प्रयागराज महाकुम्भ (Mhakumbh 2025) से एक व्यक्ति दिल्ली अपने बेटे को फ़ोन मिलाता है जैसे ही उसका बेटा फ़ोन उठाता है वह बेटे से लेकिन कुछ बात नहीं कर पा रहा था बस वो रोने लगता है बेटा अपने बाप की रोने की आवाज सुनने के बाद थोडा परेशान हो जाता है बेटा कहता है कि पिताजी क्या हुआ आप इतना परेशान क्यों है बाप फिर और जोर जोर से रोने लगता है दरअसल बात ही कुछ ऐसी थी बाप अपने बेटे से कहता है कि मैं पिछले 15 घन्टे से तुम्हारी माँ को तलाश कर रहा हूं लेकिन वो मिल नहीं रही है ऐसी कोई जगह नही बचा है जहां मैंने उसको तलाश करने की कोशिश नहीं की अब बेटा जैसे ये बात सुनता है बेटा भी घबराने लगता है लेकिन अब घबराने से कोई फादा भी नहीं था वो अपने बाप से कहता है कि पिताजी आप बिल्कुल भी परेशान मत हो भगवान पर भरोसा रखो सब कुछ ठीक हो जाएगा जैसे ये बेटा अपने बाप को तसल्ली देता है उसके बाद बाप भी शांत हो जाता है और उनको कहता है कि तुम जो भी प्रयास कर सकते हो वो प्रयास करते रहो और वहां जो आसपास में कोई पुलिस थाना हो और वहाँ के लोग हों उनसे पूछो कि मा कहां पर है |

बेटे ने जैसे बाप को तसल्ली दी उसके बाद फिर बेटा अपने छोटे वाले भाई से बात चित करता है और बोलता है की पापा कह रहे थे की, माँ महाकुम्भ में गुम हो गयी मिल नहीं रही है, भीड में कही गायब हो गयी है पापा बहुत ज्यादा परशान हो रहे हैं, अब हम लोगों को ही कुछ करना चाहीए इसके बाद दोनों बच्चों ने अपने मामा से बात करते हैं और मामा से कहते हैं कि मामा जितन जल्दी हो सके कुम्भ में चलते हैं मा कही गुम हो गयी हैं पिताजी बहुत ज्यादा परेशान है उनका रो रो कर बुरा हाल है और हम लोग भी मिलके उन्हें कहीं ढूंढते हैं तलाश करते हैं अब यहां से दोनों बेटे अपने मामा के साथ कुम्भ में पहुँच जाते हैं और मा की तलाश करना शूरू कर देते हैं आखिरकार कई घंटों की मशक्कत के बाद मा मिलती ज़रुर है लेकिन जिस रूप में मिलती है इस रूप की उन्होंने कभी कलपना नहीं की थी |
दरअसल मा का क़त्ल हो चुका था और कत्ल का जो पुलिस ने खुलासा किया एक एक कड़ियों को जब जोड़कर देखा गया तो कातील का नाम सामने आता है जिसे जानने के बाद लोगों को बड़ा आश्चर्य हो रहा था सोचने पर मजबूर हो गए थे कि आखिरकार ऐसा क्यों किया दोस्तों आज की जो सच्ची घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ यह घटना दिल्ली के तिरलोगपुरी का है दरअसल यहां का रहने वाला एक व्यक्ति जिसका अशोक है अशोक M.C.D. दिल्ली के अंदर सफाई करमचारी होता है उसकी पत्नी जिसका नाम मिनाक्षी जिसकी उम्र 35 साल के आसपास थी मिनाक्षी पिछले कई दिनों से लगातार वो अपने पति से कह रही थी कि देखो कितने सारे लोग महाकुम्भ में स्नान करने के लिए जा रहे हैं लेकिन तुम हों कि बिल्कुल भी जाते ही नहीं हो क्या हम दोनों चल नहीं सकते है जब पत्नी अपने पति से बार-बार यह बात कह रही थी तो आखिरकार पति ने कुछ छुट्टी की ब्यवस्था की और छुट्टी लेने के बाद वो 17 फरवरी 2025 को अपने घर से निकलता है और सीधा महाकुम्भ के लिए निकल जाता है और अपनी पत्नी को लेकर वो महाकुम्भ में पहुंच जाता है और वहाँ जाने के बाद 18 फरवरी 2025 को दिन भर वो स्नान वगैरा करते हैं, घुमते हैं इधर इधर |
