दिल्ली के एक सिनेमा हाल मे लोग पिक्चर देख रहे थे अचानक शॉर्ट सर्किट की वजह से वहा आग लग जाती है जिससे सब जिंदा जल जाते है और सारे लोग मारे जाते है आग इतनी तेज थी की लोग भाग भी नहीं पाए वहा से और सब जल के राख हो गए

Delivery Boy ने अपने दोस्त को बताई पूरी घटना
एक दिन उसके साथ एक घटना होती है और उस घटना को वह मेरे साथ शेयर किया लेकिन उसने मुझे बोला था कि यह बात किसी के साथ शेयर मत करना क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि जब – जब ऐसी बातें ज्यादा फैलती है तो नेगेटिविटी फैलती है और फिर लोगों के दिमाग में उल्टी सीधी चीजे आती है क्या लगता है आपको दो साल पहले उसने मुझे ऐसी कौन सी बात बताई जिससे मेरा दिमाग हिल गया था चलिए बताते है आपको |
दिल्ली के एक सिनेमा हाल मे लोग पिक्चर देख रहे थे अचानक शॉर्ट सर्किट की वजह से वहा आग लग जाती है जिससे सब जिंदा जल जाते है और सारे लोग मारे जाते है आग इतनी तेज थी की लोग भाग भी नहीं पाए वहा से और सब जल के राख हो गए कहा जाता है वहा से आज भी दर्दनाक तरीके से रोने और चिल्लाने की आवाजे आती है जब भी वहा आस पास से कोई गुजरता है तो उन्हे अजीब सा महसूस होता है और उनके साथ कुछ अजीब घटनाए भी होती अब वो जगह पूरी तरह से खंडहर हो चुका है उस सिनेमा हॉल में बड़े-बड़े पेड़ जंगल टाइप पूरी जगह पर हो गई है लेकिन उसके अंदर का तापमान हमेशा ठंडा रहता है ऐसा मानते है जो जिंदा लोग जले थे उनकी आत्माएं अभी भी वहां महसूस होती है |
Delivery Boy ( सत्येन्द्र ) की घटना
मेरा दोस्त सत्येन्द्र जो दिल्ली के एक रेस्टोरेंट मे काम करता था, घर के हालत सही नही होने की वजह से उसे ये जॉब करना पड़ा उसका काम था Delivery Boy का उसके साथ ही रेस्टोरेंट में कस्टमर को खाना देना या कोई अगर ऑर्डर आए तो उस ऑर्डर को एड्रेस तक पहुंचाना, ये बताते हुए मुझे थोड़ा अजीब लग रहा हैं लेकीन अब यह घटना एक दो साल पुरानी बात हो गई है की एक दिन मेरे दोस्त सत्येन्द्र के पास एक फोन आता है और उसको एक बड़ा आर्डर मिलता है उस ऑर्डर में तीन चार शाही पनीर, दाल मखनी, बटर नान, रसगुल्ले, बिरयानी, थी
अभी नई नई उसकी Delivery Boy की जॉब लगी थी नया नया ही वह रेस्टोरेंट भी खुला था जहां पर वह नौकरी कर रहा था वह बड़ा आर्डर पाकर बहुत खुश हो जाता हैं रेस्टोरेंट वाले भी बोलते है वाह भाई इतना बड़ा ऑर्डर आया बढ़िया पैसे मिलेगा बढ़िया कमाई होगी रेस्टोरेंट के सभी लोग मेरे दोस्त को कहते हैं अब वह पूरा का पूरा ऑर्डर पैक होता है और मेरे दोस्त को बोला जाता है जाओ बाइक स्टार्ट करो |
तभी एक फोन और आता है जो उसे घर का एड्रेस बताता है वो पता सिनेमा हाल के आस पास का था जहा उसे डिलीवर करना था उसकी नई-नई नौकरी थी और बड़ा ऑर्डर आया था तो मालिक भी खुश था वह बाइक स्टार्ट करता है और उस पते पर जाता है आपने दिल्ली कैंट का नाम सुना होगा ये वो जगह है जहां पर बहुत ज्यादा जंगल वगैरह है, वहां से गुजरता हुआ वह जाता है रात का टाइम था करीब 11 या 11:30 बजे थे
