Gujrat Real Horror story जीतेन्द्र के नौकरी करते 4 साल हो चुके है उसका काम 9 घण्टे का होता है लेकिन ATM ख़राब होने पर उसे कभी भी जाना पड़ जाता एक रात काम पर से अपनी बाइक से जा रहा था तभी
दोस्तो हम लोगो से कभी कभी ऐसी घटनाये घटित हो जाती है जिसका हमें विस्वास करना मुश्किल हो जाता है कुछ ऐसी ही एक horror घटना गुजरात के रहने वाले जीतेन्द्र के साथ हुआ जिसके बाद उनकी पूरी जिन्द़गी ही बदल गयी
जितेन्द्र गुजरात के एक ATM सर्विस कम्पनी में काम करता था वह एक मध्यम वर्ग का लड़का था वो ना तो बहुत हाईफाई घर का था और ना ही बहुत गरीब घर का था बस किसी तरह उसके जीवन का गुजारा चल रहा था इतना वो जरूर कमाता था कि वो अपने पुरा फैमिली का अच्छे से देखभाल कर ले रहा था जीतेन्द्र के शादी को चार साल हो चुके थे और उसे एक बेटा भी था जीतेन्द्र के नौकरी का समय वैसे तो दिन के 9 घण्टे का होता है लेकिन ATM मशीन के फाल्ट होने पर उसे कभी भी किसी भी जगह जाना पड़ जाता था अपने इसी काम के सिलसिले में एक रात वो अपनी बाइक से जा रहा था उसके शहर से थोड़ी दूर एक रिहाइसी इलाके के एक ATM मशीन में कुछ फाल्ट हो गई थी और उसे ही ठीक करने जा रहा था वैसे तो काम करने के लिए 2 लोग साथ जाते थे लेकिन जीतेन्द्र का पार्टनर उस रात बिमार हो गया था जिसके लिए जीतेन्द्र को उस रात ATM मशीन की सर्वे के लिये अकेले ही जाना पड़ा जब जीतेन्द्र ATM मशीन के पास पहुँचा तो पहुचने के बाद वह अपने गाड़ी को स्टेंड पर खड़ा करके ATM मशीन को बाहर से ही देखने लगा तभी उसे एक खुबसूरत लड़की अपने बगल दिखाई दि तो जीतेन्द्र ने सोचा कि शायद पैसे निकालने आई होगी और वह ATM मशीन के ठीक होने का इंतेजार कर रही होगी |
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फिर ATM मशीन को ठीक करने के लिए जैसे ही जीतेन्द्र अंदर गया तो वह लड़की भी पीछे पीछे अंदर जाने लगी तभी सिक्यूरिटी गार्ड ने उस लड़की को बाहर रुकने के लिए कहा अब जीतेन्द्र अपना काम ATM मशीन को ठीक करना शुरु कर दिया और उसे ठीक करते करते अचानक उसका नज़र बाहर गया तो देखा की वहाँ बाहर खड़ी लड़की अब नहीं थी उसके बाद जीतेन्द्र ने अपने चारो तरफ देखा क्योंकि उस ATM से थोड़े ही दूर पर जंगल शुरू हो जाता था और वहाँ पर थोड़ी बहुत लासे भी दफनाई जाती थी इसलिए जीतेन्द्र ने सोचा कि वह लड़की इस सुनसान जगह पर कहा चली गयी यह सोचकर उसने दरवाज़े से बाहर झाका तो जीतेन्द्र के रगो में बहता खून ठण्डा पड़ गया क्योकि बाहर खडी लड़की का चेहरा बुरी तरह से जला हुवा था और वह सिक्यूरिटी गार्ड का सिर अपने हाथ में लिए हुए खड़ी थी और बाहर से ही जीतेन्द्र को घुर घुर कर देख रही थी ये सब देखकर जीतेन्द्र का तो दिल बेतहांसा तेज़ी से धडकने लगा वह एक बार अपने नजरो को वहा से हटा लि और सोचा कि हो सकता है कि ये उसका भ्रम हो वह ये सब सोच ही रहा था कि तभी अचानक उसके सिनियर का फोन बज उठा उनका फोन वहा के ATM मशीन का फाल्ट जल्दी ठीक करने के लिए था कापते कापते जीतेन्द्र फिर से काम पर लग गया और थोड़े ही देर में जीतेन्द्र उस ATM मशीन को ठीक करके बाहर निकला लेकिन इस बार ATM बूथ के बाहर देखने पर सब नार्मल लग रहा था वह लड़की वही खड़ी थी और उस ATM बूथ का गार्ड भी उसके आस पास में आराम से खड़ा था तो जीतेन्द्र ने सोचा कि पहले जो कुछ भी मैंने देखा वह सब क्या मेरा भ्रम था वह काम ख़त्म कर सीधा अपने बाइक की तरफ भागा और जाने से पहले एक बार के लिए ATM बूथ को ध्यान से देखा |
तब एक बार फिर से उसका दिल दहल गया एक बार फिर बाहर खड़ी लड़की ATM बूथ के गार्ड का सिर अपने हाथ में लेके खडी थी इस भयानक नजारे को देखकर जीतेन्द्र इस बार बुरी तरह से डर गया और वहाँ से भाग निकला जब वहा से जीतेन्द्र लौट रहा था तो उसके दिमाग में बार – बार यही चल रहा था की जो मैंने देखा क्या वह मेरा भ्रम था यही सब सोचते हुये जब जीतेन्द्र वहा से निकल के घर के लिए आ रहा था तो उसे महशूस होता है की जैसे कोई उसके पीछे वाले सीट पर बैठा है अभी वह थोड़ी ही दूर पंहुचा था की तभी उसकी बाइक बन्द पड़ गयी जो ठीक एक बरगद के पेड़ के पास जाकर रुकी जीतेन्द्र को यकिन नहीं हो रहा था कि उसके साथ यह सब सच में हो रहा है रुकने के बाद उस बरगद के पेड़ को देखने के लिए जैसे ही उसने अपनी नजरे उठाई तो बरगद के शाखा से झुलती हुई एक आकृति उसे नजर आई उस परछाई के हाथ में एक आदमी का सिर् था और वो बहुत अजीब आवाज में कुछ बोल रही थी ये सब देखकर तो जैसे मानो मै वही जम सा गया था नाही उसकी चीख निकल रही थी और ना ही उसके शरीर में हिलने डुलने की ताकत बची थी चुड़ैल पेड़ से नीचे उतर कर उसके पास आने लगी अब जीतेन्द्र उसके उल्टे पाव देखकर उसकी हालत बद से बत्तर हो गया था चुड़ैल को अपने पास आते देखकर जीतेन्द्र ने अपनी आखे बंद कर ली और भगवान को याद करने लगा चुड़ैल उसके बगल में आ कर बैठ जाती है और जितन्द्र का सिर सहलाने लगती हैं इसके बाद जीतेन्द्र के हालत का अंदाजा आप जान ही सकते हैं इतना सब देखकर जीतेन्द्र बेहोश हो गया और करीब 2 घन्टे बाद जब उसे होश आया तो उसने देखा की उसके सिर पर बाल ही नही थे |
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