मीनाक्षी का Mhakumbh मेला में खो जाना
ये मेला में जो भी काम करने आये थे वो सब करते हैं और अब जैसे हि घर के लिये निकलते है की आचानक ही भीड आ जाता है और भीड़ आने के बाद उसकी पत्नी का हाथ छूट जाता है हाथ छूटने के बाद वह अपनी पत्नी को आवाज लगाता रह गया लेकिन उसकी पत्नी देखते हि देखते भीड़ में कही गायब हो जाती है तो वह बहुत परेशान हो जाता हैलेते और उसके बाद वह पुलिस से सहायता लेता है लेकिन इससे भी कुछ फायदा नही होता तो वह खोया पाया केन्द्र जाता है और वहाँ पहुच कर अपनी पत्नी के बारे में बताता है और बताने के बाद वहा से भी चला आता ऐसे हि उसे ढूंढते हुवे कब रात से दिन हो जाता है उसे पता हि नही चलता फिर वह अपने बड़े बेटे को फ़ोन करके बताता है की तुम्हारी माँकही गायब हो गयी है मैंने हर जगह ढूंढा लेकिन कही नही मिल रही है यह कहकर बाप अपने ही बेटे के सामने जब रोन लगता है तब बेटा कहता है पापा आप बिल्कुल भी परेशान मत हो सब कुछ ठीक हो जाएगा सब बिल्कुल पहले जैसे हो जाएगा उसके पापा की उम्र लगभग 38 साल के आसपास और माँ की उम्र लगभग 35 साल के आसपास थी अब ऐसी स्थिति लड़के ने जिसका नाम अश्वनी था अपने भाई से आदर्श से कहता है कि पापा का फोन आया था पापा बहुत परेशान है और इसलिए हम लोगों को भी महाकुम्भ चलना चाहिए अपनी मा को ढूढना चाहिए उसके बाद वो अपने मामा प्रवेश को फोन करते हैंऔर अपने मामा को सारी बाते बताते है |
जिसके बाद प्रवेश, आदर्श और अश्वनी तीनों मिलकर दिल्ली से प्रयागराज के लिए ट्रेन पकडते हैं वहाँ से सीधा प्रयागराज पहुँच जाते हैं और प्रयागराज जक्शन पर पहुचने के बाद तीनों के हाथ में एक एक फोटोग्राफ होता है और फोटोग्राफ लेकर वो स्टेशन पर गुजरने वाले हर व्यक्ति के पास जा रहे थे और पूछ रहे थे कि क्या तुमने इन्हें देखा है, इनका नाम मिनाक्षी है, दिल्ली के रहने वाली हैं, तिरलोगपुरी में वो रहती हैं इस तरह की अलग-अलग पहचान वो बताने की कोशिश कर रहे थे लेकिन तीनों आपस में एक-दूसरे के संपर्ग में थे उन्हें ये भी डर लग रहा था कि एक भाई चोटा था, कहीं ऐसा न हो की भाई भी गुम हो जाए ऐसे करते-करते ये एक थाना, फिर दूसरे थाना, फिर तीसरे थाना, फिर जहां-जहां भी इन तीनों को मौका मिल रहा था अस्वनी आदर्श और उनका जो मामा होता है, प्रवेश, वो हर जगह जा रहे हैं, थाने, चौकी, जो भी पुलिसवाला दिखाई दे रहा है, कोई भी ऐसा आदमी दिखाई दे रहा है जिससे क्या मदद मिल सकती हो, ऐसे करते हुवे वे खोया पाया केन्द्र जाते है और वहाँ जाने के बाद सब अपनी मा के बारे में बताते है और सब बताने के बाद वहा से निकलते है और दारागंज police स्टेशन पहुचते है और वहाँ पहुचने के बाद फोटो दिखाकर police से सहायता मांगते है

