंने अपना वक्त बदल दिया कि हम जो भी काम करेंगे शाम तक करेंगे और रात होने से पहले ही घर वापस लौट आएंगे किसी भी हालत में हम लोग देर रात तक बाहर नहीं रहेंगे |

अब यह दूसरी कहानी हम शुरू करते हैं

यह दूसरी कहानी हमें सुनाई थी दिनेश शिंदे ने जो कि अभी बहुत ज्यादा बुजुर्ग है लेकिन आरे कॉलोनी में पिछले कई सालों से एक किराने की दुकान चला रहे थे यह कहानी उनकी है दिनेश शिंदे की जो दुकान थी वह दुकान और उनका घर एक ही था मतलब वह अपने घर के अंदर से ही अपने किराने की दुकान को चलाते थे तो वो ऐसा करते थे कि वह रात को देर रात तक मतलब एक दो बजे तक अपनी दुकान खुले रखते थे क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि शायद पूरे आरे कॉलोनी में ऐसा कोई भी नहीं है जो कि अपनी दुकान इतने रात तक खोल के रखे |

Aarey Colony

तो हम वह सर्विस देना चाहेंगे लोगों को और उनके लिए यह सर्विस देना भी काफी आसान था क्योंकि उनके घर के अंदर ही दुकान थी तो उनके लिए ऐसा कोई ऑप्शन ही नहीं था कि मुझे देर रात तक बाहर से आना पड़ेगा घर पर तो ऐसा कुछ डर वगैरह का माहौल नहीं था और उनके लिए यह सब करना सरल था जब हम दिनेश के साथ बात कर रहे थे

तो उस समय उन्होंने हमें एक बात कही थी कि पिछले 10 साल से हम यह दुकान चला रहे हैं पिछले 10 साल से हमने यह दुकान को आधी रात तक खोल रखा था लेकिन एक दिन हमारे साथ कुछ ऐसा हादसा हुआ जिसके वजह से हमें यह दुकान अभी टोटली बंद करनी पड़ गई क्योंकि अभी हमें हमारे बीवी बच्चों के लिए काफी ज्यादा डर लगता है क्योंकि जो हादसा हमारे साथ हुआ था वह अगर किसी और के साथ होता तो वह आरे छोड़ के कबका भाग जाता |

सो दोस्तों ये कहानी कुछ ऐसी शुरू होती है कि दिनेश एक बार रात को 10 बजे अपने किराने की दुकान पर बैठा हुआ था और वह टीवी पर मैच देख रहा था तभी अचानक से उसको कहीं दूर से एक आवाज आई कि मुझे खाना चाहिए मुझे खाना दे दो वह अचानक से बाहर देखा बाहर उसे कोई नहीं दिखा तो उसने अवॉइड करते हुए उसने बोला कि शायद कोई भिखारी होगा या फिर कोई फकीर होगा

लेकिन यह उसके साथ पहली बार नहीं हो रहा था यह पहले भी दो-तीन बार हो चुका था लेकिन उसको कभी कोई दिखता ही नहीं था कि यह कौन है यह कोई फकीर है या कोई भिखारी है उसे कोई नहीं दिखता था बस उसे ये आवाज आ जाती थी कि मुझे भूख लगी है मुझे खाना दे दो मैंने बड़े दिनों से कुछ नहीं खाया है |

 ये किसी बूढ़े आदमी की आवाज लगती थी लेकिन उसे कोई दिखता ही नहीं था फिर वो करता तो क्या करता, अब ये जो आवाज वाला हादसा था कुछ एक महीने के लिए टल गया था और कोई भी आवाज  नहीं आती थी लेकिन एक दिन दिनेश अपने घर के किराने की दुकान पर ही था और वह बस अपने दुकान का शटर बंद कर रहा था रात के कुछ 2 बज रहे थे उसी समय उसको वापस से उसे वही आवाज सुनाई दी कि मुझे भूख लगी है मुझे खाना दे दो बड़े समय से मैंने कुछ नहीं खाया है इस बार उसने बोला कि हद हो गई है वह गया अपने किचन में जो भी खाना था उसने एक टिफिन में डाला और वो बाहर गया और  बाहर जाके उसने देखा कि वहां पे कोई भी नहीं है |

Top 5 Best Real Horror Story in Hindi

जब अदालत में खुद आकर 1 भूत अपने murder की गवाही दी | Hindi Audio

लेकिन तभी उसने देखा कि उसके घर के कोने से कोई तो उसे झाक के देख रहा है व उसके पास जाने की कोशिश करी तो देखा कि वाकई में यह एक बूढ़ा आदमी था लेकिन वह उस आदमी को आरपार देख सकता था वह बूढ़ा आदमी बहुत धूँधला दिख रहा था, एकदम इंसानों के तरह तो बिल्कुल भी नहीं था इस आदमी को देख के दिनेश के हाथ से वह टिफिन बॉक्स डर के मारे नीचे गिर गया और वह जल्दी से अपने घर के अंदर भागा