आर्डर लेकर एड्रेस पर पंहुचा Delivery Boy
उस टाइम उसे आधे घंटे के करीब लग जाता है रेस्टोरेंट से उस एड्रैस तक जाने मे जैसे ही वह उस घर पर पहुंचता है घर के ठीक सामने तीन मंजिला building था वहा लाइटें बंद थी बस एक थोड़ी सी लाइट उसे वहां एक कमरे के खिड़की से दिख रही थी, वहां बिल्कुल सन्नाटा था और कुत्ते भी भौक रहे थे इतनी रात हो चुकी थी की उसे अंदर ही अंदर बहोत अजीब महसूस हो रहा था वहा आसपास एक अजीब सा सन्नाटा था मानो सालों से वहा कोई रह ही नहीं रहा हो और उसे ऐसा लगने लगा था कि यार मै कहां आ गया |
वह रात को ऑर्डर ले लिया था क्योकि वह ऑर्डर बहुत बड़ा था इसलिए उसे कैन्सल करना भी अजीब लग रहा था फिर उसने सोचा की अब यहा तक आया हु तो ये देकर हि जाता हु थोड़े ज्यादा पैसे भी कमा लूँगा वो यही सोचकर वहा उस फ्लैट मे जाने को सोचता है उसने देखा आसपास वह जगह बिल्कुल ही खाली था ऐसा लग रहा था कि जैसे यहा कई सालों से कोई रहता ही नहीं हो फिर उसे लगा कि एड्रेस उसे दोबारा चेक करना चाहिए

जब Delivery Boy दरवाजे तक गया
तो वह तुरन्त एड्रेस चेक किया लेकिन फोन में एड्रेस उसी जगह का था फिर उसने अपने आसपास चारों तरफ नजर दौड़ाकर देखा तो नंबर भी उसी घर का था उसे थोड़ा अजीब सा लगा और उसे थोड़ी सी घबराहट भी हुई फिर सोचा जाके डोर बेल बजाता हूं उसने घंटी बजाई लेकिन घंटी बजा ही नहीं क्योंकि बिजली नहीं थी, और उसे अंदर से आवाज भी नहीं आई घंटी बजने की तो उसने दरवाजे पर खटखट करी, लेकिन कोई नहीं आया उसके बार बार गेट पर खटखट करते रहने पर भी दरवाजा कोई नहीं खोला |
गेट अंदर से बिल्कुल ऐसे बंद था जैसे मानो लग रहा था कि कोई इस घर में रहता ही नहीं हो बस ऐसे ही किसी ने प्रैंक कॉल कर दी हो या किसी ने ऐसे ही एड्रेस दे दिया हो और ऐसे ही मजे के लिए किये हो अब उसे ये भी टेंशन था की इतना ज्यादा खाने पैक करवा लिया है अब कितना ज्यादा नुकसान होगा अभी तक सब खुश हो रहे थे कि इतना पैसा आएगा उसने 5 से 6 बार खटखट और करी लेकिन कोई नहीं आया अंदर से,
फिर वह पीछे मुड़ा और अपनी बाइक की तरफ जाने लगा की तभी एकदम हल्के सी गेट की सिटकनी खुलने की आवाज आती है दरवाजा अनलॉक होने की आवाज आई तो वो पीछे मुड़ा उसे गेट अनलॉक की तो आवाज आई पर वह गेट नहीं खुला था उसने सोचा की जरूर अंदर कोई होगा जिसने दरवाजा खोला होगा वो जैसे गेट के पास गया उसने गेट को धीरे से टच किया जब तो व गेट खुल गया मतलब गेट अनलॉक हुआ था अंदर से उसने हल्का सा हाथ मारा तो धक्का मारते दरवाजा पूरा पीछे तक चला गया उसे यह बात थोड़ी सी अजीब लगी कि कोई आके गेट खुद पूरा भी तो खोल सकता था यह गेट अपने आप से तो अनलॉक नहीं हुआ होगा |
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