सभी police वालो में एक police ऑफिसर की नजर उस फोटो पर पड़ती है उस फोटो को देखने के बाद police वाला बोलता है की झूंसी थाने में एक महिला मिली है तुम्हे वहा जाना चाहिये और बात करो वहा के police वालो से हो सकता है वहा तुम्हारी मा मिल जाये ये सुनने के बाद वो सीधा झूंसी थाने पहुच जाते है और वहा पहुच कर S H O का इंतजार कर रहे थे, एसेचो उपेंद्र प्रताफ सिंग के थाने पहुचने के बाद वो लोग रोते हुए, गड़गड़ाते हुए, पूरी कहानी बया गया है और कहते हैं कि हमारी मा नाम है मिनाक्षी, दिल्ली रहती है और वो पिता के साथ प्रयागराज आयी थी स्नान करने के लिए लेकिन अचानक से लपटा हो गयी हैं,कृपया हमारी मा को ढूढ दीजिये जैसे ही उपेंद्र प्रताप सिंग ने उस महिला का फोटो देखा तो वह फोटो देखते ही रह जाते हैं और उनकी मन में एक कहानी चल रहे थी और वो काहानी कुछ इस तरह से होती है |
मोहन को दिखी मृत महिला
19 फरवरी 2025 के सुबह लगवाग 6.30 बज़े के आसपास का घटना था इसी झूंसी थाना क्षेत्र का एक इलाका है आजाद नगर और आजाद नगर के पास ही एक बस्ती है केवट बस्ती और केवट बस्ती में एक लोज होता है दरअसल सुबह के 6.30 बज़े के आसपास का समय था मोहन नाम का एक करायदार था उसको टॉलेट जाना था जैसे ही वो बात्रूम में जाता है उसने अपनी आखों से देखा कि एक महिला है जिसकी उम्र 35 साल के आसपास थी वो महिला खून से बुरी तरह से नहाई होगी थी चारो तरफ खून ही खून था और मोहन खून देखने के बाद बहुत जोर से चीखता है उसकी चीखों के आबाज सुनकर इस मकान के अंदर दो किरायेदार और एक पुलिस वाला रहता है तीनों के तीनों दौड़ कर वहा पहुंचते हैं अब ये आबाज ना केबल इन लोगो तक थी बल्कि आसपास के जितने भी दुकानदार वगेरा थे सब तक आवाज पहुंचती है तो लोग दौड़ कर वहाँ पर जब पहुंचते हैं तो वो लोग महिला को अपनी आँखो से देखा और सब लोग देखते ही रह जाते हैं उनकी आँखे खुली की खुली रह जाती है |
दरअसल महिला की हत्या कर दि गयी थी किसी धारदार हथियार से लेकिन उसको पहचानने की तमाम कोशिशें की जाती हैं उसकी पहचान हो नहीं पाती है पुलिस वालों ने उसकी लाश को कब्जे में लिया और पोस्टमाडम के लिये भेजा पोस्टमाडम की रिप़ोर्ट से पता चलता है कि किसी धारदार हथियार से बार बार वार किये गए है और महिला को मौत के घाट उतारदिया गया था अब पुलिस छान बीन करती है की महिला कौन है कोई इसका है की नही, अब police 72 घन्टे इतेजार करती है की जिसके घर की महिला होगी वो ढूंढता हुवा आयेगा लेकिन 72 घंटो के बाद पुलिस प्रसाशन की मदद से अन्तिम संस्कार करवा देते हैं लेकिन अभी 72 घंटे का समय हुआ नहीं था इधर ये लोग 21 फरवरी को उस एसेचो के