और जब वह घर के अंदर गया तो कुछ समय के लिए वह यह सब कुछ भूल गया और  वह जाकर अपने बिस्तर पर लेट गया अपनी पत्नी के बाजू में फिर वह रात भर बस यही चीज सोच रहा था कि यह आदमी था कौन यह बूढ़ा बुजुर्ग था कौन जो मुझे बिल्कुल नहीं दिख रहा था यह किसी भूत या किसी आत्मा के जैसे दिखाई दे रहा था ये जंगल का इलाका है शायद से यह सारी चीजें होती होगी यहां पर उसने ऐसा सोचा |

 दिनेश उस वक्त कुछ 50 साल का था उसका थोड़ा एज हो गया था तो उसे इतना ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था और वह सोचते सोचते बस सोने ही वाला था कि उसने अचानक से देखा कि उनके खिड़की के पास किसी ने तो नॉक किया और यह कोई और नहीं बल्कि वही बूढ़ा आदमी था जो वहां पर खड़े होकर वापस से खाना मांग रहा था एंड दिनेश शॉक हो गया उसने अपने पत्नी को हिलाया और उससे बोला देखो यह कौन है

फिर उसकी पत्नी बोली अरे मैंने तो इसे आज शाम को ही खाना खिलाया था फिर वापस आ गया खाना मांगने अपनी पत्नी की बात सुनकर दिनेश एकदम सुन पड़ गया था कि मैंने अभी इसे रात को खाना दिया है तूने उसे शाम को खाना दिया है यह कैसे हो सकता है फिर देखते ही देखते कुछ दिनों में बातें समझ में आने लगी कि |

कई सालों पहले इनके घर के पास एक बूढ़ा बुजुर्ग आकर मर गया था क्योंकि उसके लड़के ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था वह बूढ़ा आदमी हर जगह जा जाकर आधी रात को खाना मांगता था क्योंकि उस बूढ़े बुजुर्ग की जो मौत हुई थी वह इनके घर के पास ही हुई थी तो उसकी जो रूह थी वो यहीं पर अटक गई थी और वह इस घर में आखिरी बार खाना मांगने ही आ रहा था लेकिन उसी वक्त उसकी मौत हो गई थी और उस समय यह घर वाले वहां पर नहीं रहते थे इसलिए उन्हें इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था था लेकिन क्योंकि उसकी रूह वहां पर अटकी है तो वह हर रात को आता है वहां पर |

खाने की भीख मांगने को रात में दिनेश से खाना मांगता था और दोपहर में उसकी बीवी से लेकिन कभी भी पता नहीं चल पाता था कि ये लोग खाना दे किसे रहे हैं जो कि असल में एक बूढ़े आदमी की आत्मा थी दिनेश ने मुझसे कहा कि वह बूढ़ा आदमी आज भी हमारे दुकान के पास आता है अगर आप रात तक रुकोगे तो आपको यहां पर ऐसी ऐसी और घटनाएं दिखेगी जिसे आप एक आम जिंदगी के साथ जोड़ नहीं पाओगे तो दोस्तों यह एक सच्ची कहानी थी आरे कॉलोनी Aarey Colony की |

Aarey Colony

आरे कॉलोनी Aarey Colony में सिर्फ एक अकेली ऐसी कहानी नहीं है आर कॉलोनी में ना जाने ऐसे कितने सारे राज दफन है जिसके बारे में अगर आप सुनोगे तो आपका दिल पूरी तरीके से दहल जाएगा सो दोस्तों इस पोस्ट के अंत में मैं आपसे बस इतना ही कहना चाहूंगा कि यह आरे कॉलनी Aarey Colony सेकंड मोस्ट हंटेड प्लेस ऑफ इंडिया है  आपने जो भी अभी कहानी पढ़ी है

वह सारी कहानी एकदम सच है यह कहानी इन्हीं लोगों से पूछा है जो कि आरे कॉलोनी में कई 100 सालों से यहां पर रह रहे हैं उनको पता है कि यहां पर जब रास्ते में चला जाता है अगर आपको अकेला महसूस भी हो रहा है फिर भी आप यहां पर अकेले नहीं रहते कोई ना कोई आपके आसपास जरूर रहता है बस आपको दिखता नहीं है क्योंकि वो चीज इंसान नहीं होती सिर्फ एक आत्मा होती है |

और एक बात मैं आपको कहना चाहूंगा अगर आप यहां पर दिन में आ रहे हो तो कोई भी प्रॉब्लम नहीं है शाम को आयेंगे फिर भी कोई दिक्कत नहीं है लेकिन रात में आना यहा सबसे बड़ा खतरनाक है पहले तो यहां पर अंदर जाना भी मना था लेकिन अभी आप जा सकते है लेकिन सतर्क रहिएगा इस चीज से क्योंकि आप यहां पर अकेले रहेंगे लेकिन आप यहां पर अकेले नहीं रहेंते |

Thank You

भूतिया सच्ची कहानिया पढ़े :-

JAMMU Haunted Highway | भूत ड्राईवर |Real Horror Stories 

3 Friends Night Picnic with Ghost झारखण्ड Real Horror Story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *