दोस्तों सुना था की Hanuman Chalisa एक ऐसी चीज है जिससे बड़े-बड़े भूत प्रेत, चुड़ैल, आत्मा सभी डरते है लेकिन आज उसे देख भी लिया | दोस्तों आप लोग ट्रेवल तो बहुत करते होंगे लेकिन सबसे मजे का सफर होता है रात का, वो सफर जब आप चांदनी रात मे सड़क पर अपनी गाड़ी भगाते हुए जाते हो या बाइक पर होते हो लेकिन कभी-कभी दिल में एक सवाल आता है कि यार अगर मैं इस रोड पर अकेला हुआ और मेरे सामने अगर कोई चीज आ गई तो मेरा रिएक्शन क्या होगा कहते कि अंधेरा जो होता है वह इंसान का सबसे बड़ा डर होता है अंधेरा इंसान को उसका वह हालात याद दिला देता है जहां पर इंसान अपने आप को अकेला पाता है आज की यह कहानी मेरे मामा और उनके दोस्त अमित की है |

अमित और उसका दोस्त
मेरे मामा और उनके दोस्त अमित भुवनेश्वर की एक कंपनी में 2017 में काम किया करते थे फैमिली से दोनों ही बैकग्राउंड से बहुत ज्यादा फाइनेंशियल स्ट्रांग थे तो वह लोग डिसाइड करते हैं कि भुवनेश्वर के पास ही एक जगह है चंदका जहां पर वह दोनों फ्लैट लेकर रहेंगे क्योंकि जो मामा के दोस्त थे अमित उनका घर बाके में था जो कि चंदका से दो घंटे की दूरी पर था तो अप एंड डाउन में बहुत ज्यादा दिक्कत होती थी फ्लैट लेके रहने में वहां पर अलग ही मजा था जब मन करता था रात को घूमने निकल जाते थे क्योंकि जो अमित थे उनके दोस्त उनके पास खुद की गाड़ी थी और मामा जी थे सायोनी के उनके पास भी खुद की गाड़ी थी तो कभी भी कहीं का प्लान बनता था तो कोई भी एक दूसरे की गाड़ी उठाकर निकल जाता था |
इन दोनों की दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी थी 2017 की बात है जब अमित के बड़े भाई की वाइफ प्रेग्नेंट थी मतलब अमित की जो भाभी थी वो प्रेग्नेंट थी और एक्सपेक्टेड डिलीवरी की डेट बहुत ज्यादा करीब थी नौवां महीना चल रहा था और अमित के दिमाग में एक अलग ही एक्साइटमेंट चल रहा था कि भाई घर में भतीजा या भतीजी आएगी और मैं पक्का उसे सबसे पहले गोद में उठाने वाला हूं और वह हमेशा अपने बड़े भाई को फोन पर बोला करते थे कि भाई कोई भी कॉम्प्लिकेशन हो कोई भी चीज अगर पास ना हो तो बस मुझे कॉल कर दिजियेगा मैं गाड़ी उठा के आ जाऊंगा |
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एक दिन अनएक्सपेक्टेड सा हादसा उनके साथ होता है जब वह चंदका में मामा के साथ रह रहे थे तब अचानक से एक दिन अमित के बड़े भाई का फोन आता है कि तेरी भाभी को कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो रहे हैं फटाफट से गाड़ी उठा के आजा तो जो मेरे मामा थे वह बोलते हैं अमित को कि भाई रात के 8:30 बज रहे हैं और जो रास्ता है पूरा फॉरेस्ट एरिया है तो थोड़ा सा संभल के, हो सके तो देख ले अगर तू अवॉइड कर सके अमित बोलता है नहीं भाई यह मेरे बड़े भाई का सवाल है उनका कॉल आया था और भाभी को कुछ कॉम्प्लिकेशंस है तभी मेरे पास फोन आया है उनके दिमाग में 36 तरीके की टेंशन चल रही होती है अमित अपनी गाड़ी उठाता हैं और रात के 8:30 बजे निकल जाता हैं रास्ता जो था वह पूरा का पूरा फॉरेस्ट एरिया के बीच में पड़ने वाला था वह अपनी गाड़ी उठाते हैं हल्के हल्के गाने चलते रहते हैं और वह गाड़ी उठाकर उस हाईवे की ओर निकलते हैं |
अमित को मिला एक बुढा ब्यक्ति

जो बिल्कुल स्ट्रेट जाकर बांके के बिल्कुल चोटी पर टकराने वाला था अमित को याद था कि बीच में एक पेट्रोल पंप पड़ने वाला है लेकिन पेट्रोल पंप जो था वह भी कोई बहुत ज्यादा डेवलप नहीं था वो भी जंगलों के बीच में था अमित जब वहां से निकलते हैं और रास्ता 2 घंटे का था एक घंटे बाद पेट्रोल पंप आने वाला था एकदम से उनको बीच में टॉयलेट का बहुत ज्यादा प्रेशर आता है वह पेट्रोल पंप से 10 मिनट की दूरी पर जब वहां पहुंचते हैं तो कंट्रोल नहीं कर पाते वह अपनी गाड़ी वहां पर रोकते हैं फटाफट से उतरते हैं और टॉयलेट करना स्टार्ट करते हैं टॉयलेट करते टाइम वह आसपास देखते तो वहां पर एक भिखारी बैठा हुआ था जिसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी उसकी शर्ट फटी थी पैंट भी बुरी तरीके से फटी हुई थी और वह मुंह नीचे करके बैठा हुआ था |
अमित वहां पर टॉयलेट करते हैं और एकदम से भिखारी से बोलते हैं कि भाई आप यहां पर क्यों बैठे हुए हो 10 मिनट आगे पेट्रोल पंप है वहां जाकर हाथ सेक लो और वो जो भिखारी था एक बार बस अमित की तरफ देखता है और मुंह नीचे कर लेता है अमित सोचता है ठीक है मेरे को क्या मतलब है भाई की इच्छा है आराम से बैठा हुआ है अमित अपनी गाड़ी में बैठते हैं और 10 मिनट दूर पेट्रोल पंप पर जाते हैं पेट्रोल भरवाते हैं और वहां से निकलते हैं वह 15 किलोमीटर आगे पहुंचे थे की अचानक से उनकी जो गाड़ी थी वहां पर झटके से बंद हो जाती है और अमित अचानक से परेशान हो जाते और उनके दिमाग में यह टेंशन चल रही होती है कि बड़े भाई वैसे ही मुझे किसी काम के लिए नहीं बोलते और आज जो काम बोला तो वहां पर भी गाड़ी ने साथ छोड़ दिया |
वह गाड़ी को बार-बार स्टार्ट करके देख रहे होते हैं तभी वह एकदम से पीछे मुड़ के थोड़ा सा देखते हैं तो वह देखते है कि वही भिखारी कम से कम 50 से 100 मीटर की दूरी से उनके पास आता दिखता है वहां पर जो स्ट्रीट लाइट थी वह भी बहुत कम जल रही थी और ब्लिंक भी कर रही थी तभी अमित की धड़कने वहां पर रुक सी गई यह सोचकर कि यह भिखारी जो 15 किमी मैं इसे पीछे छोड़ के आया था यह अचानक से यहां पर कैसे आ गया अमित आंख बंद करते हैं और बस मन ही मन में सोच रहे होते है कि कुछ मेरा भला हो जाए कुछ अच्छा हो जाए कुछ ऐसा ना हो कि मेरे साथ आज कोई हादसा हो,उसके बाद जैसे ही वह आंख खोल के देखते हैं वह भिखारी एकदम से उनके शीशे पर होता हैं यह देखने के बाद अमित की जैसे रूह काप गई थी उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ अब क्या होने वाला है |
अमित डर कर पढ़ा Hanuman Chalisa

वह फटाफट से आख बंद करते हैं और हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ना शुरू करते हैं फिर वह जैसे ही आंख खोलते है और देखते है कि वो जो भिखारी था वह गाड़ी के आगे जाना स्टार्ट करता है तो इनकी थोड़ी सी सास वापस आई वह गाड़ी दोबारा से स्टार्ट करने की कोशिश करते हैं और गाड़ी स्टार्ट करते हुए सामने देखते हैं तो वह जो भिखारी था इनकी ओर ही देख रहा था गाड़ी के बोनट की तरफ खड़ा होके और तभी वह एकदम से गोल-गोल घूमना स्टार्ट हो जाता है जैसे मानो उसके अंदर पता नहीं कौन सी एक अजीब सी आत्मा आ गई हो वह बार-बार गोल-गोल घूमना स्टार्ट करता है और अब अमित बहुत बुरी तरीके से डर जाते हैं अमित जब तक उसे ध्यान से देखते है तब तक उनकी गाड़ी के ऊपर बाउंस करके कुछ गिरता है जैसे कोई बॉल हो तीन-चार बार बाउंस करता है अमित की गाड़ी में हनुमान जी की एक मूर्ति लगी हुई थी वो स्टेयरिंग को जोर से पकड़ते हैं और Hanuman Chalisa गाना स्टार्ट करते हैं तो दो मिनट बाद सब कुछ बिल्कुल शांत हो जाता है और Hanuman Chalisa पढ़ते वक्त उन्होंने ऐसा फील किया की जैसे गाड़ी के बाहर एक गोल सी आग की लेयर बन गई है |
जैसे Hanuman Chalisa अमित को प्रोटेक्ट कर रही थी सामने वाली चीज से और Hanuman Chalisa पढ़ते पढ़ते वो इतना ज्यादा प्रोटेक्ट हो जाते है की आंख खोल के देखते है तो वो भिखारी वहां से जा चुका था वो डर के मारे फटाफट अपने बड़े भाई को फोन करते है कि बड़े भाई ऐसे-ऐसे बात है मेरी गाड़ी बंद हो गई है और कोई इंसान है जो मेरा पीछा कर रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे वो मुझे मारने वाला है तू फटाफट से आजा उन्होंने बताया कि उनका घर जो था वहां से आधे से पौना घंटा दूर था लेकिन गाड़ी को बार-बार स्टार्ट करने पर भी वो गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी और वो जो भिखारी था वो उनको ऐसे बार-बार दिखता था जैसे उस पेड़ के पास दो आंखें देख रही है वो फटाफट से आंख बंद कर रहे हैं, लेफ्ट में देख रहे हैं तो दो आंखें दिख रही है, पीछे मुड़ के देख रहे हैं तो उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वह जो भिकारी है वह घूर के देख रहा है |
और उसकी आंखें जो है वो अंधेरे में पीली कलर की चमक रही है आधे घंटे तक अमित वहीं पर बैठे रहे गाड़ी के अंदर Hanuman Chalisa पढ़ते रहे जब तक वह Hanuman Chalisa पढ़ते रहे वह जो एनर्जी थी वो उनके गाड़ी के आसपास भी नहीं आ पाई फिर एकदम से आंख बंद करके खोलते हैं तो वह देखते कि उनका जो बड़ा भाई था वह बाइक लेकर उनकी गाड़ी के सामने आता है और अचानक से उनके गाड़ी के शीशे पर नॉक करते हैं तो अमित देखते है कि भाई आ गया तो बोलते है भाई ऐसे ऐसे मैंने किसी को देखा है, भाई प्लीज निकल लो यहां से फटाफट, बाइक मत रोक तेरे साथ भी कोई हादसा हो जाएगा उसका भाई बोलता है कौन है यहां तो कोई भी नहीं है कैसी बातें कर रहा है तू डरता कितना है यार तू |
Hanuman Chalisa से भागा भूत

वैसे तो अपने आप में बड़ा महान बनता है तो अमित का जो बड़ा भाई होता है वह बाइक लेके आगे चलते हैं और अमित जो है पीछे गाड़ी में आ रहा होता है अचानक से अमित गाड़ी के बैक मिरर में देखता है तो वो जो भिखारी था वो उनकी गाड़ी के पीछे भागता हुआ आ रहा होता है फुल स्पीड में, अब अमित की सांसे ऊपर नीचे होने लगता है अमित के दिमाग में यही होता है की गेयर बढ़ाओ और हनुमान चालीसा बोलते रहो हनुमान चालीसा बोलता रहता है और बोलते बोलते फीर से पीछे मुड़ के देखता हैं तो वो भिखारी फाइनली वहां से गायब हो चुका था यह दोनों भाई घर पहुंचते हैं किसी तरह अमित जो था खुद को संभालता हैं और बड़े भाई की जो वाइफ थी वो हॉस्पिटल में थी तो ये दोनों फटाफट से वहां पर जाते हैं और वहां पर देखते हैं कि डिलीवरी हो चुकी है और एक बच्चे ने जन्म लिया है अमित भी बहुत ज्यादा खुश थे और उनके बड़े भाई भी बहुत ज्यादा खुश थे |
लेकिन अगले दिन से अमित की तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहने लगी उनका जो फीवर था वो नीचे नहीं उतर रहा था तो जब अमित को हॉस्पिटल लेकर गए डॉक्टर के पास तो डॉक्टर ने उनके टेस्ट वगैरह करे और बोला कि इनका तो सब कुछ नॉर्मल है हो सकता है कोई नॉर्मल वायरल हो तो अमित वापस आ जाता है घर पे तीन-चार दिन और निकल जाते हैं पूरा हफ्ता निकल जाता है और अमित की तबीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं हो रही होती उधर मामा पूछ रहे होते है की अमित भाई कंपनी में पूछ रहे है की तू कहां पर है मेडिकल सर्टिफिकेट दे दे क्या, पूरे हफ्ते से छुट्टी पर है अमित बोलता है भाई मैं बाद में बात करूंगा अभी मेरी तबीयत ठीक नहीं है और अमित फोन काट देते हैं तो मामा भी उनके बाके में पहुंचते हैं और पता करते हैं तो पता चलता है कि भाई यह कोई ऊपरी चीज भी हो सकती है जब अमित सारी चीजें बताते हैं कि ऐसे ऐसे मेरे साथ हुआ था वो भिखारी मेरे पीछे भाग रहा था |