पास पहुंच जाते हैं फिर एसेचो कहते है आप लोग एक काम करें आप लोगो को पोस्टमार्टम हाऊस जाना चाहिए तभी वो पुलिस वाले को बुलाते हैं और कहते हैं कि इन तीनों को आप पोस्टमाडम हाऊस लेके जाओ और वहाँ जाने के बाद जो एक महिला मिली है जो एक लोज के अंदर इसके लाश मिली थी उस महिला को दिखाओ हो सकता है कि ये लोग उसको पहचानने की कोशिश करें, हो सकता है कि इनका उनसे कुछ लिंक हो जैसे ही वो दोनों बेटे और उनके मामा पोस्माडम हाउस में पहुंचते हैं वहाँ जाने के बाद सबसे पहले नजर साडी पर ही पहुंसती है साडी को देखते ही वो जोड जोड से रोने लगते हैं, चीखने लगते हैं |

दरअसल साडी से ही पता चल गया क्योंकि वो साडी मा रोज पहना करती थी खासकर खास मौके पर तो जरुर पहना करती थी अब वे लोग मा को देखते हैं, मा के पैरों को देखते हैं, हाथो को देखते हैं, उसके चेहरे को देख रहे थे और जैसे जैसे उसको देख रहे थे, वैसे वैसे अपनी मा से लिपट लिपट के और रो रहे थे क्यूंकि मा इस दुनिया में थी नहीं अब हत्या किसने की क्यूंकि यही एक सवाल था जब यह एसचों के पास बात पहुंचती है तो उपेन्द्र प्रताप सिंग कहते है कि तुम परेशान विलकुल मत हो इस मामले की जाच की जाएगी और जितनी जल्दी हो सकेगा कातिल का सुराग निकारा जाएगा अब इसके बाद आस पास के ईलाके में जो CCTV कैमरे लगे होगे थे उन CCTV कैमरों के मदद से देखा गया कि एक आदमी है उसके साथ यह महिला थी और उस आदमी के जब CCTV में दिखाया गया और उन बच्चों से पुछा गया की यह कौन है वो कहते हैं कि यह तो उनके पिताजी है पिताजी यानि की अशोक जो की MCT दिल्ली में सफाई करमचारी है |अब यह जिस जगह पर लोज पर रुके थे पुलिस ने वहाँ जाके जब परताल की, कि उन्होंने कोई ID दी थी तो वो बोले आईडी नहीं दी वो 18 फरवरी 2025 के रात लगभग 9 बजे आस पास लोज के अंदर आए थे
Police ने की मृत महिला पहचान
और वो लोज में पहुंचाने वाला एक उनक दोस्त बन जाता है जो एक अंजान ब्यक्ति था और उनका मदद करने लगता है और उसका नाम सुरेश बिन्द था सुरेश बिन्द से कहते हैं हम बहुत गरीब आदमी हैं हमे एक कमरा दिला दो वैसे भी 4 से 5 घन्टो की बात है सुबह हमारी ट्रेन बहुत जल्दी है तो हम ट्रेन से निकल जाएंगे सुरेस बिंद ने कहा, तुम परेशान मत हो मेरी जानकारी में एक लोज है, आप वहाँ चलो वहाँ जाने के बाद आराम से रह लेना केवल 500 रूपये आपको देने पड़ेंगे वे बोले ठीक है कोई दिक्कत नहीं है 500 रूपये देने में अब वो लोग वहाँ जाते हैं जब उनसे आई-डि मांगी जाती हैं तो कहते है थोड़ी देर के लिए तो रुखना है अब क्या आई-डि लोगे बोले नम्बर नोट करा दीजीए तो बोले नम्बर हमारे पास कोई है नहीं हम दिल्ली से आये हैं इतना तो उन्होंने बताया था, अब वो लोग कमरे में जाके रुक जाते हैं और रुकने के बाद |
अब पुलिस आगे की कहानी को जोड़ने की कोशिश कर रही थी कि आखिरकार ये कैसे जोड़े तभी उन दोनों लड़कों से अश्वनी से, और उसके भाई आदर्श से पुलिस कहती है कि अपने पिताजी से बात कराओ उन्हें बुलाओ पिताजी को किसी जगह पर बुलाया जाता है पुलिस वहाँ पर पहले से ही मौजूद थी जैसे पुलिस वाले वहाँ मौजूद थे और वो आता है अशोक उसको अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं उससे पूछ ताछ करते हैं और उससे पूछताछ करने के बाद कहते हैं कि जब तुम उस होटल के अंदर आये थे उसमें रुके थे तब तुमने आईडी क्यों नहीं दी और अपनी पत्नी का क़त्ल क्यों किया बस ये और बता दो तो जैसे ही पूलिस बात रही थी तो एसी बात करते हैं तो अशोक कुछ भी नही बोलता लेकिन पूलिस ने जब शाख्ती से पूछा तो अशोक ने बताया कि रात 1 बजे की बात है मेरी पत्नी बाथरूम जाती है तो मै चाकू से गोद कर हत्या कर दी हत्या क्यूं की, बस यही एक सवाल था इसकी पिछे क्या कारण था पुलिस वालों ने जब ये जाना, दोनों बेटों ने ये जाना साले ने जब ये जाना तो सब के सब लोग हैरान हो जाते हैं | दरअसल वो बताता है कि आशोक का दिल्ली के ही किसी महिला से अवैध सम्बन्ध था और इस बात कि जानकारी मिनाक्षी को हो जाता है और मिनाक्षी इस बात का विरोध कर रही थी इसी बात को देखते हुए घर में किसी न किसी बात पर झगडा हो रहा था और ये पति और पत्नी का आपस में रोज रोज लड़ाई और जगड़े होते थे कि तुम उस महिला से बिलकुल भी नहीं मिलोगे लेकिन पति ने जिद पकर ली थी कि मैं उस महिला से हर हाल में मिलूगा और जब उसकी पत्नी ने रोकना टोकना शुरु किया तब उसने सोचा क्यों ना पत्नी को ही रास्ते से हटा दिया जाये |

उधर पत्नी जिद कर रही थी की महाकुम्भ में जाना है स्नान करना है सब जा रहे हैं तो हम क्यों नहीं जा सकते वो अपनी पत्नी को स्नान कराने के बहाने लेके जाता है वकायदे सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड करता है दिखाने के लिए कि यहां हमारे रिष्ते कितने अच्छे हैं कितने ठीक ठाक हैं वो जब निकल रहा था तो CCTV में वो कैद हो रहे हैं उसने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ है कोई जिद नहीं थी आराम से चल रहे हैं बड़े अच्छे सेउसकी पत्नी को भी यह एहसास नहीं था कि यह कुम्भ का स्नान उसकी जिंदगी का यह आखिरी स्नान होगा वहां उसका पति उसे मौत के घाट उतार देता है लेकिन यह कहानी जो उसका झूठ था यह उसकी चलाकी थीजिस तरह से उसने बताया कि तुम्हारी मा कुम्भ में गायब हो गई है वहां रो रो कर जो इसने एक नई कहानी गडी थी वह बच्चों के सामने जरूर चल गई थी लेकिन पुलिस के सामने ज्यादा देर टिक नहीं पाई पुलिस ने अशोक को गिरफतार किया, गिरफतार करने के बाद उसको जेल भेज दिया इस महिला का जो माईके है जो उसका परिवार रहता है जहां उससे इस व्यक्ति के साथ शादी हुई थी वह उत्तर प्रदेश की जिला बुलंदशहर का एक जगह है, वहां की वो महिला रहने वाली थी
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