तब अमित के बड़े भाई और मेरे मामा गाड़ी उठाते हैं और नजदीक के एक बाबा के पास जाते हैं जो वहां पर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध थे तो बाबा को जाके सारा इंसीडेंट बताते कि इनके साथ ऐसा ऐसा हुआ था तो बाबा बोलते है कि चलो गाड़ी में मेरे को एक बार लेके चलो जहां पर यह हादसा हुआ था जहां गाड़ी बंद हुई थी जहां वह भिखारी दिखा था जब यह लोग वहां पर जाते हैं तो जो बाबा थे वह नीचे उतरते हैं और एकदम से देखते हैं और बोलते है कि यह भूमि तो अपवित्र है उन्हें ऐसा लगता है जैसे यहां पर तो पहले भी बहुत सारे हादसे हो चुके हैं तो वह अपने हाथ में कपड़ा लेते हैं उसमें कुछ राई के दाने कुछ लौंग कुछ चावल के दाने हल्दी और कुछ अजीब अजीब से चीजे लेते हैं, उसको पैक करते हैं बोरी में गांठ बनाके वहां पर गड्ढा खोदते हैं और एक पेड़ के नीचे उसे दफन करके और बोलते कि चलो यहां से अभी मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा हम कल आके देखेंगे |
तांत्रिक ने खोला राज

अगले दिन फिर टाइम निकाल के दिन के टाइम पर वो आते हैं और जो बाबा जी होते हैं फटाफट से गड्ढे को खोदते हैं और जैसे ही वह उस पोटली को खोलते हैं तो बाबा जी की जो आंखें एकदम से छड़ जाती है और वाइट हो जाती है और वो बुरी तरीके से शेक करने लग जाते हैं इस तरीके से जैसे उनके अंदर पता नहीं कोई भूत प्रेत की आत्मा आ गई हो और सारे आपस में एकदम से डर जाते बोलते हैं बाबा बाबा आप ठीक हो बाबा ठीक हो तो बाबा अचानक से नॉर्मल होते हैं और बोलते है कि चलो यहां से फटाफट निकलो यहां से अभी के अभी यह जगह ठीक नहीं है मैं तुम्हें बताऊंगा मुझे पता चल गया क्या है क्या नहीं है तो जब यह लोग वापस उनके द्वार पर आते हैं और पूछते है कि बाबा क्या था तो बताते है कि अमित की जान जाते जाते बची है वह और कोई नहीं वह एक छलावा था |
शेप शिफ्टर वह वहां पर बैठा हुआ था और अमित ने उनके बगल में टॉयलेट कर दिया था और उस चीज से उसको बहुत ज्यादा ठेस पहुंची थी और अमित ने उससे बातचीत भी की थी कि तू अंदर क्यों नहीं चले जाते तुम बाहर क्यों बैठे हुए हो तो वह जो बॉडी थी छलावा की वह अमित की बॉडी को टेक ओवर करना चाहती थी मतलब मार देना चाहती थी उस दिन अमित ने हनुमान चालीसा पढ़ी तो वो बच गया वरना अमित के बचने के कोई भी चांसेस नहीं थे अगर आप हनुमान चालीसा में बिलीव करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छी चीज है कि आप हनुमान चालीसा जानते हैं और नहीं जानते तो आज से हि आपको पढ़ना शुरू कर लेना चाहिए एक बार, क्योंकि बहुत सारी मुसीबतों से हनुमान चालीसा बाहर निकालती है इसके बाद अमित जो था वह दो दिन बाद अपना ऑफिस ज्वाइन करता हैं |
और जिंदगी दोबारा नॉर्मल होती है लेकिन अब वह उस रास्ते पर दोबारा कभी नहीं जाता अगर कभी इमरजेंसी भी आ गई तो वह बाहर के रास्ते ले लेते है लेकिन वो कभी भी उस रास्ते से नहीं जाते इस कहानी से सिख कि कभी-कभी हमें अपने काम से काम रखना चाहिए बोलते हैं ना माय बिजनेस इज माय बिजनेस नन ऑफ योर बिजनेस तो कहीं ना कहीं यह कहावत बिल्कुल सही है कि राह पर बैठे इंसान से हर बार पूछना कि भाई क्या हुआ सब ठीक है वह भी हमें बहुत ज्यादा भारी पड़ जाता हैं और अमित के साथ भी कुछ ऐसा ही हुवा लेकिन अब वो बिल्कुल ठीक है दोस्तों अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को लाइक करे और हमे कमेन्ट मे जरूर बताए की क्या आपके साथ भी कोई भूटिया घटनाये हुई है क्या ?
Thank You
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